अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में चीन से विवाद पर पहली बार बयान दिया है. पीएम मोदी ने कहा है कि जिन जवानों की शहादत हुई है, वो व्यर्थ नहीं जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें अपने जवानों पर गर्व करना चाहिए, वे मारते-मारते मरे हैं.बुधवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना वायरस पर वार्ता के पहले पीएम मोदी ने चीन सीमा पर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने कहा कि मैं देश को भरोसा देता हूं कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि सैनिक मारते-मारते मरे हैं. इसके साथ ही शहीद जवानों के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया.
#WATCH India wants peace but when instigated, India is capable of giving a befitting reply, be it any kind of situation: Prime Minister Narendra Modi pic.twitter.com/rJc0STCwBM
— ANI (@ANI) June 17, 2020
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने हमेशा से अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर काम किया है. हमेशा उनके विकास और कल्याण की कामना की है. जहां कहीं मतभेद भी रहे हैं, हमने हमेशा ये प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बने. हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं. लेकिन अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते. जब भी समय आया है हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है.’पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘त्याग और तपस्या हमारे चरित्र का हिस्सा है. विक्रम और वीरता भी हमारे चरित्र का हिस्सा है. देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता. इसमें किसी को भी भ्रम नहीं होना चाहिए. भारत शांति चाहता है लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है और हमारे दिवंगत शहीद वीर जवानों के विषय में देश को इस बात का गर्व होगा कि वे मारते-मारते मरे हैं.’
गौरतलब है कि 15 जून की रात लद्दाख की गलवान घाटी में LAC पर चीन और भारत की सेना में हिंसक झड़प हुई है. इस हिंसा में भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं. जानकारी ये भी है कि चीन के करीब 40 जवान हताहत हुए हैं, लेकिन चीन ने अब आधिकारिक तौर पर कोई संख्या नहीं बताई है. साथ ही चीन ने भारत पर ही कार्रवाई का आरोप लगाया है. जबकि भारत ने साफ तौर पर कहा है कि ये पूरी घटना चीन की हिमाकत का नतीजा है.सीमा पर अब भी तनाव है. हालांकि, बातचीत भी चल रही है. इस बीच पीएम मोदी ने 19 जून को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है. दूसरी तरफ ये भी जानकारी आई है कि चीन के खिलाफ भारत कड़े आर्थिक फैसले कर सकता है. चीनी प्रोजेक्ट को लेकर कड़ाई होगी. उन प्रोजेक्ट को रद्द किया जा सकता है, जिनमें चीनी कंपनियों ने करार हासिल किए है. इनमें मेरठ रैपिड रेल का प्रोजेक्ट भी शामिल है, जिसकी बिड चीनी कंपनी ने हासिल की है.