अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:सुश्री सुष्मिता देव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज सुबह आप लोगों ने देखा होगा कि उत्तर प्रदेश की प्रभारी और महासचिव प्रियंका गांधी जी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अजय बिष्ट जी के इस्तीफे की मांग की है। सवाल उठता है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का रेजिग्नेशन क्यों जरुरी है। कल रात को या आज सुबह-सुबह ढाई बजे, जिस तरह से उत्तर प्रदेश की सरकार ने हाथरस की बेटी के साथ अन्याय किया, अगर वहाँ उसी परिवार को और हाथरस की बेटी को न्याय देना है, उसका सिर्फ एक ही जवाब है कि अजय बिष्ट का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा प्रधानमंत्री को मांगना चाहिए, इससे कम या इसको प्रधानमंत्री नहीं करते हैं, हम आज इस मंच से कहना चाहते हैं कि किसी तरह का न्याय हाथरस की बेटी के साथ नहीं होगा।
मुख्यमंत्री जी का ट्वीट आया, उन्होंने एसआईटी का गठन किया, मैं अजय बिष्ट जी से पूछना चाहती हूं कि क्या इस एसआईटी के पास वो पावर है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बुलाया जाए उस एसआईटी में? आज अपराधियों का अरेस्ट हुआ, पर मुख्यमंत्री को एसआईटी के सामने जवाब देना चाहिए कि जिस बच्ची का इस तरह से बलात्कार हुआ, जिसकी रीढ़ की हड्डी टूटी, जिसकी जीभ को काट कर फेंक दिया गया, आपने उस बच्ची को पहले डिस्ट्रिक्ट अस्पताल में रखा, आपने उसको फिर अलीगढ़ के एक अस्पताल में रखा। 8 दिन एक नोर्मल वार्ड में रखा और सफदरजंग अस्पताल में आपने तब पहुंचाया जब शायद उसका अंतिम वक्त आ चुका था। इसका दायित्व कौन लेगा? इसका दायित्व, इसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लेनी चाहिए। एसआईटी काफी नहीं है, फास्ट ट्रैक कोर्ट काफी नहीं है, सिर्फ अरेस्ट काफी नहीं है, अजय बिष्ट जी को जवाब देना चाहिए कि आपने 8 दिन तक एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की? आप उत्तर प्रदेश के गृहमंत्री हैं, आपको जवाब देना चाहिए कि आपने 6 दिन नोर्मल वार्ड में आपने उस बच्ची को क्यों रखा और सबसे बड़ा सवाल कि जब उस बच्ची ने अपनी आखिरी सांस ली, आप रात के अंधेरे में उस बच्ची को एंबुलेंस में डालकर उसके गांव लेकर गए और जो वीडियो आज आप लोगों ने फ्लैश किया है, मीडिया के दोस्तों ने फ्लैश किया है कि उस बच्ची की माता जी के आंसू हमें दिख रहे हैं कि रो कर, हाथ जोड़कर कह रही है, मांग कर रही है कि उसके अंतिम संस्कार का अधिकार उस परिवार को क्यों नहीं दिया जा रहा है, उन्हें अपनी बच्ची को अपने घर तक ले जाने की उत्तर प्रदेश की सरकार इजाज़त क्यों नहीं दे रही है? इसकी जांच कौन करेगा? बलात्कारियों की जांच एसआईटी करेगी, पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की इस निर्दयता और षड़यंत्र की जांच कौन करेगा, प्रधानमंत्री जवाब दें?
