अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और कांग्रेस एवं कुछ विपक्षी दलों द्वारा कोवैक्सीन के बिना किसी तर्क के विरोध की राजनीति पर जम कर हमला बोला। डॉ. पात्रा ने कहा है कि पंजाब, छत्तीसगढ़ और केरल जैसे राज्यों में विपक्षी दलों की सरकारें मेड इन इंडियाकोविड वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ (Covaxin) का टीका लगाने से इनकार कर रही हैं जो निंदनीय है और एक तरह से देश के वैज्ञानिकों का अपमान है और दुनिया में अपनी ही मातृभूमि को बदनाम करने की साजिश है। पंजाब, छत्तीसगढ़ और केरल की सरकारों ने कहा है कि वे अपने राज्य के लोगों को कोवैक्सीन का टीकानहीं लगाएंगी। उन्होंने कहा कि पहले विपक्षी दल कहते थे कि यदि कोवैक्सीन सही है तो पहले प्रधानमंत्री इसे स्वयं लगवाएं। और अब जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोवैक्सीन लगवा ली है तो ये लोग इस पर भी राजनीति कर रहे हैं। यह दुर्भाग्य है कि कांग्रेस और कुछ विपक्षी दलों द्वारा कोरोना के वैक्सीनेशन को लेकर राजनीति हो रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि ख़ास कर पंजाब, छत्तीसगढ़ और केरल राज्य मेड इन इंडिया कोवैक्सीन को लेकर राजनीति कर रहे हैं। कोवैक्सीन को आइसीएमआर और पुणे स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से निर्मित किया गया है और अब इसके तीसरे फेज का डाटा भी जारी हो जिस में है जिसमें इसके 81 प्रतिशत सफल होने की बात सामने आई है। डॉ पात्रा ने कहा कि कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दल जिस प्रकार की राजनीति कर रहे हैं, यह बिल्कुल अवांछित और अस्वीकार्य है। इससे पहले यही विपक्षी दल चिढ़ाने की मुद्रा में कहते थे कि अगर कोवैक्सीन सही है और देश को इस पर भरोसा है तो प्रधानमंत्री पहले वैक्सीन लगाएं। अब प्रधानमंत्री ने खुद जब वैक्सीन लगवा ली है तो ये लोग राजनीति कर रहे हैं। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि हमारे वैक्सीन पर देश ही नहीं, दुनिया को भरोसा है लेकिन कांग्रेस एंड कंपनी इस पर राजनीति कर रही है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, दुनिया के 40 से अधिक देशों ने कोवैक्सीन का ऑर्डर किया है। किसी को भी इस वैक्सीन पर संदेह नहीं है लेकिन कांग्रेस राजनीति से बाज नहीं आ रही है। डॉ पात्रा ने कहा कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और पंजाब की राज्य सरकारों तथा लेफ्ट की केरल सरकार ने कोवैक्सीन के उपयोग पर रोक लगाकर अपनी ओछी राजनीति को प्राथमिकता देकर जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ किया है। इन राज्य सरकारों ने देश के वैज्ञानिकोंं और शोधकर्ताओं की क्षमता पर संदेह कर ना सिर्फ उनका अपमान किया, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की भावना को भी ठेस पहुंचाई। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम पर भरोसा किया। उन्होंने कोरोना टीकाकरण के दूसरे चरण में खुद टीका लगवाकर दुनिया को स्वदेशी कोवैक्सीन पर भरोसे का बड़ा संदेश दिया।