अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
हरियाणा, घरौंडा: घरौंडा शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष औम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शहादत को पूरा मान सम्मान देना शुरू किया। कारगिल युद्ध के दौरान हुए सभी शहीद जवानों के पार्थिव शरीर उनकी जन्म भूमि पर पंहुचाए गए और पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किए गए।उसके बाद से सभी शहीद सैनिकों के पार्थिव शरीर ससम्मान परिजनों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार के लिए जन्म भूमि पर पहुंचने लगे। इससे पहले कांग्रेस की सरकारों में शहीदों का अंतिम संस्कार कहां होता था, कैसे होता था, यह उनके परिजनों को भी नहीं पता चल पाता था। भाजपा ने तिरंगे को मान,शहीदों को सम्मान और किसानों को सम्मान निधि देने का ऐतिहासिक काम किया है। कांग्रेस ने आजादी के बलिदानियों का इतिहास छुपाने, शहीद भगत सिंह जैसे बलिदानी की पवित्र जन्म भूमि गांव बंगा को बंटवारे के समय पाकिस्तान में मिलाने और आजादी के बाद किसानों को गुमराह करने का पाप किया है। कांग्रेस को इन पापों का जवाब देश की जनता को देना होगा। उन्होंने कहा कि तिरंगा यात्रा में भागीदार आजादी के बलिदानियों की गौरव गाथाओं से देशभक्ति जगाने और कांग्रेस ने बलिदानियों का इतिहास छुपाकर जो पाप किए हैं उनका जवाब लेने निकले हैं।
धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस और नेहरू को किस बात का डर था कि अंग्रेजों के साथ मिलकर शहीद भगत सिंह के ऐतिहासिक गांव बंगा को बंटवारे के समय पाकिस्तान को दे दिया गया। सारा देश 15 अगस्त 1947 को आजादी का जश्न मना रहा था और वीर सेनानी भगत सिंह के घर पर मातम छाया हुआ था। शहीद भगत सिंह के चाचा सरदार अजित सिंह ने 15 अगस्त 1947 को ही इस दुःख में डलहौजी में प्राण त्याग दिए कि नेहरू ने उनके गांव बंगा को भारत का हिस्सा नहीं रहने दिया। आज भी सरदार अजीत सिंह स्मारक डलहौजी के पास पंचपाल में जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था । उनकी समाधि मौजूद है। यह पाप कांग्रेस ने ऐसे बलिदानी परिवार के साथ किया, जिसकी तीन पीढ़ियों ने देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 30 दिसंबर 1943 को ही अंडेमान-निकोबार को अंग्रेजों से आजाद करवा कर पोर्ट ब्लेयर के जिमखाना क्लब में तिरंगा फहराया दिया था। यह गौरवशाली इतिहास भी कांग्रेस ने छुपाया। इसी तरह आजादी के आंदोलन के दौरान हुए अनेकों बलिदानों और गौरवशाली इतिहास को छुपाने का पाप कांग्रेस ने किया है। देश की युवा शक्ति अब जागरूक हो चुकी और कांग्रेस से हिसाब मांग रही है। क्योंकि वहींं कौम आगे बढ़ती है जो अपने अपने गौरवशाली इतिहास को याद रखती है। किसान बंधु धनखड़ ने घरौंडा अनाज मंडी में तिरंगा हाथ में लिए हजारों किसानों से कहा कि हमारी सरकार ने फसल बीमा योजना के तहत किसानों के खातों में सीधे चार हजार करोड़ रुपये पंहुचाए, मुआवजा छह हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपये प्रति एकड़ किया। फसल लागत मूल्य का डेढ़ गुना एमएसपी घोषित करने की नीति बनाकर लागू की। गन्ने का भाव पंजाब में 320 रुपये और हरियाणा में 350 रुपये प्रति क्विंटल।
हमारी सरकार ने बाजरे का भाव 2150 रुपये प्रति क्विंटल दिया। पंजाब और राजस्थान की कांग्रेस सरकार किसानों को ये भाव और मुआवजा क्यों नहीं देती, यह बात किसान संगठनों को पूछनी चाहिए। आंदोलन हरियाणा में नहीं पंजाब और राजस्थान में होना चाहिए। किसान संगठन भ्रमित होकर जन और धन की हानि कर रहे हैं। इसकी जिम्मेदार कांग्रेस पार्टी है। सांसद संजय भाटिया ने घरौंडा शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा में पहुंचने पर प्रदेश अध्यक्ष औम प्रकाश धनखड़ का स्वागत करते हुए कहा कि हमारे युवा देश को और बेहतर बनाने के लिए तैयार हंै। हमारे युवा हर क्षेत्र में तिरंगे का सम्मान करने में अग्रणी है। तिरंगा यात्रा ने प्रदेश भर के युवाओं में देशभक्ति का नया जोश और जज्बा पैदा किया है। उन्होंने तिरंगा यात्रा में उमड़े जनसैलाब का स्वागत करते हुए कहा कि घरौंडा तिरंगा यात्रा ने पूरे क्षेत्र में तिरंगे का मान और शहीदों का सम्मान बढ़ाने का काम किया है।
यात्रा के संयोजक विधायक हरविंद्र कल्याण ने प्रदेश अध्यक्ष औम प्रकाश धनखड़ और तिरंगा यात्रा में उमड़ी भारी भीड़ का अभिनंदन करते हुए कहा कि घरौंडा वीरों की भूमि है, किसानों की भूमि है, खिलाड़ियों की भूमि है। तिरंगा यात्रा का माहौल राष्ट्रीय पर्व की तरह बना हुआ है। हमारे युवाओं में तिरंगे का मान और शहीदों का सम्मान बढ़ाने का अनोखा जज्बा है। घरौंडा तिरंगा यात्रा में किसानों और महिलाओं की रिकार्ड हाजिरी रही। किसान तिरंगा यात्रा में अपने -अपने ट्रैक्टरों पर तिरंगा सजा कर पहुंचे और भारत माता, वंदे मातरम के गगनभेदी जयकारे लगाए। पूरा घरौंडा देश भक्ति में डूबा हुआ और तिरंगामय नजर आया। घरौंडा शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा में विधायक रामकुमार कश्यप,पूर्व विधायक भगवान दास कबीरपंथी व रमेश कश्यप, जिला अध्यक्ष योगेंद्र राणा, जिला प्रभारी दीपक शर्मा सहित भारी संख्या में महिलाएं किसान,युवा, पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की भागीदारी रही।
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