नई दिल्ली/ अजीत सिन्हा
राहुल गांधी ने विशाल ट्रैक्टर रैली को संबोधित करते हुए कहा कि- अजय माकन, अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासरा, केसी वेणुगोपाल,सचिन पायलट, रघुवीर मीणा, कांग्रेस पार्टी के हमारे सब नेता, प्यारे कार्यकर्ता, किसान भाइयों और बहनों! आप सबका यहाँ दिल से मैं स्वागत करता हूं। आज मैं आपसे ये किसान के जो तीन नए कानून नरेन्द्र मोदी जी लाए हैं, इनके बारे में बात करने आया हूं। इन कानूनों के पीछे सोच क्या है, इन कानूनों का लक्ष्य क्या है। तीन कानून हैं।
पहला कानून कहता है कि हिंदुस्तान के किसी भी कोने में बड़े से बड़े उद्योगपति जितना भी अनाज, जितना भी फल, जितनी भी सब्जी खरीदना चाहते हैं, खरीद सकते हैं। भाइयों और बहनों! अगर देश के कोने-कोने में कोई भी अनाज खरीद सकता है, जितना भी खरीदना चाहता है, खरीद सकता है, तो मंडी का क्या मतलब रहा? पहले कानून का लक्ष्य मंडी को खत्म करने का, मंडी की हत्या करने का है।
दूसरा कानून कहता है कि देश के सबसे बड़े उद्योगपति जितना भी अनाज, जितना भी फल, जितनी भी सब्जी स्टोरेज में रखना चाहते हैं, वो रख सकते हैं। मतलब, दूसरा कानून देश में अनलिमिटेड जमाखोरी चालू करने का कानून है।
तीसरा कानून कहता है कि अगर कोई भी किसान हिंदुस्तान के सबसे बड़े उद्योगपतियों के सामने जाकर अपने अनाज के लिए, अपनी सब्जी के लिए, अपने फल के लिए सही दाम मांगे, तो वो अदालत में नहीं जा पाएगा।
भाइयों और बहनों, हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बिजनेस कृषि का बिजनेस है। अगर आप सोचते हैं कि गाड़ी बनाने का बिजनेस सबसे बड़ा है या हवाई जहाज उड़ाने का बिजनेस सबसे बड़ा है, तो आप गलतफहमी में हैं। हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बिजनेस, सबसे बड़ा व्यापार कृषि है और ये सबसे जरुरी बात सुनिए, 40 लाख करोड़ रुपए का बिजनेस है, दुनिया का सबसे बड़ा बिजनेस है और ये बिजनेस किसी एक व्यक्ति का नहीं है। अगर आप गाड़ी बनाने का बिजनेस देखें, तो वहाँ एक व्यक्ति महिन्द्रा गाड़ी बनाता है। दूसरा व्यक्ति टाटा गाड़ी बनाता है। पूरा का पूरा धंधा उनका है। कृषि का बिजनेस ऐसा नहीं है। कृषि का बिजनेस हिंदुस्तान के 40 प्रतिशत लोगों का बिजनेस है। इसमें किसान शामिल हैं, छोटे व्यापारी हैं, छोटे बिजनेस वाले हैं, मिडल साइज बिजनेस वाले हैं, मजदूर हैं। ये सब इस बिजनेस के भागीदार हैं।
अब नरेन्द्र मोदी जी चाहते हैं कि ये पूरा का पूरा बिजनेस उनके 2 मित्रों के हवाले हो जाए। कानूनों का यही लक्ष्य है। नरेन्द्र मोदी जी चाहते हैं कि जो आपका है, जो 40 प्रतिशत हिंदुस्तान का है, वो सिर्फ दो लोगों के हाथ में चला जाए और हिंदुस्तान का किसान कह रहा है कि हम मर जाएंगे, मगर हम ये नहीं होने देंगे, कभी नहीं होने देंगे। ये मत सोचिए कि सिर्फ किसान बोल रहा है, किसान के पीछे मजदूर खड़ा है। मजदूर के साथ छोटा व्यापारी खड़ा है। अगर नरेन्द्र मोदी के ये कानून लागू हो गए तो याद रखिए सिर्फ किसान को नुकसान नहीं होगा, आज जो सड़क पर मूँगफली बेचते हैं, जो अचार बनाते हैं, जो चना बेचते हैं, जो रेहड़ी – पटरी पर माल बेचते हैं, रेहड़ी पटरी वाले, ये सब के सब बेरोजगार हो जाएंगे। एक नहीं बचेगा। सब के सब हिंदुस्तान के सबसे बड़े उद्योगपति के लिए काम करेंगे।
