अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
दिल्ली: उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज दिल्ली सरकार के स्ट्रीट थिएटर और परफॉर्मिंग आर्ट्स फैलोशिप कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार 450 कलाकारों को लेकर सांस्कृतिक प्रस्तुति की ऐसी अनोखी योजना दिल्ली में शुरू हुई है। इससे शहर के स्वाद में कला-संस्कृति घुल जाएगी। सड़कों पर जगह-जगह कला प्रदर्शन होंगे। हमारा सपना है कि दिल्ली के वातावरण में कला को स्थान मिले। लोग सड़कों पर निकलें तो संगीतमय परिवेश दिखे। कलाकारों को अभिव्यक्ति के अवसर देने के लिए हमने यह फेलोशिप योजना बनाई है।
यह फेलोशिप दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति और भाषा विभाग के तहत साहित्य कला परिषद के माध्यम से प्रारंभ की गई है। दिल्ली सचिवालय के मुख्य सभागार में आज यह आयोजन हुआ। इस फेलोशिप के लिए थिएटर, संगीत, नृत्य और ललित कला जैसे विविध पृष्ठभूमि के लगभग 450 कला कार चुने गए हैं। ये कलाकार दस-दस की टीम में हर सप्ताह दिल्ली के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर कला प्रदर्शन करेंगे। प्रत्येक टीम में अलग-अलग कला रूप के कलाकार शामिल होने के कारण हरेक प्रदर्शन अनूठा होगा। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कलाकारों को रिहर्सल के लिए परिसर उपलब्ध कराया गया है। इन कलाकारों की टीमों को प्रतिष्ठित रंगशाला विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। यह अनोखी योजना उप-मुख्यमंत्री सह कला, संस्कृति और भाषा के मंत्री मनीष सिसोदिया के दिमाग की उपज है। उन्होंने इन विशेषज्ञों से चर्चा करके इन कलाकारों की प्रतिभा का लाभ दिल्ली के नागरिकों को दिलाने के लिए इस कार्यक्रम को मंजूरी दी है। डिप्टी सीएम कलाकारों ने आज कलाकारों के 45 समूहों के टीम लीडर्स को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अपने विदेशों में कलाकार सड़क किनारे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। जगह जगह गिटार बजाने या गीत संगीत का कार्यक्रम चलता है। मैंने उनसे पूछा कि आपलोग कौन हो और क्या सरकार के कहने पर आप यहां कला प्रदर्शन करते हो। पता चला कि कोई नौकरी करता है, कोई व्यवसाय करता है, लेकिन अपने खाली समय में अपनी कला की अभिव्यक्ति करता है। अपने शौक से यह काम करते हैं। वो अपनी ज़िंदगी जीने में व्यस्त हैं। लेकिन कला से उनका रिश्ता है। इसलिए वे इस माध्यम से अपना शौक पूरा कर रहे हैं।
वे हर शनिवार या रविवार आकर पार्क में ऐसे शो करते हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश की काफी समृद्ध कला संस्कृति की परंपरा रही है। हमने इस दिशा में आगे बढ़ते हुए दिल्ली में जिनके अंदर प्रतिभा है, उनको मौका देने के लिए यह फेलोशिप योजना बनाई है। दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूल शाम में खाली रहते हैं। हमने कलाकारों को स्कूल में अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए शाम में जगह दी। उन्हें अपना प्रशिक्षण चलाने की भी अनुमति दी। लेकिन हमने यह शर्त रखी कि अगर आप 20 बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हो तो उसमें से 10 बच्चे सरकारी स्कूल के होंगे और आप उनसे इसके बदले पैसे नहीं लोगे क्योंकि दिल्ली सरकार आपको फ्री में स्कूल में जगह दी है। अन्य स्टूडेंट्स से पैसे चार्ज कर सकते हैं। यानी 50% ट्रेंनिंग फ्री होगी वो भी सरकारी बच्चों की। अब दिल्ली के 350 स्कूलों में ये सिस्टम बहुत शानदार तरीके से चल रहा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार उन कलाकारों को मौका दे रही है जिनके अंदर प्रतिभा है। ये थिएटर्स, स्टेज शो से अलग है। यह नुक्कड़ कला यानी स्ट्रीट शो है। हमने पिछले साल ही फेलोशिप बनाई थी। लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसमें देरी हुई। अब धीरे धीरे हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह फेलोशिप है, जिसका उद्देश्य आपके अपने काम को बेहतर तरीके से करने में सरकार की ओर से मदद प्रदान करना है। यह आजीविका नहीं है बल्कि अपने अंदर के कलाकार को अभिव्यक्ति देने का अवसर है। हम चाहते हैं कि लोगों में कला की आदत पड़ जाए। जिस दिन आपका परफॉर्मेंस न हो, उस दिन लोगों को इसकी कमी महसूस हो। बच्चे जब कनाट प्लेस जाएं, तो कहें कि हमने खाना तो खा लिया, लेकिन वो गिटार वाला प्रोग्राम नहीं दिखा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण बने नकारात्मक माहौल से देश को निकालने के लिए हमें कला संस्कृति के माध्यम से आगे आना होगा।