अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: ग्रीन फिल्ड कालोनी में निर्माणधीन इस खूब सूरत बिल्डिंग को खरीदने से ग्राहकों को बचना चाहिए, हाल फिलहाल ख़रीदा हैं तो अपना दिया गया पैसा तुरंत वापिस ले ले। यदि आपने एक भी फ़्लैट खरीद लिया हैं तो जिंगदी भर आपको पछतावें के अलावा कुछ भी हाथ नहीं लगेगा। इस बिल्डिंग को वीरवार को डीटीपी इंफोर्स्मेंट एंव विजिलेंस की टीम ने इस वैध बिल्डिंग में किए अवैध निर्माणों का कुछ ही हिस्सा तोड़ पाई थी। इस लिए पूरी बिल्डिंग को सील कर दिया गया हैं। मजदूरों की माने तो इस बिल्डिंग को बिल्डर सुमित अग्रवाल ने बनाया हैं। यह खबर आपको सावधान करने के लिए हैं,गलती से भी इस बिल्डिंग आपने एक भी फ़्लैट खरीद लिया तो समझों आप लूट गए।
ग्रीन फिल्ड कालोनी के प्लाट नंबर -932 में पार्किंग के साथ चार मंजिलें बनाई गई हैं। इस बिल्डिंग की आगे का हिस्सा तो नक़्शे के मुताबिक बनाई गई हैं। पीछे का जो हिस्सा होता जो खुला होता हैं, उसमें बिल्डर सुमित अग्रवाल ने चार मंजिलों पर अवैध रूप से बाथरूम बनाई हुई हैं। इस बिल्डिंग की किसी भी फ्लोर पर आप एक भी फ्लैट खरीदें तो पीछे का बाथरूम आपको अवैध मिलेगा।
कल वीरवार को जब डीटीपी इंफोर्स्मेंट एंव विजिलेंस की टीम ने इस बिल्डिंग की अवैध हिस्सों को बुल्डोजर से तोड़ रहीं तो देखा गया कि दीवार में बिल्कुल घटिया सामग्री इस्तेमाल किया गया। जरा सा बुल्डोजर का पंजा लगते ही पुरी की पुरी दीवार अपने आप गिर कर टूट रही थी। जिस स्थान पर बुल्डोजर से तोड़ती हुई दिखाई दे रही हैं, ठीक उसी के हिस्से के ऊपर के चार मंजिलों तक बाथरूम के अवैध निर्माण बनाया हुआ हैं। इस खूब सूरत बिल्डिंग को देख कर सीधा साधा कोई भी इंसान फ्लैट खरीद ना लें। और उनकी जीवन भर कमाई बिल्डर लूट ना लें, इसी सोच के साथ डीटीपी इन्फ़ोर्मेंट एंव विजिलेंस नरेश कुमार ने पूरे बिल्डिंग की सीलिंग कर दी हैं। डीटीपी इंफोर्स्मेंट एंव विजिलेंस नरेश कुमार ने कहा कि इस बिल्डिंग में बनाई गई फ्लैटों को खरीदने से पहले उनके विभाग से एक बार ग्राहक अवश्य संपर्क करें।
वैसे भी इस बिल्डिंग को सील कर दिया गया हैं। इस बिल्डिंग में किसी भी निर्माण कार्य करते हुए पाया गया और लगाईं गई सील के साथ कोई छेड़छाड़ की गई तो जमीन मालिक व निर्माण करने वाले बिल्डर सुमित अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया जाएगा। अक्सर बिल्डरों से सुना गया हैं कि ग्रीन फिल्ड कालोनी में कोई भी बिल्डिंग बनती हैं तो इसी तरह से थोड़ी बहुत डीटीपी इंफोर्स्मेंट एंव विजिलेंस की टीम तोड़ कर चली जाती हैं, इसमें बिल्डरों का ज्यादा से ज्यादा 10 से 20 हजार रूपए का मामूली नुकशान होता हैं।
जब फिर से डीटीपी इंफोर्स्मेंट एंव विजिलेंस की टीम इस कालोनी में कार्रवाई के लिए आती हैं तब तक ग्राहकों को वह लोग धोखा देकर सभी फ्लैटों को बेच देते हैं। फिर तो फ्लैटों को खरीद ने वाले ग्राहक जानें। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास कोई ऐसी एजेंसी हैं जो इस बिल्डर की कार्य प्रणाली व बनाई जा रही प्रॉपर्टी की जांच करके, इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकें। इस बिल्डर ने पूरे ग्रीन फिल्ड कालोनी में बिल्डिंग में अवैध निर्माण कभी चोरी छिपे , कभी खुलेआम बनाई हैं। कभी डबल यूनिट व कभी ट्रिपल बना के । अब कई प्रोजेक्ट इस वक़्त चल रही हैं।