अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: ग्रीन फिल्ड कालोनी के गेट नंबर -पांच वाली सड़क के आस-पास रहने वाले लगभग 2500-3000 लोगों की खुशियों का ध्यान रखने वाले 14 बिल्डरों के नाम सामने आए हैं, जो यूआईसी द्वारा भागीदारी योजना के तहत बनाए जा रहे सड़क निर्माण में लगभग 13 लाख रूपए से अधिक रकम का अपना योगदान दिया हैं। ऐसे बिल्डरों को ग्रीन फिल्ड के लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए था, ताकि जनहित में होने वाले कार्यों में फिर से ऐसे बिल्डरों से सहयोग लिया जा सकें और ग्रीन फिल्ड के निवासियों के खुशियों का ध्यान बखूबी रख सकें और सभी के सभी बिल्डरों के नामों को सोशल मीडिया पर वायरल किए गए मैसेज में सार्वजनिक करना चाहिए था
चाहे वह मैसेज किसी ने भी डाला हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास। यहां तो बिल्डरों के साथ विश्वासघात हो गया। क्यूंकि बेहतरीन कार्य में उन्हें ना तो कोई पूछ रहा हैं नाही उन्हें कोई सम्मान मिल रहा है। यहां तो 13 लाख रूपए से अधिक के चेक देने वाले के 14-15 बिल्डरों के नाम लेने से यूआईसी के चैयरमेन भारत भूषण बच रहे हैं। चलिए उन्हें इन बिल्डरों के नाम लेने से बचने दीजिए, हो सकती हैं उनकी कोई ना कोई मजबूरी हो।
खबर के मुताबिक जिन बिल्डरों ने यूआईसी के नाम गेट नंबर पांच वाली टूटी फूटी सड़क को बनाने के लिए अपना जो योगदान दिया हैं उनके नाम इस प्रकार हैं, इन बिल्डरों के नाम गोल्डन सिंगला, अजय गोयल, देवेंद्र बंसल, राजपाल चौहान, योगेश अग्रवाल उर्फ़ टोनी पहलवान, हिमांशु अग्रवाल, अमित गर्ग, बिट्टू सिंगला, संजय बंसल , प्रतीक आहूजा, अनुज आर्या, सुरेंद्र अग्रवाल व अन्य कई बिल्डर हैं। इस मामले में यूआईसी के चैयरमेन भारत भूषण का कहना हैं कि आज शाम 6 बजे ,ग्रीन फिल्ड कालोनी के गेट नंबर -5 वाली सड़क का उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर करेंगें। जब उनसे पूछा गया कि बिल्डरों ने यूआईसी के नाम चेक दी हैं फिर आप उनके नाम लेने से क्यों बच रहे हो, तो उनका कहना हैं कि मैंने बिल्डरों से कोई मीटिंग नहीं की, कंपनी को एक ही आदमी ने अपने लेटर हेड पर लिख कर चेक दिए हैं, इसके बाद एक बार फिर से उनसे बोला गया की बिल्डरों ने तो यूआईसी के नाम चेक दिए हैं, वह खामोश हो गए ।
फिर भी ग्रीन फिल्ड कालोनी के निवासियों, खास तौर पांच नंबर गेट के आसपास के रहने वाले हजारों लोगों से “अथर्व न्यूज़” ने अपील की है कि एक निजी और सामूहिक कार्यक्रम करके ऐसे बिल्डरों को प्रोत्साहित करे। ताकि आगे भी जनहित अपना योगदान दे सकें। यदि ये लोग भागीदारी योजना के तहत अपना योगदान ना दिया होता तो, दिए गए 13 लाख रूपए आप सभी को मिलकर देने पड़ते, इन बिल्डरों ने आपके जेब पर पड़ने वाले बोझ को कम करने के उद्देश्य से अच्छा और बेहतरीन कार्य किया हैं। क्यूंकि अक्सर देखा गया हैं कि लोग बिल्डरों की गलतियां निकालते हैं, और अच्छे -बुरे कहते रहते हैं, जब ये लोग अच्छा काम करते हैं तो ऐसे कुछ लोग जो बिल्कुल अपने पैरों तले दबा कर अपना वाहवाही ले लेते हैं।
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