अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नईदिल्ली: कांग्रेसअध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी ने कहा – डॉ. चरणदास महंत जी, भूपेश बघेल जी, पी.एल. पुनिया जी, टीएस सिंह देव जी, ताम्रध्वज साहू जी, मोहन मरकम जी, विधायकगण, अतिथिगण, छत्तीसगढ़ के प्यारे भाईयो और बहनों, आज छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा भवन का शिलान्यास हो रहा है। मैं सबसे पहले छत्तीसगढ़ के प्रभारी और छत्तीसगढ़ की जनता को इसके लिए ढेर सारी बधाई देना चाहती हूं। छत्तीसगढ़ की विधान सभा का गठन हुए 20 वर्ष हो रहे हैं, लेकिन विधानसभा का नया भवन अब बनेगा.विधायिका हमारे लोकतंत्र का सबसे बड़ा स्तंभ है, सबसे अहम स्तंभ है, संसद और विधानसभाएँ हमारे लोकतंत्र के पवित्र मंदिर हैं.इन्हीं मंदिरों में हमारे संविधान की रक्षा होती है, लेकिन याद रखना होगा कि हमारा संविधान भवनों से नहीं, भावनाओं से बचेगा। इन भवनों में दूषित और गलत भावनाओं के प्रवेश को रोकना होगा, तभी हमारा संविधान बचेगा। हमने पिछले 7 दशकों में एक बड़ी दूरी तय की है।
कई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है और कई बड़ी समस्याओं से छुटकारा पाया है, लेकिन हम अपने पुर्वजों के सपनों से अभी भी बहुत दूर हैं। आजादी की लड़ाई के दौरान जो प्रण हमने किया था, उसे पूरा करने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है पिछले कुछ समय से हमारे देश को पटरी से उतारने की कोशिश की जा रही है। हमारे लोकतंत्र के सामने नई चुनौतियाँ खड़ी हुई हैं। आज देश दो रास्ते पर खड़ा है – जनता को एक दूसरे से लड़ा कर राज करने वाली गरीब विरोधी, देश विरोधी ताक़तें देश में नफरत और हिंसा का जहर घोल रही हैं। अच्छी सोच पर गलत सोच हावी होती जा रही है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है। लोकताँत्रिक संस्थाएँ ध्वस्त की जा रही हैं और लोकशाही पर तानाशाही का प्रभाव बढ़ रहा है।
वो क्या चाहते हैं – वो चाहते हैं – हिंदुस्तान की आवाम, हिंदुस्तान के युवा, हमारे आदिवासी, हमारी महिलाएँ, हमारे किसान, दुकानदार और छोटे व्यापारी, हमारे जवान सभी अपना मुँह बंद रखें। वे देश का मुँह बंद रखना चाहते हैं। दो वर्ष बाद हमारी आजादी को 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, आधुनिक भारत के निर्माता पंडित जवाहर लाल नेहरु, संविधान सभा के अध्यक्ष जी वी मावलंकर और संविधान के रचयिता बाबा साहब अंबेडकर सहित हमारे सारे पूर्वजों ने ये कल्पना भी नहीं की होगी कि आजादी के 75 वर्ष बाद हम ऐसे कठिन दौर का सामना करेंगे, जब हमारा लोकतंत्रऔर संविधान ही खतरे में पड़ जाएगा। आज हमारे लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जब हम एक नए विधानसभा भवन की बुनियाद रख रहे हैं और यही वह दिन है, जब हम अपने लोकतंत्र की बुनियाद को सुरक्षित रखने की शपथ लें। हम आज शपथ लें कि जब तक हमारे हाथ में सत्ता रहेगी, हम कतार के अंतिम व्यक्ति को भी ध्यान में रखकर फैसले लेंगे।
मुझे ये कहते हुए संतोष हो रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की सरकार के फैसलों से अंतिम व्यक्ति का पूरा ध्यान रखने की कोशिश की जा रही है। 15 वर्ष की लंबी अवधि के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी है। हमारे तमाम साथियों को शहादत देनी पड़ी।पिछले वर्षों में छत्तीसगढ़ में जो हुआ, वह उदाहरण है कि एक दिशाहीन और विचारहीन सरकार जनहित के बारे में कभी नहीं सोच सकती। छत्तीसगढ़ एक संसाधन संपन्न राज्य है, लेकिन कुशासन ने इस राज्य को देश के सबसे गरीब और सबसे पिछड़े राज्य में तब्दील कर दिया। मुझे प्रसन्नता है कि हमारी सरकार ने सही दिशा में काम करना शुरु किया है।चाहे किसान की कर्जमाफी हो, बस्तर के आदिवासियों की जमीन लौटाना हो, राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना तक का योजना का सफर डेढ़ साल में पूरा करना सराहनीय कदम है.कुपोषण के खिलाफ अभियान से लेकर, हाट बाजार में इलाज और दवा का इंतजाम करने की योजना बनी है। तेंदूपत्ता के मजदूरों को उनकी मेहनत का सही भुगतान हो रहा है यह खुशी की बात है कि भूपेश बघेल जी अपने सहयोगियों के साथ छत्तीसगढ़ में समावेशी दृष्टिकोण से लोगों के दिलों को जीत रहे हैं। यही सरकारों का कर्तव्य भी होता है इन्हीं शब्दों के साथ छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा के भवन के शिलान्यास के अवसर पर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देती हूँ।