अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव व प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की इस विशेष पत्रकार वार्ता में हिंदुस्तान के विपक्ष के नेता, राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता,मल्लिकार्जुन खरगे साहब का, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव, के सी वेणुगोपाल का, लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता, आदरणीय अधीर रंजन चौधरी साहब का, कर्नाटक के विपक्ष के नेता, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया साहब का, कर्नाटक के हमारे उर्जावान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, डीके शिवकुमार जी और कर्नाटक के कार्यकारी अध्यक्ष ध्रुव नारायण साहब का अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के प्रांगण में हम विशेष स्वागत करते हैं।
आज हम सब यहाँ क्यों आए हैं – अब ये साफ है कि भारतीय जनता पार्टी ने, नरेन्द्र मोदी की सरकार ने, मोदी सरकार ने ऑपरेशन कमल के माध्यम से प्रजातंत्र का अपहरण और लोकतंत्र का चीरहरण किया है। अभी तक हमने केवल ये देखा था अमुक – अमुक व्यक्ति की जासूसी हुई, पर अब ये कनेक्शन सामने आ गया है क्रोनोलॉजी समझिए, जैसा अमित शाह जी कहते हैं। क्रोनोलॉजी ये है कि चुनी हुई सरकारों को खरीद – फरोख्त के माध्यम से गिराने के षड्यंत्र में पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया, ताकि कांग्रेस की कोलेशन सरकार को कर्नाटक में गिराया जा सके।अभी तक ये हिंदुस्तान के आम आदमी के बाथरुम और बेडरूम में झांक कर उसका बेटा, बेटी, पत्नी, मां, बाप क्या देखते हैं या क्या करते हैं, अभी तक ये इस तक सीमित था। संवैधानिक अधिकारों, मौलिक अधिकारों के हनन तक सीमित था। पर अब ये बात उससे भी आगे बढ़ गई है। जब प्रधानमंत्री और मोदी सरकार प्रजातंत्र की हत्या करें, मैं बहुत गंभीरता से ये बात कह रहा हूं। मोदी सरकार ने चुने हुए जनमत की हत्या की है। मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है। मोदी सरकार ने संविधान को पांव तले रौंदा है। मोदी सरकार ने प्रजातंत्र का चीरहरण किया है और मोदी सरकार ने पेगासस स्पाइवेयर का दुरुपयोग कर कांग्रेस और जनता दल की सांझी सरकार को कर्नाटक में गिरा कर एक नाजायज भाजपा सरकार का गठन किया है।
अब ये सारी परतें खुल गई हैं। और क्या ये कर्नाटक की सरकार गिराने तक सीमित था। शायद अगला सनसनीखेज खुलासा होगा कि इस स्पाइवेयर के माध्यम से मध्य प्रदेश की कांग्रेस की सरकार भी गिराई गई या फिर अरुणाचल की सरकार भी गिराई गई, मणिपुर की सरकार भी गिराई गई, गोवा के जनमत से भी कांग्रेस को वंचित कर दिया, जनमत मिलने के बाद। और ना जाने कहाँ-कहाँ, कौन-कौन सी सरकारें गिराई गई, ये सब अब सामने आ जाएगा।इससे पहले कि मैं अनुरोध करुं हमारे वरिष्ठ नेताओं को, मैं एक बात और कहना चाहूंगा। कर्नाटक की सरकार गिराने के खेल में जासूसी का सहारा ले मोदी – शाह की जोड़ी ने साबित कर दिया है कि उनके लिए केवल और केवल सत्ता की कुर्सी सबकुछ है, संविधान की हत्या हो तो हो, मर्यादाओं की हत्या हो तो हो। अगर संवैधानिक जिम्मेदारियों की हत्या हो तो हो और लोकतंत्र देश से खत्म हो जाए तो हो, इसलिए ये सवाल अब केवल राहुल गांधी जी की जासूसी तक या तृणमूल कांग्रेस के साथियों की जासूसी तक अब ये नहीं रहा, तृमणूल कांग्रेस की। अब ये सवाल उससे बड़ा हो गया है। क्योंकि तृणमूल कांग्रेस या भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रश्न नहीं, व्यक्तियों का प्रश्न नहीं, ये तो लोकतंत्र की जासूसी कर लोक जनतंत्र का चीरहरण कर रहे हैं। और क्या ऐसे गृहमंत्री अमित शाह को एक क्षण के लिए भी अपनी गद्दी पर बने रहने का अधिकार है? इसलिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री संसद के अंदर बहस नहीं करवाना चाहते। मैं अब बिल्कुल सीधे अनुरोध करुंगा पहले खरगे साहब से, उसके बाद केसी वेणुगोपाल से, फिर सिद्धारमैया जी से, फिर डी.