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सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाली रोहतक रोड के पुनर्विकास कार्य का शुभारम्भ किया

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाले रोहतक रोड के पुनर्विकास कार्य का शुभारम्भ किया। जखीरा गोल चक्कर से मुंडका तक करीब 13.33 किलोमीटर लंबी सड़क के पुनर्विकास का कार्य किया जाएगा।  इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार ने अब तक सभी कार्य कम समय और कम पैसे में पूरा किया है, रोहतक रोड भी 6 माह से कम समय में पूरा कर देंगे। मुख्यमंत्री ने दिल्ली के लोगों से अपील करते हुए कहा कि जब तक कोरोना की दवाई नहीं आ जाती, तब तक हम सभी को मास्क पहनने को एक आंदोलन बनाना होगा। दिल्ली में कोरोना की यह तीसरी लहर है। जिस तरह हम सब ने मिलकर अब तक कोरोना की दो लहर का सामाना किया है, उसी तरह तीसरी लहर भी जल्द ही खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली ने पराली का एक सामाधान दिया है, अब सरकारों के पास कोई बहाना नहीं है। पराली के समाधान के लिए दिल्ली की तरह ही दूसरे राज्यों को भी अपने किसानों की मदद करनी चाहिए। वहीं, पीडब्ल्यूडी मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि रोहतक रोड के पुनर्निकास का कार्य 6 महीने में पूरा होना है, लेकिन हम 4 महीने में पूरा करने की कोशिश करेंगे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रोहतक रोड की मरम्मत कार्य का शुभारम्भ करते हुए कहा कि इस सड़क के दोनों तरफ रहने वाले लोगों और रोज इस सड़क से गुजरने वाले लोगों की कई वर्षों से मांग थी कि यह सड़क काफी टूट गई है और इसका पुनर्निर्माण किया जाए। यह सड़क पिछली बार 2011 में बनी थी और अब 9 साल हो गए हैं। अक्सर हर 5 साल के अंदर सड़क दोबारा बना दी जाती है और हम देख रहे हैं कि इस सड़क का कितना बुरा हाल है। यह सड़क जगह-जगह से टूटी हुई है। हमारे चारों विधायक भी काफी दिनों से मशक्कत कर रहे थे कि यह सड़क दोबारा बनाई जाए। मै इस इलाके में रहने वाले सभी लोगों और इस सड़क को रोज इस्तेमाल करने वाले लोगों और दिल्ली के लोगों को बधाई देता हूं कि अब इस सड़क की मरम्मत का कार्य शुरू हो जाएगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री ने बताया है कि इस सड़क के बनने में 6 महीने लगेंगे, लेकिन हम कोशिश करेंगे कि 6 महीने से काफी कम समय में इसको पूरा कर दें। जैसा कि हमारी सरकार में दिल्ली के अंदर जितने भी काम कराए जाते हैं, उस काम को पूरा करने के लिए जितना समय निर्धारित किया जाता है, उससे कम समय में उस काम को पूरा कर देते हैं और कम पैसे में पूरा कर देते हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि कम समय और कम पैसे में यह शानदार सड़क भी बन कर तैयार हो जाएगी।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस समय कोरोना बहुत फैला हुआ है। दिल्ली में सबसे कठिन परिस्थितियों के अंदर हम सब दिल्ली के लोगों ने मिलकर कोरोना का सामना किया है। दिल्ली के लोगों को जानकारी देते हुए सीएम ने कहा कि सबसे पहले मार्च के महीने में कोरोना शुरू हुआ था। यह कोरोना हमारे देश में नहीं था, बल्कि यह बाहर से आया था। उन दिनों बाहर से जितनी फ्लाइट आईं थी,  उनमें से ज्यादा फ्लाइटें उन देशों से थी, जिन देशों में कोरोना के अधिक मामले थे। इटली, फ्रांस, लंदन में रह रहे बीमार भारतीयों को वहां से फ्लाइटें लेकर अपने देश में आई थी। वो सभी फ्लाइटें दिल्ली में उतरी थीं। उन दिनों में कोई जांच नहीं थी, कोरोना नया-नया था। लगभग 32 हजार लोग बाहर से दिल्ली आए थे और उसके बाद वे दिल्ली में जगह-जगह फैल गए थे। हम लोगों ने जीरो से शुरू नहीं किया था, बल्कि दिल्ली में कई हजार केस बाहर से आए थे। दिल्ली के अंदर कोरोना की परिस्थितियां हमेशा से काफी कठिन रही हैं। दिल्ली देश की राजधानी भी है। यहां केवल बाहर से ही नहीं, बल्कि पूरे देशभर से लोग आते है। कोरोना वायरस की यह तीसरी लहर है। पहले जून के महीने में, 23 जून को सबसे ज्यादा मामले आए थे। हम सब दिल्ली के लोगों ने मिलकर कोरोना का मुकाबला किया और उसे कम किया। उसके बाद अगस्त में थोड़े-थोड़े मामले बढ़ने लगे और 17 सितंबर को ज्यादा केस आए। इसके बाद फिर केस कम होने लगे थे। अब यह कोरोना की तीसरी लहर आई है। आज तक हमें हर काम में दिल्ली के लोगों का साथ मिला है। मैं उम्मीद करता हूं कि जैसे हमने अभी तक कोरोना की दो लहर का सामना किया और कोरोना को भगाया है, उसी तरह अब तीसरी लहर भी जल्द ही खत्म हो जाएगी। 