अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने आज यस बैंक एक स्टाफ को जनता के 6. 55 करोड़ रूपए की ठगी करने के जुर्म में अरेस्ट किया हैं। इस आरोपित को लक्ष्मी बार, गजनेर रोड, पाइप फैक्ट्री, रंगा कॉलोनी, बीकानेर, राजस्थान-334001 (उम्र 32 वर्ष) के पास से अरेस्ट किया गया हैं। इस आरोपित को आर्थिक अपराध शाखा थाने में दर्ज मुकदमा नंबर -122 /2019, दिनांक 05 जुलाई 2019, भारतीय दंड सहिंता की धारा 419 , 467 , 471 , 120 बी , 420 , 468 में अरेस्ट किया गया हैं।
पुलिस मुताबिक अर्जुन सहगल ने आरोप लगाया कि उनकी कंपनी मेसर्स इंटरओशियन शिपिंग कंपनी का साउथ एक्सटन में करंट अकाउंट है। यस बैंक की शाखा और 3 एफडीआर भी रखती है। एफडीआर में से एक परिपक्व हो गया था और इसलिए शिकायतकर्ता की ओर से दक्षिण Extn में यस बैंक को एक पत्र भेजा गया था । नवीकरण के लिए शाखा और इसका नवीकरण किया गया। बैंक से बैंक स्टेटमेंट मिला तो देखा गया कि एक करोड़ रुपये की राशि है।अज्ञात से खाते में 530 रुपये जमा किए गए और खाते के विवरण पर शिकायतकर्ता की फर्जी ईमेल आईडी का उल्लेख किया गया है।सुविधा में स्वीप के कारण एफडी में कटौती बताते हुए एक ईमेल बैंक से प्राप्त हुआ और पाया गया कि लगभग उस राशि की एक व्यक्ति राम चंदर वैशनव और कंपनी/फर्म कृष्णा प्रिंटर्स के खाते में शिकायतकर्ता की जानकारी या प्राधिकार के बिना एफडीआर से 6. 55 करोड़ रुपये का गबन किया गया था । उन्होंने यह भी कहा कि जनसांख्यिकीय परिवर्तन के अनुरोधों में उनके जाली हस्ताक्षर और कंपनी की जाली मुहर लगी है ।अनुरोध पत्र पर दिया गया मोबाइल नं. शिकायतकर्ता का नहीं है। फर्जी पैन कार्ड कॉपी के साथ शिकायतकर्ता के नाम से डेबिट कार्ड जारी करने का अनुरोध किया गया था। लेकिन शिकायतकर्ता द्वारा ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया गया था। अर्जुन सहगल की इस शिकायत पर मामला दर्ज कर किया गया और इस केस की जांच की गई। जांच में पता चला कि यस बैंक बीकानेर और नागौर शाखा में शाखा सेवा सहयोगी के रूप में कार्यरत आरोपी अरुण कुमार स्वामी ने यह जानते हुए भी कि शिकायतकर्ता का खाता सह आरोपी रामचंद्र वैष्णव की मिलीभगत से निष्क्रिय अवस्था में था, उसने शिकायतकर्ता की फर्जी आईडी, स्टांप/सील तैयार की और जनसांख्यिकीय परिवर्तन यानी मोबाइल नं.और ईमेल आईडी; खाते के साथ 3 एफडी को जोड़ना; इंटरनेट बैंकिंग; और शिकायतकर्ता के नाम पर एटीएम कार्ड जारी करना। बैंक में अपनी स्थिति को भुनाते हुए अनुरोधों पर आरोपी अरुण कुमार स्वामी ने कार्रवाई की । सह आरोपी रामचंद्र वैष्णव ने शिकायतकर्ता के खाते में 530 रुपए का एक चेक सत्यापित करने के लिए इस्तेमाल किया।
बाद में उन्होंने शिकायतकर्ता कंपनी के खाते से इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से धोखे से 6.55 करोड़ रुपये राम चंद्र वैष्णव और उनकी फर्म कृष्णा प्रिंटर्स के चार खातों में ट्रांसफर कर दिए। यह रकम दुबई में एटीएम के जरिए निकाली गई और संपत्तियों में निवेश किया गया। आरोपी रामचंद्र वैष्णव को 26.12.2019 को दुबई से लौटते समय गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने यस बैंक, बीकानेर और नागौर (राजस्थान) में शाखा सेवा सहयोगी का पदनाम धारण किया ।उसने शिकायतकर्ता के खाते का पीछा किया/तब भी जब वह उक्त खाते में रिलेशनशिप मैनेजर नहीं था । उन्होंने सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर जनसांख्यिकीय परिवर्तनों के लिए झूठे अनुरोध किए और अनुरोध पर कार्रवाई की और 10,000 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित कर दी।सह आरोपी रामचंद्र वैष्णव और उनकी फर्म के खातों में 6.55 करोड़ रुपये थे। गिरफ्तारी 26.12.2019 को रामचंद्र वैष्णव नाम के एक आरोपी और उसके सहयोगी को जेसी ही गिरफ्तार किया गया है।आरोपी फरार हो गया था और राजस्थान के बीकानेर स्थित उसके पैतृक स्थान पर कई छापे मारे गए लेकिन वह पता नहीं चल सका और खुद को जांच से छुपा लिया।साथ ही आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है।अपने कानूनी उपायों को थकाते हुए आरोपी अरुण कुमार स्वामी ने खुद को सरेंडर कर दिया ।उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और 05 दिन का पुलिस रिमांड हासिल कर लिया गया है। मामले की आगे की जांच चल रही है।