अजीत सिन्हा/ नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आज एक प्रेस वार्ता को वर्चुअली संबोधित किया और सिंगापुर के संबंध अरविन्द केजरीवाल एवं मनीष सिसोदिया के बेकार तथा विवादास्पद बयानों पर जोरदार हमला बोलते हुए इसे देश को बदनाम करने की विपक्ष की टूलकिट से जोड़ा। भाटिया ने कहा कि कोविड को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के बिना मतलब के किए गए एक ट्वीट को पढ़ने के बाद ये चिंता हुई कि एक मुख्यमंत्री किस तरह अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकने हेतु कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए भ्रम और अराजकता की टूलकिट पेश कर देते हैं। ऐसा लगता है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में इस बात की होड़ लगी है कि देश को सबसे अधिक बदनाम कौन करेगा और देश में सबसे ज्यादा कौन अस्थिरता फैलाएगा? भाटिया ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल के ट्वीट के तीन मुख्य पहलू हैं – एक तो बच्चों के बारे में। दूसरा बिना तथ्यों अध्ययन किए हुए किसी के बारे में कुछ भी बयान दे देना और तीसरा अंतर्राष्ट्रीय संबंध जैसे गंभीर विषय पर अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाते हुए गलत बयानी करना।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल, उनकी पार्टी और उनकी सरकार पब्लिसिटी, पिटी पॉलिटिक्स और पैनिक के ‘पीपीपी मॉडल’ पर काम करती है। अरविंद केजरीवाल की राजनीति ही यही है कि इतना हाहाकार मचा दो कि दिल्ली सरकार की नाकामी पर अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार से कोई प्रश्न न पूछे। उसके बात ऐसा वक्तव्य दे दो जिससे कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की क्षति हो और केजरीवाल जी अपनी राजनीति चमका सकें।
भाटिया ने कहा कि आज दिल्ली सरकार में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस वार्ता कर अनर्गल टिप्पणी की कि बच्चों की चिंता केवल अरविन्द केजरीवाल को है। मनीष सिसोदिया के बयान को सुन कर हमारी चिंता और बढ़ गई कि कोई अपनी छुद्र राजनीति चमकाने के लिए इतना नीचे कैसे गिर सकता है? केजरीवाल, वास्तविकता तो यह है कि आपको दिल्ली या देश के बच्चों के बारे में नहीं बल्कि अपनी इमेज के बारे में चिंता है, इसलिए तो सात साल में आपने दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की दिशा में कोई कदम नहीं उठाये जबकि अपनी गलत इमेज को सुधारने के लिए विज्ञापन के नाम पर लगभग 1,000 करोड़ रुपये फूंक डाले। बच्चे देश के भविष्य हैं और उनके स्वास्थ्य एवं उनकी सुरक्षा के लिए जो भी कदम उठाये जा सकते हैं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पहले से ही उठा रही है। अरविंद केजरीवाल, आपको बिना मतलब के बयान देने से फुरसत मिले तब तो पता चले कि देश में बच्चों के लिए वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल पर कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। ऐसा लगता है कि आप को देश के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों पर कोई यकीन नहीं है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हर मुद्दे को राजनीतिक रंग दे देना अरविंद केजरीवाल की आदत रही है। देश में घटिया राजनीति कौन कर रहा है-यह हमने पिछले कुछ दिनों में देख लिया है। किसने दिल्ली में ऑक्सीजन की ऑडिटिंग से इनकार किया,किसने दिल्ली में ऑक्सीजन की मांग पर झूठ बोला और किसने दिल्ली में अराजकता फैलाने की कोशिश की – यह पूरे देश ने देखा है। जब ऑक्सीजन की ऑडिटिंग होने लगी तो इन्हीं मनीष सिसोदिया और केजरीवाल सरकार के प्रवक्ता कहने लगे कि अब दिल्ली को इतनी ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है। भाटिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को न तो तथ्यों की समझ है और न ही संविधान की जिसकी उन्होंने रक्षा करने की शपथ ली हुई है। हमारे संविधान की सातवीं अनुसूची में केंद्र और