हमारी सोच से बाहर है, हम सोच तक नहीं सकते कि एक मुख्यमंत्री के रहते,जो सुशासन की बात करते हैं, आज एक बच्ची का क्रियाकर्म हुआ, किसी रीति रिवाज को नहीं माना गया, ढाई बजे रात को जिस तरह से किया गया। आप क्या छुपा रहे हैं अजय बिष्ट जी? आपकी नाकामी आज साबित नहीं हुई, जबसे आप मुख्यमंत्री के पद पर बैठे हैं, तब से आपकी नाकामी बार-बार साबित हुई है, पर जो कल या आज सुबह हाथरस की बेटी के साथ किया गया, आपने हर हद को पार किया, हर सीमा को पार किया। कांग्रेस पार्टी की मांग है कि एक ही तरीका है इस मामले में न्याय करने का कि अजय बिष्ट जी को अपनी गद्दी छोड़नी चाहिए। एसआईटी में भगवान स्वरुप बैठे हैं, जो एसआईटी चलाएंगे, पर भगवान स्वरुप जी से हमारा ये सवाल है कि जो यमराज का रुप धारण करके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, अपनी गद्दी पर बैठे हैं, उस यमराज के साथ क्या आप कोई जांच करेंगे? अगर प्रधानमंत्री इससे मुकर जाते हैं, तो मैं कहूंगी कि हमें शर्म आती है और हर महिला के लिए शर्म की बात है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी हैं, जो सिर्फ झूठे भाषण देते हैं और एक निकम्मेपन मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश में बिठा रखा है।
There must be an enquiry. The subject matter of the enquiry must go beyond the rape, beyond the activities of the rapists. There should be an enquiry against the gross and criminal negligence of the Chief Minister of Uttar Pradesh, Ajay Bisht, who is also the Home Minister of Uttar Pradesh. The way she was cremated, is a gross violation of human rights. The way, she was left in a normal ward for more than 6 days, is a gross violation of human rights. For 8 days, there was no FIR and when there was an FIR, look at the sections, this hopeless and ruthless Government gives. No section of rape, can the Prime Minister of India tell this country that the very state from which you are elected as MP, your Chief Minister is repeatedly failing and the women of UP are being brutally murdered, killed, raped and the Prime Minister is watching.Today, I am ashamed to say that the Union Women and Child Development Minister is also from UP and she is silent. She is nothing, but, a drama queen. She is a women of no conviction, zero integrity and in the Indian history, the worst and shameless, Women and Child Development Minister, this country has ever seen and don’t you tell us, we are politicizing it. The same Prime Minister who had said- “Nirbhaya ko yaad rakhna” before 2014 elections is dumb and silent today.
अजय बिष्ट को गद्दी छोड़नी पड़ेगी, ये कांग्रेस पार्टी की मांग है और जब तक आप गद्दी नहीं छोड़ेंगे, हम सड़कों पर उतरेंगे और हमारी नेता प्रियंका गांधी वाद्रा जी के नेतृत्व में हम अब अजय बिष्ट सरकार को चैन की नींद नहीं सोने देंगे। उदित राज ने कहा कि हमारी पार्टी की नेता, महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव जी ने बड़े विस्तार से आपके सामने इस बात को रखा है। मैं दूसरे पक्ष के बारे में बोलना चाहूंगा कि जब-जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार होती है, दलित उत्पीड़न बढ़ते हैं, उनके सुरक्षा, शिक्षा, रोजगार पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। जौनपुर में, आजमगढ़ में, कानपुर देहात में, लखीमपुर खीरी में और अब हाथरस में कितने जघन्य अपराध दलितों के ऊपर हुए हैं। गुजरात के बाद में ये दूसरी प्रयोगशाला इनकी उत्तर भारत में शुरु हुई है। वहाँ अल्पसंख्यक के साथ किया, दलित के साथ किया, यहाँ दलितों के साथ कर रहे हैं, कितना इनको दबा दें, कितना इनको क्रश कर दो, इनका मनोबल खत्म हो जाए और जो इनकी कल्पना है, इनकी विचारधारा जो है कि ये पहले शुद्र थे, गुलाम थे, उसी स्थिति में इनको पहुंचा देना चाहिए, तो ये प्रयोगशाला है कि ये 70-75 साल पहले जहाँ खड़े थे, वहीं उनको पहुंचाना है, वरना दलितों के साथ ही क्यों होता है ये सब? अन्य कोई घटना तो याद आती नहीं है कि ऐसा विक्टिम हो और रात में ताबडतोड़ बॉडी को जला दिया हो, तो इससे भी लगता है कि और घटनाओं से दलित की घटना भिन्न है, नंबर वन। नंबर टू, जब इतना जघन्य अपराध था, जीभ काट दी गई थी, रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई थी,बोल नहीं रही थी, तो उसका वहाँ लोकल अलीगढ़ में इलाज कराया गया, यह भी एक असाधारण बात है, वरना ऐसे मामले में इलाज वहाँ कराया जाता है,जहाँ सुपर स्पेशिलिटी होती है। तो मरने के लिए उसका कोई ध्यान नहीं दिया। ये प्रियंका जी के नेतृत्व में जब कांग्रेस एक्टिव हुई, डेमोस्ट्रेशन शुरु हुआ, तब मनीषा को परसों शाम को सफदरजंग अस्पताल में लेकर आए और जो बयान मैंने अखबार में पढ़ा कि एक तरह से मृत स्थिति में आई, ऑक्सीजन लेवल जिसका 50 पहुंच जाए, उसके जीने के कोई आसार नहीं रहते। तो उन्होंने कहा कि ऑलमोस्ट डेड बॉडी को लाए, अगर पहले लाए होते तो बचाया जा सकता था और जब इनकी सरकार केन्द्र में भी है और राज्य में भी, एम्स में क्या एक ऐसे असाधारण केस के लिए कोई जगह नहीं है? ये कहा गया कि एम्स में जगह नहीं है, सफदरजंग में इलाज किया जाए औऱ एम्स बेहतर, वन ऑफ द बेस्ट है, तो वहाँ पर ये हालत है।
