अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: पुलिस अधिकारी द्वारा चालान के नाम पर रिश्वत लेने के संबंध में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पुलिस की जांच में झूठा पाया गया। पुलिस का दावा है कि वीडियो में दिख रही कार सवार युवती ने चालान के डर से अपने साथी को बुलाया था,जिसने अपने हाथ में लिए 500 रुपये का नोट दिखाकर पुलिस अधिकारी के रिश्वत लेने की झूठी कहानी बनाई।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया। मामले को गंभीरता से लेते हुए सहायक पुलिस आयुक्त, यातायात रमेश कुमार को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। जांच के दौरान घटनास्थल के आसपास लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज ली गई। इस मामले में जिस पुलिस अधिकारी व उनकी टीम पर रिश्वत लेने के आरोप थे, उनसे भी पूछताछ की गई। रमेश कुमार ने जांच में पाया कि यह वीडियो 24 जून की शाम 7.40 बजे का है और ज्वाला मिल टी-प्वाइंट्स एक्सप्रेस-वे पर बना है। युवती की कार के शीशों पर फिल्म लगी थी, जिस वजह से ट्रैफिक पुलिस के उप-निरीक्षक नरेंद्र की टीम में तैनात एक सिपाही ने कार रोकी थी। इसी दौरान उप-निरीक्षक ने कार का चालान करने को कहा तो युवती टाल -मटोल करती रही। इसी बीच उसने फोन करके अपने एक युवक साथी को बुला लिया। उसने घटनास्थल पर आते ही 500 रुपये का नोट लेकर पुलिस टीम को रिश्वत देने की झूठा वीडियो भी बनाया। पुलिस का कहना है कि युवती और युवक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।