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नई दिल्ली: मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना को कैबिनेट की मंजूरी, अब राशन की होगी डोर स्टेप डिलीवरी – अरविंद केजरीवाल

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने आज राशन की डोर स्टेप डिलीवरी की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली कैबिनेट का यह फैसला क्रांतिकारी कदम साबित होगा। ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन’ योजना के तहत पात्र गरीब लाभार्थियों को राशन लेने के लिए दुकानदार के पास नहीं जाना होगा, बल्कि पैकेट में साफ-सुथरा गेहूं की जगह आटा, चावल और चीनी उनके घर पहुंचाया जाएगा। लोगों के पास डोर स्टेप डिलीवरी और दुकानदार से राशन लेने के दोनों विकल्प दिए जाएंगे। वह अपनी सुविधानुसार विकल्प चुन सकता है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस योजना के साथ ही केंद्र सरकार की ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना भी लागू की जाएगी। योजना को लागू होने में करीब 6 महीने का समय लग सकता है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे खुशी है कि कभी हम गरीबों को राशन दिलाने के लिए लड़ाई लड़ते थे, आज जनता और उपर वाले ने हमें राशन की पूरी व्यवस्था ठीक करने का मौका दिया है। 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि कोरोना की इस माहामारी के दौर में रोज हमें मायूस करने वाली खबरें मिलती हैं। ऐसे दौर में मैं आप लोगों के लिए एक अच्छी खबर दे रहा हूं। पूरे देश में हर सरकार केंद्र सरकार के साथ मिल कर अपने-अपने राज्य के गरीब लोगों को राशन बांटती हैं। जिसमे गेहूं, चावल, चीनी शामिल हैं। जब से देश में राशन बंटना शुरू हुआ, गरीबों को राशन लेने में बहुत दिक्कत आती है। दुकानें खुलती नहीं हैं। लम्बी-लम्बी लाइनें लगती हैं। लोगों को पूरा राशन नहीं मिलता है। राशन को ठीक से तौला नहीं जाता है। देश भर से शिकायतें आती हैं कि राशन में मिलावट की जाती है और पैसे अधिक ले लिए जाते हैं। राशन लेने के लिए एक गरीब आदमी को कितनी तकलीफें उठानी पड़ती है। जबकि राशन उसका हक होना चाहिए। पिछले पांच साल से, जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आई है, हमने राशन वितरण में काफी सुधार किया है। अब दिल्ली के अंदर लोगों को राशन मिलने लगा है और दुकानें समय पर खुलने लगी हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हमारी कैबिनेट ने जो निर्णय लिया है, वह किसी क्रांतिकारी कदम से कम नहीं है। आज कैबिनेट की बैठक में डोर स्टेट डिलीवरी योजना को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ होगा। अब इस योजना के तहत लोगों को राशन की दुकानों पर नहीं आना पड़ेगा, बल्कि अब राशन गरीब लोगों के घर इज्जत से पहुंचाया जाएगा। इस योजना के तहत एफसीआई के गोदाम से गेंहूं उठाया जाएगा, उसे चक्की पर ले जाकर आटा बनाया जाएगा। आटा, चीनी और चावल को बोरी के पैकेट में पैकिंग की जाएगी और अच्छे, साफ-सुथरे राशन के पैकेट हर घर के अंदर लाभार्थी को पहुंचाया जाएगा। मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल ने कहा कि योजना का लाभ लेने के लिए हर एक व्यक्ति को विकल्प दिया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति कहता है कि उसे राशन दुकानदार के यहां से ही राशन लेना है, तो वह वहां जाकर ले सकता है। यदि कोई कहता है कि उसे राशन की होम डिलीवरी चाहिए, तो उसे घर पर राशन पहुंचाया जाएगा। इन दोनों विकल्प के बारे में सभी से पूछा जाएगा। होम डिलीवरी के अंदर गेहूं की जगह आटा दिया जाएगा। हमें उम्मीद है कि यह योजना छह से सात महीने के अंदर शुरू हो जाएगी। क्योंकि अभी इसमें टैंडरिंग की जाएगी और कंसल्टेंट हायर किए जाएंगे। इसको लागू करने में छह से सात महीने लग सकते हैं। 

मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसी के साथ, जिस दिन से दिल्ली में ‘मुख्यमंत्री राशन घर-घर योजना’ शुरू होगी, उसी दिन से दिल्ली के अंदर केंद्र सरकार की योजना ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना भी लागू कर दी जाएगी। केंद्र सरकार की योजना है कि पूरे देश के अंदर राशन कार्ड एक ही होना चाहिए। यदि कोई बिहार, वेस्ट बंगाल, झारखंड में रह रहा है और यदि वह काम करने के लिए दिल्ली में आता है, तो उसका राशन कार्ड दिल्ली में भी मान्य होना चाहिए। केंद्र सरकार की इस योजना को भी दिल्ली सरकार अपनी डोर स्टेड डिलीवरी के साथ लागू करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यक्तिगत तौर मेरे लिए यह बेहद खुश की बात है कि डोर स्टेप डिलीवरी की क्रांतिकारी योजना दिल्ली में लागू की जा रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राजनीति में आने से पहले मैं और उपमुख्यमंत्री  मनीष सिसोदिया ‘परिवर्तन’ नामक एक संस्था चलाया करते थे। दिल्ली की झुग्गी बस्तियों के अंदर गरीबों के साथ काम करते थे। गरीबों के हक की लड़ाई लडते थे। गरीबों को जब राशन नहीं मिलता था, तब उनको उनका हक दिलाने के लिए मशक्कत किया करते थे। हम लोग राइट टू इंफार्मेशन (सूचना का अधिकार) के लिए लड़े। जिसके बाद देश में राइट टू इंफार्मेशन कानून लागू हुआ। हम लोगों ने इस कानून का सबसे अधिक इस्तेमाल गरीबों को राशन दिलवाने में किया। उन दिनों में लोगों का राशन चोरी हो जाया करता था और उन्हें पूरा राशन नहीं मिलता था। सरकारी कागजात में इंट्री कर दी जाती थी कि सभी को राशन दे दिया गया। उनके फर्जी अंगूठे भी लगा दिए जाते थे, लेकिन जब लाभार्थी से पूछते थे, तो पता चलता था कि उन्हें राशन ही नहीं मिला। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उस दौर में राशन का बहुत बड़ा माफिया था। जब हम इसके खिलाफ लड़े, तो कई बार हमारे उपर हमले भी हुए। तब हम लोगों ने सोचा नहीं था कि एक ऐसा समय आएगा कि दिल्ली की जनता और उपर वाला हमें राशन की पूरी व्यवस्था ठीक करने का मौका देंगे। आज हमें बेहद खुशी है कि 2005 के आसपास हमने जो लड़ाई लड़ी थी, आज उसको परिवर्तन करने का हमें मौका मिला है और आज दिल्ली में योजना लागू हो रही है। हमने गवर्नेंस में डोर स्टेप डिलीवरी सर्विसेज को लागू किया। जिसमें किसी को डीएल या कोई भी लाइसेंस चाहिए, तो अब उसकी डोर स्टेप डिलीवरी होती है। अब आपको सरकारी दफ्तरों के आगे लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ता है। उसी तरह, मुझे लगता है कि डोर स्टेप डिलीवरी आँफ राशन के तहत जो हम घर-घर राशन पहुंचाएंगे, वह गवर्नेंस रिफार्म (शासन सुधार) में यह बहुत बड़ा कदम होगा।

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