अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: मजदूर आवास संघर्ष समिति के साथियों के साथ हरियाणा सरकार ने गत 4 जुलाई, 2021 को हरियाणा भवन में बातचीत कर इस बात पर सहमति जताई कि समस्त खोरी वासियों का पुनर्वास किया जाएगा और पुनर्वास की योजना खोरी गांव संघर्ष समिति के साथियों के साथ शेयर की जाएगी। इसी क्रम में गत 5 जुलाई 2021 को जिला उपायुक्त यशपाल यादव एवं डीसीपी जयवीर तथा डीसीपी मुकेश कुमार के साथ खोरी गांव संघर्ष समिति के साथियों की विस्तृत बैठक एवं चर्चा हुई। इस चर्चा के दौरान जिला उपायुक्त एवं डीसीपी, फरीदाबाद ने बताया कि नगर निगम एवं जिला उपायुक्त एवं डीसीपी फरीदाबाद की एक ज्वाइंट मीटिंग होना है और उसके बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा।
सरकार के साथ चल रही बातचीत के दौरान जो महापंचायत बुलाने एवं पीएम आवास का घेराव का फैसला था। वह भी निरस्त किया गया। सरकार की ओर से सर्वे एवं पुनर्वास के विषय पर आज अंतिम फैसला आने वाला था पर उससे पहले नगर निगम और पुलिस प्रशासन अपने साथ में बुल्डोजर लेकर खोरी पहुंच गया। यकायक यह स्थिति देखकर खोरी गांव संघर्ष समिति एवं ग्राम निवासियों को यह पता चल गया कि सरकार खोरी गांव वासियों के साथ धोखा कर रही है। संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के दो दिन के कार्यक्रम को भी इस बात पर निरस्त किया गया कि सरकार अभी खोरी गांव वासियों के साथ संवाद कर रही है और खोरी का पुनर्वास होगा। किंतु मजदूर विरोधी सरकार कोरोना महामारी में बेदखली करने के लिए बहुत रुचि लेती नजर आ रही है। सरकार की जिम्मेदारी थी की मजदूर परिवारों को पुनर्वास दे। सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्वास के लिए मना नहीं किया। जबकि सरकार कोर्ट का बहाना देकर मजदूरों के साथ आंख मिचौली खेल रही है और 1 लाख से ज्यादा लोगो को महामारी में मौत के मुंह में धकेलने के लिए खोरी में खड़ी है। कल 7 जुलाई, 2021 को नगर प्रशासन एवं नगर निगम बुल्डोजर के साथ तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू करेगा किंतु बिना पुनर्वास के तोड़फोड़ का मजदूर आवास संघर्ष समिती पुरजोर विरोध करती है। संघर्ष समिती के साथी पुनर्वास के बिना खोरी छोड़कर कही नही जाएंगें । सरकार मजदूर परिवारों के साथ अन्याय कर रही है।
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