अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने 26 जनवरी, 2022 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किए जाने वाले पद्म पुरस्कारों नामत: पद्मश्री, पद्म भूषण एवं पद्म विभूषण जोकि सर्वोच्च नागरिक सम्मान हैं, के लिए नामांकन आमंत्रित किए हैं। एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य सचिव द्वारा राज्य के सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों, मंडलायुक्तों तथा सभी उपायुक्तों को भेजे गए एक पत्र में कहा गया है कि वे पद्म पुरस्कार प्रदान करने संबंधी अपनी सिफारिश राज्य सरकार को 16 अगस्त, 2021 तक cs@hry.nic.in अथवा politicalbranch@gmail.com पर आनलाईन भेज सकते हैं। उन्होंने बताया कि केवल ऑनलाइन भेजी गई सिफारिशों पर ही विचार किया जाएगा और निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त होने वाली किसी भी सिफारिश पर विचार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रत्येक सिफारिश के साथ संबंधित व्यक्ति का पूरा नाम, पता, जन्म तिथि, उस व्यक्ति के जीवन की प्रमुख घटनाओं व उसके वर्तमान व्यवसाय या पद का विवरण पत्र के साथ दिए प्रोफार्मा में भरकर इस प्रकार दिया जाए कि वह प्रकाशित किया जा सके। अपनी सिफारिशों या नामांकनों की पहचान करने, उन पर विचार करने और उन्हें अंतिम रूप देने के लिए वे एक विशेष सर्च कमेटी गठित कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि जिन व्यक्तियों की सिफारिश की गई है, उनकी आजीवन उपलब्धियों को देखते हुए वे इन पुरस्कारों के लिए पूर्ण रूप से योग्य होने चाहिए। चयन का मानदंड ‘एक्सीलेंस प्लस’ होना चाहिए और इन पुरस्कारों के लिए व्यक्यिं की सिफारिश करते समय उच्चतम मानकों का पालन करना चाहिए। पुरस्कार के लिए अनुशंसित व्यक्ति की उपलब्धियों में सार्वजनिक सेवा का भाव होना अनिवार्य है। चूंकि पद्म पुरस्कार देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है, इसलिए किसी भी व्यक्ति के नाम की सिफारिश करने से पहले इस बात पर गौर करना आवश्यक है कि उसने अपने संबंधित कार्य क्षेत्र में कोई राष्ट्रीय पुरस्कार या राज्य पुरस्कार प्राप्त किया हो। पुरस्कार के लिए महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं जनजातियों, दिव्यांगों आदि में से प्रतिभावान व्यक्तियों की पहचान करने के प्रयास किए जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त, भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार, मानवाधिकारों की सुरक्षा, वन्य जीव संरक्षण एवं सुरक्षा जैसे अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को भी ये पुरस्कार दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को छोड़कर, सार्वजनिक क्षेत्र के उपफ्मों में काम करने वाले कर्मचारियों समेत सरकारी कर्मचारी पद्म पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि पद्म पुरस्कार नामत: पद्म विभूषण, पद्म भूषण व पद्मश्री देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार हैं।
वर्ष 1954 में शुरू हुए ये पुरस्कार प्रति वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर दिये जाते हैं। ये पुरस्कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान और इंजीनियरिंग, सार्वजनिक मामलों, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग जैसे सभी क्षेत्रों या संकायों में प्रतिष्ठित और असाधारण उपलब्धियों या सेवा के लिए दिये जाते हैं। उन्होंने बताया कि इन पुरस्कारों के लिए जाति, पेशे, हैसियत या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति पात्र हैं। इन पुरस्कारों को शासित करने वाले अधिनियमों और नियमों की एक प्रति वेबसाइट www.padmaawards.gov.in पर भी उपलब्ध है।प्रवक्ता ने बताया कि पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन या सिफारिशें इस उद्देश्य के लिए बनाए गए आनलॉइन पोर्टल www.padmaawards.gov.in पर ही प्राप्त किए जाएंगे। नामांकनों या सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध फार्मेट में दिए अनुसार सभी प्रासंगिक विवरण होने चाहिए जिसमें उस व्यक्ति के क्षेत्र या संकाय में उसकी प्रतिष्ठित और असाधारण उपलब्धियों या सेवाओं का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। किसी व्यक्ति की ऑनलाइन सिफारिश करते समय यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी आवश्यक विवरण पूरी तरह से भरे हुए हों। ऑनलाइन सिफारिश करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है।उन्होंने बताया कि गत समय में यह देखा गया कि हालांकि बड़ी संख्या में लोगों के नामांकन प्राप्त होते हैं, फिर भी ऐसे बहुत से व्यक्ति हों जो अपने क्षेत्र में असाधारण योगदान के बावजूद विचार किए जाने से वंचित रह गए हों। प्राय: ऐसे बहुत से व्यक्ति प्रारंभिक तौर पर इस कारण से इसे नजरअंदाज कर देते हैं कि शायद वे सार्वजनिक तौर पर प्रचार न चाहते हों। इसलिए ऐसे लोगों की पहचान के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां मान्यता देने और नामांकन करने के लायक हों। इसमें संदेह नहीं कि ऐसे पात्र व्यक्तियों के कार्यों को मान्यता देने से इन पुरस्कारों की प्रतिष्ठा ही बढ़ेगी।
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