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सब लोगों ने डेंगू का मुकाबला किया। मुझे याद है कि जब 2015 में हमारी सरकार बनी थी, उस दौरान डेंगू के काफी ज्यादा केस थे, अस्पतालों के अंदर बेड़ नहीं मिल रहे थे और 2015 में डेंगू से काफी मौत हुई थी। यह हमारी सरकार का पहला साल था। हमने धीरे-धीरे करके 5 साल में डेंगू पर काबू पा लिया। पिछले साल डेंगू से एक भी मौत नहीं हुई थी और इस साल भी डेंगू से एक भी मौत नहीं हुई। हम सब दिल्ली के लोगों ने मिलकर डेंगू के खिलाफ आंदोलन छेड़ा। अब इस कोरोना पर भी काबू पाना है, लेकिन कोरोना पर काबू कैसे पाएंगे? जब तब दवाई नहीं आ आती, तब तक यह मास्क ही अपनी दवाई है। यह मास्क हमारे लिए सबसे बड़ा बचाव है। सीएम ने कहा कि मैं सड़क पर चलते हुए भी देखता हूं और यहां कार्यक्रम में भी सभी लोगों ने मास्क पहन रखा है, लेकिन किसी ने नाक के नीचे कर रखा है, तो किसी ने गर्दन पर कर रखा है। मैं समझ सकता हूं कि मास्क लगाने से बड़ी तकलीफ होती है, सांस लेने में दिक्कत होती है, लेकिन अपने आप को बचाने का और कोई तरीका नहीं है। कई लोगों को लगता है कि उन्हें कोरोना नहीं होगा, लेकिन कोरोना कुछ नहीं देखता है। यह न अमीर, न गरीब, न आदमी, न औरत, न बूढ़ा, न जवान देखता है और न बच्चा देखता है। यह किसी को भी हो सकता है और अगर कोरोना बिगड़ जाए, तो फिर मौत भी हो जाती है। मेरी दिल्ली के लोगों से अपील है कि सभी लोगों को मास्क पहनने को एक आंदोलन बनाना पड़ेगा। मैं समझता हूं कि अगर हम लोगों ने मास्क पहनना चालू कर दिया, तो कोरोना से हम लोग बच सकते हैं। 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस समय प्रदूषण भी बहुत हो रहा है। जनवरी से लेकर 15 अक्टूबर तक दिल्ली की हवा आजकल एकदम साफ रहती है। पिछले 5 साल में यह भी अपनी एक बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि पहले प्रदूषण बहुत ज्यादा होता था, लेकिन जनवरी से 15 अक्टूबर तक, दिल्ली की हवा साफ रहती है, फिर 15 अक्टूबर से आसपास के राज्यों में पराली जलनी चालू होती है और वहां से सारा धुंआ दिल्ली में आता है। इससे दिल्ली में प्रदूषण बढ़ जाता है। पराली को लेकर भी हमारे दिल्ली के लोगों ने कमाल कर दिया है। इस बार पूसा इंस्टीट्यूट ने एक केमिकल बनाया है। दिल्ली सरकार ने इस केमिकल का इस बार दिल्ली के सारे खेतों में छिड़काव कर दिया। इस केमिकल का छिड़काव करने के 20 दिन के अंदर पराली गल गई और गल कर अपने आप ही खाद बन गई। पहले जिस पराली को किसान जलाया करते थे और इससे मिट्टी भी खराब हो जाती थी, लेकिन अब यह पराली हमारी जिम्मेदारी की बजाय एक तरह से हमारा साधन बन गई। अब दूसरे राज्यों हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश की सरकारों के पास कोई बहाना नहीं है। जैसे दिल्ली की सरकार ने अपने किसानों की मदद की है, वैसे ही अब पंजाब की सरकार को भी अपने किसानों की मदद करनी चाहिए। हरियाणा की सरकार को भी अपने किसानों की मदद करनी चाहिए। उन्हें केमिकल चाहिए, तो हम उन सरकारों को देंगे। उन सरकारों को पूसा इंस्टिट्यूट केमिकल देगा। यह केमिकल बहुत ही सस्ता है। अगर सभी सरकारें मिलकर काम करें, तो मैं समझता हूं कि अब यह आखरी साल होना चाहिए, जब यह पराली का धुंआ दिल्ली में आकर प्रदूषण बढ़ा रहा है। अगले साल से पराली का धुंआ आने का कोई मतलब नहीं है। अब दिल्ली के लोगों ने सबको सिखा दिया कि पराली को बिना जलाए कैसे खाद में बदलाना। इसी तरह दिल्ली में कई सारे बड़े-बड़े काम हो रहे हैं। 

