अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पलवल: जिलाधीश नरेश नरवाल ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जिला पलवल में गेंहू की फसल की कटाई के बाद खेतों में बचे फसल अवशेष व पराली के जलाने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पारित किए हैं। जिलाधीश ने आदेशों में स्पष्टï किया है कि पलवल में गेंहू की फसल की कटाई का कार्य शुरू हो चुका है और कई किसान गेंहू की कटाई के बाद खेत में बचे फसल अवशेष जला देते हैं, जिससे आसमान में धुंआ फैलता है जोकि आम जीवन के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।
इसके अलावा आगजनी की घटनाओं से सम्पत्ति तथा मानव जीवन को भी हानि होने की संभावना बनी रहती है। इसके अलावा फसल अवशेष जलाने से पशुओं के चारे की कमी होने की भी संभवना रहती है। फसल की कटाई के बाद बचे अवशेष जलाने से भूमि के मित्र कीट मर जाते हैं, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति कम होने से फसल की पैदावार पर भी प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल नई दिल्ली के द्वारा भी फसलों के अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाने बारे निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके तहत जुर्माने का भी प्रावधान है। अत: इन परिस्थितियों के दृष्टिïगत कोई भी किसान गेंहू की कटाई के बाद खेत में बचे फसल अवशेषों को न जलाए। इन आदेशों की अवहेलना करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 तथा वायु बचाव एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
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