ये जो अजय बिष्ट जी हैं, ये दलित विरोधी हैं, ये जितने लोगों ने आंदोलन किया, उनको दबाना, मारना, कुलदीप सेंगर को बचाना और चिन्मयानंद को बचा गए ये। चिन्मयानंद को जेल में होना चाहिए, जेल में पीड़िता हुई, सजा उसको मिली, तो हम बहुत आशांवित नहीं हैं इनसे कि दलित लड़की को न्याय मिलेगा और हम फिर देखगें कि जल्दी फिर घटनाएं होंगी क्योंकि इनकी विचारधारा इस तरह की है। तो आरएसएस और भाजपा की विचारधारा इस तरह की है, जो सेकुलर ताकतें हैं, जो दलित हैं, आदिवासी हैं, पिछड़े हैं, महिलाएं हैं, उनको नीचे दर्जे का नागरिक के रुप में ट्रीट करना, उनका पूरा इतिहास, पूरा लिट्रेचर, पूरी सोच है। उस सोच के ऊपर आपत्ति है, जो इस लड़की के साथ में हुआ। 10 दिन तक कोई सुध नहीं ली गई और ये भी मैं बता दूं कि अजय बिष्ट की जाति के ही लोग हैं चारों। ये अक्सर देखा जा रहा है और मैं ये नहीं कह रहा हूं, आम आदमी पार्टी ने भी इस पर आरोप लगाया है कि 54 जिलों में से 39 जिलों में एक ही जाति के, अजय बिष्ट की जाति के लोग बैठे हैं शासन, प्रशासन में, तो ये सर्वविदित है। ये जानबूझकर कराया जा रहा है कि इनकी कमर तोड दो, इनकी सोच को क्रश कर दो, इनमें जागृति पैदा हो रही है, ये दलित पहले जैसे नहीं रह गए हैं, तो अत्याचार इस तरह से किया जा रहा है और इन्हीं के गुंडे हैं, इन्हीं के लठैत हैं और इन्हीं के द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है। ये कहते हैं कि अपराधियों के फोटो चौराहे पर लगाए जाएंगे, तो अजय बिष्ट जी, खुद ही इनके खिलाफ में कितने मुकदमें रहे हैं, वो तो इनके ऊपर भी फिट बैठता है। कितने इनके ऊपर एफआईआर थे और कितने मुकदमें इनके ऊपर थे, तो इनसे कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है। हमारी मोदी जी से मांग है कि इनको डिसमिस करके दूसरा मुख्यमंत्री लाया जाए, अगर दूसरा मुख्यमंत्री नहीं ला सकते, तो राज्यपाल शासन लागू करना चाहिए, लेकिन अजय बिष्ट के बस का नहीं है उत्तर प्रदेश के जंगलराज को खत्म करना।
On a question related to the Union Women and Child Development Minister, Ms. Dev said- I think, the Women and Child Development Minister is so irrelevant and she has made herself irrelevant. Today, I do not say, politicize it, but, she could have tweeted a condolence. Today, she can ignore our press meet, but, today, she ignored the brutality of what happened in her state. I think, she should resign as a member of Parliament, being a woman and coming from a state, she should not only resign from the Ministry, she should give up membership as a Member of the Lok Sabha, given the NCRB data and the state of women security in the state of UP. She will go down in the history of UP as a Minister, as a Women Union Minister and a Women MP, who stood by and watched women getting raped in UP and did not as much as tweet a condolence, visit any family, she has never visited, she could have demanded a compensation, none of that happened, she is nothing, but, a slave of the BJP. She doesn’t deserve to be a public representative.
On another question, Ms. Dev said- Congress Party has every intention of agitating till there is action taken against the Chief Minister of UP, but, the question is, what the next few days will unfold is, we have seen how the Police of UP, how the Administration of UP, how the Chief Minister of UP has misused and abused power to stop every agitation in UP, whether it’s against journalists, whether it’s against activists, whether it’s against Priyanka Gandhi Ji herself, who was physically assaulted by a police officer, whether it was in Sonbhadra, that is the tyranny, we have to fight against, we have the determination, the question is, can we defeat an entire administration of one of the largest state of the country, the challenge is ours and we will try our best to meet it.