पहले कानून का लक्ष्य समझिए। आज जो पूरा सिस्टम है, अनाज बेचने का, छोटे- छोटे व्य़ापारियों का, इस सिस्टम को नष्ट करने का ये पहला कानून है। नरेन्द्र मोदी जी चाहते हैं कि पूरा का पूरा अनाज, पूरी की पूरी सब्जियाँ, फल, एक ही ब्रांड, एक ही तरीके की सुपर मार्केट, एक ही तरीके की दुकान में पूरे हिंदुस्तान में बिके, ये लक्ष्य है, भाईयों और बहनों। और देखिए दूसरे कानून का लक्ष्य समझिए। आज एक व्यक्ति, एक उद्योगपति हिंदुस्तान के 40 प्रतिशत अनाज को कंट्रोल करता है। 40 प्रतिशत अनाज उसके गोदाम में है। दूसरा कानून इसी व्यक्ति को 80-90 प्रतिशत अनाज पर कंट्रोल दे देगा। और अब जो मैं कह रहा हूं, उसको अच्छी तरह सुनिए। आने वाले समय में जब किसान अपना माल बेचने जाएगा, तो उद्योगपति अपने गोदाम से अनाज, फल और सब्जी, मार्केट में डालेगा। जैसे मार्केट में सप्लाई बढ़ेगी, वैसे दाम घटेगा और किसान को कम से कम दाम में अपना अनाज, अपना फल, अपनी सब्जी बेचनी पड़ेगी। उसके बाद वही किसान कंज्यूमर बनकर फल खरीदने जाएगा, सब्जी खरीदने जाएगा, अनाज खरीदने जाएगा, वही उद्योगपति मार्केट से अनाज, फल, सब्जी खरीदकर अपने गोदाम में डालेगा और जैसे ही वो अपने गोदाम मे अनाज, फल और सब्जी डालेगा, दाम एकदम से तेजी से ऊपर बढ़ेगा और फिर वही किसान, जिससे पहली बार चोरी की गई, बेचने में उससे दूसरी बार चोरी की जाएगी, खरीदने में, ये दूसरे कानून का लक्ष्य है।
मैं आपको गारंटी देकर कह रहा हूँ और मैं सिर्फ किसानों को नहीं कह रहा हूँ, मैं छोटे व्यापारियों को कह रहा हूँ, मैं छोटे, मिडल साइज व्यापारियों को कह रहा हूँ, मैं मजदूरों को कह रहा हूँ , मैं युवाओं को कह रहा हूँ, सुन लो। बात आज नहीं माननी, तो मत मानों, मगर सुन लो। जब ये कानून लागू होंगे, हिंदुस्तान के कोई भी युवा को रोजगार नहीं मिलेगा। नरेन्द्र मोदी कहते हैं, मैं ऑप्शन दे रहा हूँ। हाँ, ऑप्शन दिए हैं, तीन ऑप्शन दिए हैं। पहला ऑप्शन, भूख, दूसरा ऑप्शन बेरोजगारी और तीसरा ऑप्शन आत्महत्या, ये ऑप्शन हैं और आप देख लेना। कोरोना के समय मैंने कहा था, फरवरी में कहा था, देश को जबरदस्त नुकसान होने वाला है। कुछ मित्रों ने मेरा मजाक उड़ाया और फिर इन्हीं के घरों में, इन्हीं के परिवार के लोग बीमार हुए। नोटबंदी के बारे में मैंने कहा था, ये गरीबों से चोरी है। आपकी जेब से पैसा निकालकर सबसे बड़े 2-3 उद्योगपतियों की जेब में डाला। जीएसटी के बारे में मैंने कहा था, ये छोटे व्यापारियों को, छोटे बिजनेसवालों को, मिडल साइज बिजनेसवालों को मारने का तरीका है, उनसे चोरी करने का तरीका है और उनका