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चंडीगढ़: विधानसभा के मानसून सत्र: 2 करोड़ 20 लाख 48 हजार 121 का पीपीपी के तहत पंजीकरण

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में 18 अगस्त 2021 तक 54 लाख 73 हजार 599 परिवारों के 2 करोड़ 20 लाख 48 हजार 121 व्यक्तियों के परिवार पहचान पत्र में पंजीकरण कर अपनी हस्ताक्षरित सहमति प्रदान की है। यह जानकारी मुख्यमंत्री ने आज हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में दी।

हमारा लक्ष्य गरीबों का उत्थान : सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य 1.80 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों का आर्थिक उत्थान करना है। उन्होंने बताया कि परिवार पहचान पत्र योजना के सर्वे के तहत अब तक 50000 रुपये तक वार्षिक आय वाले 30000 परिवार और 1 लाख रुपये तक वार्षिक आय घोषित करने वाले परिवार चिन्हित किये गए हैं। इनकी आमदनी के स्रोत बढाने के लिए छह विभागों की टीम परिवारों से सम्पर्क कर योजना बना रही हैं।

परिवारों ने स्वयं घोषित की है अपनी आय

मुख्यमंत्री ने बताया कि 18 अगस्त 2021 तक 29 लाख 84 हजार 533 व्यक्तियों वाले 9लाख 20 हजार 569 परिवारों ने पंजीकरण और परिवार पहचान पत्र में अपना डाटा अपडेट किया लेकिन उनकी हस्ताक्षरित सहमति प्रदान करना अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में आय का डाटा परिवार द्वारा अपने सदस्यों की संख्या के साथ स्वत: घोषित की गई जानकारी के आधार पर एकत्रित किया गया है। इस प्रकार घोषित डाटा को अलग से केन्द्र सरकार द्वारा या राज्य सरकार द्वारा रखे जा रहे उपलब्ध डाटाबेस के साथ डिजिटल माध्यम से तथा क्षेत्र में विशेष रूप से गठित समितियों द्वारा वास्तविक आधार पर भी सत्यापित किया जाता है।

डाटा के सत्यापन की प्रक्रिया अभी जारी

विधायक नीरज शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए सीएम  मनोहर लाल ने कहा कि आय डाटा के लिए सत्यापन प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है। 18 अगस्त, 2021 तक परिवार पहचान पत्र में 54,73,599 परिवारों द्वारा अपने परिवार के 2,20,48,121 व्यक्तियों की आय स्व-घोषित की है, जिनकी कुल आय 1,35,724 करोड़ रुपये है। गणितीय फार्मूले से गणना करे तो प्रति व्यक्ति आय और प्रति परिवार आय क्रमश: 61,558 रुपए और 2,47,962 रुपए है। इसी दौरान जानकारी देते हुए सीएम मनोहर लाल ने कहा कि स्व-घोषित आय को केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा बनाए एवं रखे जा रहें अन्य उपलब्ध डाटाबेस से डिजिटल माध्यम से और विशेष रूप से गठित समितियों द्वारा भौतिक सत्यापन के माध्यम से सत्यापित किया जाता है। आय का सत्यापन वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 15 दिसम्बर 2020 को जारी अधिसूचना संख्या 90/2020एस.0 4545(ई) के अनुसार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के आयकर डाटाबेस के साथ डिजिटल माध्यम से भी सत्यापित किया जाता है। सीएम ने बताया कि डिजिटल आय सत्यापन के लिए एक प्रक्रिया यह भी है कि व्यक्तिगत डाटा को अन्य डाटाबेस के साथ भी सत्यापित किया जाता है जैसे कि हरियाणा सरकार के कर्मचारियों का एच.आर.एम.एस. का डाटाबेस,  हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड जो निजी क्षेत्र और इसी तरह के काम करने वाले व्यक्तियों को भुगतान किए गए पारिश्रमिक का डाटा रखता है।

सीएम ने कहा कि भौतिक क्षेत्र के सत्यापन एक सोफटवेयर एप्लिकेशन के माध्यम से किया जा रहा है। इस एप्लिकेशन पर विशेष रूप से गठित टीम, जिसका नाम लोकल कमेटी है, वह कार्य कर रही है। स्थानीय समिति (एलसी) की संरचना ऐसी है कि इसमें विभिन्न सामाजिक समूहों के लोगों को शामिल किया जाता है। इसमें एक सरकारी कर्मचारी शामिल होता है जो टीम लीडर के रूप में कार्य करता है और इसके अलावा टीम में आई.टी. का ज्ञान रखने वाला CRID के साथ पंजीकृत स्थानीय आपरेटर ,एक स्वयंसेवी, एक सामाजिक कार्यकर्ता और एक छात्र शामिल होता है। हर स्थानीय समिति का प्रत्येक सदस्य परिवार के हर सदस्य की आय के आकलन का ब्यौरा देता है। जहां तीन या अधिक स्थानीय समिति के सदस्यो का आय निर्धारण मेल खाता है, उसे सत्यापित आय के रूप में लिया जाता है। ऐसे  मामलों में जहां अंतर होता है, वहां पारिवारिक आय एक निर्धारित फार्मूले के आधार पर निकाली जाती है। सीएम ने कहा कि परिवार पहचान पत्र डाटाबेस सभी सरकारी योजनाओं, सब्सिडी, सेवाओं और लाभों के वितरण के लिए मेटाडाटा का काम करता है। वर्तमान में पीपीपी के साथ सरकारी योजनाओं, सब्सिडी, सेवाओं और लाभों का एकीकर्ण किया जा रहा है और अगले तीन महीनों में यह कार्य पूरा होने की सम्भावना है। एकीकरण पर, दस्तावेजों की आवश्यकता के बिना ही किसी भी समय, कहीं भी, सक्रिय रूप से नागरिक सेवाएं प्रदान करना संभव होगा क्योंकि पीपीपी डाटाबेस के साथ उपलब्ध डाटा पूर्व-सत्यापित होता है।

डाटा पूरी तरह सुरक्षित

डाटा का उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जाता है और किसी निजी एजेंसी के साथ साझा नहीं किया जाता है। परिवार पहचान पत्र डाटाबेस में डाटा सरकारी कलाउड पर सुरक्षित रूप से संग्रहित किया जाता है। पोर्टल केवल अधिकृत उपयोगकर्ता के आधार पर कार्य करता है और  इस पर संग्रहीत डाटा तक किसी को खुली पहुंच प्रदान नहीं की गई है। सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन कार्यालय द्वारा स्वयं विकसित की गई है और किसी भी वेडंर विक्रेता को पीपीपी के साथ शामिल नहीं किया गया है। वर्तमान में पोर्टल की निगरानी CRID की ओर से  NIC  द्वारा की जा रही है तथा राष्ट्रीय स्तर पर NIC द्वारा निर्धारित सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। डाटा को नुकसान से बचाने, दुरुपयोग या परिवर्तन से बचाने के लिए सभी सुरक्षा उपाय किए गए है।

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