राज्यों के क्षेत्राधिकार के बारे में स्पष्ट लिखा हुआ है। इसके ‘लिस्ट की एंट्री 10 में स्पष्ट तौर पर बताया गया है कि ‘विदेश मामले’ केंद्र का विषय है तो फिर अरविन्द केजरीवाल ने इस तरह की टिप्पणी क्यों की जिससे कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल हो और संकट की इस घड़ी में मानवता की मदद का कार्य बाधित हो। साथ ही भारत के सिंगापुर एवं अन्य देशों से मित्रतापूर्ण संबंध न बिगड़े। इसी तरह‘लिस्ट की ‘एंट्री में स्पष्ट लिखा हुआ है कि स्वास्थ्य, सेनिटेशन, हॉस्पिटल्स और डिस्पेंसरी राज्य का विषय है और हम
सबने देखा कि कोविड महामारी की पहली और दूसरी लहर में दिल्ली की व्यवस्था किस तरह चरमरा गई और जिस मोहल्ला क्लिनिक का हो-हल्ला मचाया गया, वह कोविड से दिल्ली की लड़ाई में कहीं नहीं दिखा। भाजपा प्रवक्ता ने अदालत द्वारा केजरीवाल सरकार को लगाई गई फटकार का उल्लेख करते हुए कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को डांट लगात हुए कहा कि आप जनता को लॉलीपॉप मत दीजिये। अदालत ने दिल्ली सरकार से न्यायपालिका के लिए पांच सितारा होटलों में आसिलोएशन की व्यवस्था पर भी जवाब मांगते हुए फटकार लगाई कि ऐसा हमने कब माँगा था? लेकिन फिर भी केजरीवाल सरकार जमीन पर काम नहीं करना चाहती। भाटिया ने कहा कि जहां तक भारत-सिंगापुर के संबंध की बात है तो कोविड की दूसरी लहर में सिंगापुर लगातार भारत के साथ खड़ा रहा है और दिल्ली सहित भारत की मदद के लिए उसने सहायता की है। भारत के सिंगापुर से ऐतिहासिक और मित्रतापूर्ण संबंध हैं और केजरीवाल को कोई हक़ नहीं बनता कि वे देश के अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर अनर्गल टिप्पणी कर उसे क्षति पहुंचाए। आप 30 अप्रैल, 14 मई सहित कई दिन के मीडिया हेडलाइंस देखेंगे तो पता चलेगा कि सिंगापुर लगातार भारत की मदद कर रहा है जिससे दिल्ली के नागरिकों के जान को बचाने में मदद मिली है। सिंगापुर ने उस समय मदद की जब दिल्ली सरकार कार्योजेनिक टैंकर्स के लिए मदद की गुहार लगा रही थी। यह थी केजरीवाल की एक साल की तैयारी?जब दिल्ली सरकार हर स्तर पर विफल हुई, तब केंद्र सरकार, वायु सेना और आर्मी ने दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधा में सुधार का जिम्मा उठाया। केजरीवाल जी, आपके बचकाने ट्वीट दिल्ली और देश के नागरिकों की जान के साथ खिलवाड़ है, ये हमारा बड़ा आरोप है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि केजरीवाल, ये हमारा आपको सुझाव है कि आप अपने क्षेत्राधिकार में रहते हुए संविधान के अनुसार काम करें जिसका आप बार-बार उल्लंघन करते हैं। यदि आप किसी की जान बचा नहीं सकते तो किसी की जान को संकट में डालने या अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में खटास डालने का भी आपको कोई हक़ नहीं है। भाटिया ने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस पार्टी और उसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी और कांग्रेस मुख्यमंत्री देश में भ्रम फैला रहे हैं और दुष्प्रचार कर रहे हैं, उस तरह से अरविन्द केजरीवाल, आप भ्रम न फैलाएं। हमारे नागरिक विमानन और उड्डयन मंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि मार्च 2020 से ही अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने बंद हैं और केवल वंदे भारत अभियान के तहत उड़ानें चल रही है जो देशवासियों को घर लाने एवं उनकी जान बचाने में युगांतकारी सिद्ध हुआ है और इससे अरविंद केजरीवाल भी इत्तेफाक रखते होंगे। अरविंद केजरीवाल, इस समय जब भारत दूसरे देशों की मदद कर रहा है और दूसरे देश भारत की मदद कर रहे हैं तो क्या आप चाहते हैं कि दूसरे देशों से हमारे संबंध खराब हो,वहां से हमारे लिए मदद आनी रुक जाए और आप अपनी ओछी, घटिया और हलकी राजनीति करते रहे? अरविन्द केजरीवाल, आप अपनी छुद्र राजनीति बंद कीजिये और अराजकता तथा प्रोपेगेंडा का अपना टूलकिट मत बनाइये।
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