के. शिवकुमार से और अधीर रंजन चौधरी से कि वो अपनी बात आपके समक्ष रखेंगे और आगे की रणनीति की चर्चा करेंगे।मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभी को मेरा नमस्कार और मंच पर बैठे हुए सभी साथियों को भी मेरा नमस्कार है। माध्यम के सारे मित्रों को भी मैं नमस्कार करते हुए जो अभी हमारे मीडिया के मुखिया हैं, उन्होंने सारी बातें बताई हैं। कल भी हम इसी मंच पर बैठे थे। चंद व्यक्तियों के नाम उसमें लाया गया था और लीक हुआ था, तो इसलिए हमने सोचा कि सिर्फ चंद व्यक्तियों के पीछे ही हो या उनकी एक इमेज खराब करने के लिए वो काम कर रहे हैं। ऐसा मुझे कल महसूस हुआ था। इससे पहले तो मीडिया का हुआ, फिर कल व्यक्तियों का हुआ। आज संस्थाओं का हो रहा है, डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूशन को खत्म करने के लिए ये साजिश रची जा रही है और वो एक्सेस भी हो रहे हैं।जैसा कि सुरजेवाला जी ने कहा कि ये तो बाहर आज निकला हमारी कर्नाटक सरकार को गिराने की कोशिश किसने किया, ये तो बाहर अब निकला। किसने-किसने कोशिश की, कहाँ-कहाँ पर हुआ, तो इसका तो पता लग रहा है। तो कल के दिन भी और गंभीरता से हम विचार करेंगे, लेकिन आज मैं इतना ही कहूंगा कि पूरे डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूशन को और डेमोक्रेसी को खत्म करने के लिए मोदी जी और शाह जी तैयार हो गए हैं। और बातें तो, भाषण तो बहुत करते हैं। डेमोक्रेटिक वे से ही उन्होंने सत्ता हासिल की है, लेकिन डेमोक्रेसी को खत्म करके अथॉरिटेटिव, डिक्टेटरशिप चलाने की कोशिश वो कर रहे हैं। इसलिए मैं कहूंगा कि सिर्फ जो कर्नाटक का बाहर आया है, तो मैं ये समझता हूं कि इसी का इस्तेमाल ऐसा स्पाइंग करके, सारी मालूमात लेकर उन्होंने मध्यप्रदेश का किया होगा, गोवा का किया होगा, मणिपुर का किया होगा, अरुणाचल का किया होगा। ऐसे बहुत से स्टेट को, अब महाराष्ट्र में भी हाथ डालने की उनकी कोशिश हो रही है। इसलिए हम अब हमारे पास लड़ने के सिवाए और कुछ हथियार नहीं और लोगों के पास जाना पड़ेगा और लोगों को ये बताना पड़ेगा। तो खैर मैंने कल ही कहा था कि इन विषयों को हम पार्लियामेंट में उठाएंगे, राज्यसभा में उठाएंगे। राज्यसभा में पहले इसको उठाया था, लेकिन कोविड की वजह से वो वहीं पर रुक गया। फिर इसको हम उठाएंगे, लेकिन लोकसभा में हमारे मित्र चौधरी साहब और सारे पार्लियामेंट के मेंबर इस सवाल को जोरदार तरीके से हाउस में उठाया। हम सभी चाहते हैं कि असलियत बाहर आ जाए और डेमोक्रेसी की हिफाजत के लिए, संविधान की हिफाजत के लिए हमें क्या करना है, वो कदम हम उठाएंगे।कल ही मैंने कहा था कि जो शाह ऐसे काम कर रहे हैं, इसके लिए वो अधिकार में रहने के लायक नहीं हैं। ये हमने कहा था। अधिकार वो मोरल ग्राउंड पर ही नहीं, जो इन्वोल्वमेंट उनका इस पर है, इस आधार पर उनको खुद ही इस्तीफा देना चाहिए। और इसकी जांच भी, प्राइम मिनिस्टर इसकी पुष्टि कर रहे हैं, तो प्राइम मिनिस्टर साहब की जांच होनी चाहिए। आज मैंने देखा फ्रांस में इसकी जांच हो रही है, जो ये अपने स्नूपिंग किया जा रहा है, जो इजरायल कंपनी से आप खरीद कर जो कर रहे हैं। उसके फ्रेंच गवर्मेंट ने जांच की शुरुआत की है। तो इसलिए हम ये चाहते हैं कि यहाँ पर हम इस प्रश्न को उठाएंगे, लेकिन ऐसी गंदी हरकतें, डर्टी पॉलिटिक्स जो कर रहे हैं, इसका हम खंडन करते हैं और ये जनता भी सहन नहीं करेगी और हम भी सहन नहीं करेंगे। धन्यवाद।
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