पीडब्ल्यूडी मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि आज बड़ी खुशी का मौका है। रोहतक रोड को ठीक कराने की बहुत दिनों से मांग की जा रही थी। इसको ठीक करने का काम शुरू किया जा रहा है। जखीरा से लेकर दिल्ली बॉर्डर तक इस रोड को ठीक किया जाएगा। सड़क की मरम्मत का कार्य 6 महीने में पूरा किया जाना है, लेकिन मैं कोशिश करूंगा कि इसका काम चार महीने में पूरा करा दिया जाए। आने वाले 4 माह में से पूरा कर दिया जाए। चूंकि इस सड़क की मरम्मत की काफी समय से मांग थी। सडक पर जगह- जगह गड्ढे पड़े हुए हैं और सड़क खराब हो गई है। इस सड़क के ठीक होने से बहादुरगढ़ से दिल्ली की तरफ जाने वाले लोग और दिल्ली की तरफ से मुंडका की तरफ आने का रास्ता बिल्कुल ठीक हो जाएगा और जल्दी ही इसको पूरा करेंगे। पीडब्ल्यूडी मंत्री ने स्थानीय सभी विधायकों को बधाई देते हुए कहा कि चारों स्थानीय विधायकों ने इस सड़क की मरम्मत का मुद्दा बार-बार उठाया। विधायक धर्मपाल लाकड़ा का सबसे बड़ा मुद्दा यही था। धर्मपाल लाकड़ा जी हर रोज इस मुद्दे को लेकर आ जाते थे। इस सड़क की मरम्मत के लिए इन चारों विधायकों की की गई मेहनत भी रंग लाई है। —-

*रोहतक रोड के बारे में कुछ तथ्य-*

रोहतक रोड के पुनर्विकास से स्थानीय लोगों और हरियाणा आने-जाने वाले लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी। रोहतक रोड जखीरा गोल चक्कर से मुंडका पीलर नंबर 526 तक मरम्मत की जाएगी। इसकी लंबाई 13.33 किलोमीटर है और चैड़ाई 200 फीट है। इसके मरम्मत कार्य के लिए 45 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-9 का हिस्सा है, जो दिल्ली को बहादुरगढ़ से हरियाणा को जोड़ती है। इस सड़क के लिए नियमानुसार केंद्र सरकार से बजट का आवंटन किया जाता था, लेकिन विगत कुछ वर्षों में बजट आवंटित नहीं होने के कारण और लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने अपने कोष से बजट का आवंटन किया है। रोहतक रोड की मरम्मत का कार्य वर्ष 2011 में किया गया था और अब नौ वर्ष के बाद दोबारा मरम्मत किया जा रहा है। इस सड़क के मरम्मत कार्य का डिजाइन सीआरआरआई मथुरा रोड़ द्वारा बनाया गया है। इस कार्य को पूरा करने की अवधि छह महीना है। इसकी मरम्मत में सड़क की उपरी सतह को खुरच कर, उस मटैरियल को दोबारा प्रयोग में लाया जाएगा, इससे सड़क की उपरी सतह में वृद्धि नहीं होगी और पुरानी सामग्री के पुनः प्रयोग में लाने की वजह से पैसे की भी बचत होगी। 

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