अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नमस्कार साथियों। आज इस विशेष पत्रकार वार्ता में मैं हम सबके नेता राहुल गांधी, देश के पूर्व वित्त मंत्री, पूर्व गृह मंत्री, पी. चिदंबरम, संगठन महासचिव, केसी वेणुगोपाल, आप सबका और सब पत्रकार मित्रों का, छायाकार बंधुओं का स्वागत करता हूं। एक बहुत ही अत्यंत गंभीर और महत्वपूर्ण विषय लेकर राहुल गांधी और हम सब आपके बीच में उपस्थित हैं। आज विशेष अनुरोध मेरा ये रहेगा कि हम वो विषय जिसे विशेष तौर से आपको और देश को संबोधित करने के लिए राहुल गांधी आए हैं। आज हम हमारे प्रश्न वहीं तक रिस्ट्रिक्टेड रखेंगे, ताकि विषय की गंभीरता देश के सामने पहुंच सके।
राहुल गांधी ने कहा कि नमस्कार। नरेन्द्र मोदी जी का एक और बीजेपी का एक नारा था – 70 साल में कुछ नहीं हुआ और कल फाइनेंस मिनिस्टर ने जो भी 70 साल में इस देश की पूंजी बनी थी, उसको बेचने का डिसीजन (decision) ले लिया है, मतलब प्रधानमंत्री ने सब कुछ बेचने की तैयारी कर ली है। अब मैं ये हिंदुस्तान के युवाओं से कहना चाहता हूं – आपके हाथ से रोजगार छिना, कोरोना में आपकी मदद नहीं की। आपके जो किसान माता-पिता हैं, उनके खिलाफ 3 स्पेशल कानून बनाए। आज मैं यहाँ ये पढ़ना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री अपने मित्रों को हिंदुस्तान का क्या-क्या बेच कर दे रहे हैं। और इसको पढ़ने से आपको पता लग जाएगा, मुझे कहने की भी जरुरत नहीं होगी कि कौन सा एसेट किसको जा रहा है और ये जो सलेक्शन किया गया है, ये किन लोगों के लिए किया गया है और किस प्रकार से उनको फ्री गिफ्ट दिया जा रहा है।
तो शुरुआत करता हूं मैं:-
रॉड्स – 1.6 लाख करोड़ रुपए का गिफ्ट 26 हजार 700 किलोमीटर नेशनल हाईवे। रेलवे, जो इस देश की रीढ़ की हड्डी है, जिसके बिना भाइयों और बहनों देश के गरीब लोग एक शहर से दूसरे शहर में नहीं जा सकते। आज जो लोग ट्रेन में बैठे हैं, आप सुनिए, डेढ़ लाख करोड़ रुपए रेलवे – 400 स्टेशन, 150 ट्रेनें, रेलवे ट्रेक और वुडशेड्स और जो हमारे रेलवे के इम्पलॉई हैं, आप भी बात समझ लीजिए – जब ये रेलवे से छिन कर किसी प्राइवेट एंटिटी को दिया जाएगा, तो आप समझ लीजिए आपके रोजगार का क्या होने वाला है। मुझे समझाने की जरुरत नहीं है।
उसके बाद स्पेशल गिफ्ट – पावर ट्रांसमिशन, 42,300 सर्किट किलोमीटर ऑफ ट्रांसमिशन नेटवर्क। पावर जनरेशन 6,000 मेगावॉट, हाइड्रो सोलर विंड एसेट from NHPC, NTPC and NLC. नेशनल गैस पाइप लाइन, 8,000 किलोमीटर गेल की पाइप लाइन। किसको जा रहा है, आप जानते हो। पेट्रोलियम पाइप लाइन, 4,000 किलोमीटर- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन एंड एचसीएल की पाइप लाइन। टेलीकॉम, 2.86 लाख किलोमीटर ऑफ भारत नेट फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क। बीएसएनएल एंड एमटीएनएल के टावर। वेयर हाउसिंग, किसान भाई, आप इसको अच्छी तरह सुनिए- वेयर हाउसिंग, 29,000 करोड़ रुपए की वेयर हाउसिंग- 210 लाख मैट्रिक टन फूड ग्रेन स्टोरेज। भाइयों और बहनों, आपको मालूम होगा कि ये 210 लाख मैट्रिक टन स्टोरेज किसको जा रही है। कहने की जरुरत नहीं है। माइनिंग, 160 कोल माइन्स। 761 मिनरल ब्लॉक। एयरपोर्ट, 21,000 करोड़- 25 एयरपोर्ट। किसको जा रहा है, आपको मालूम। पोर्ट 13,000 करोड़- 9 पोर्ट के 31 प्रोजेक्ट, किसको जा रहा है, आपको मालूम। स्टेडियम, 11,000 करोड़- दो नेशनल स्टेडियम।
अब देखिए, ये जो एसेट हैं, इनको बनाने में 70 साल लगे हैं और इनको बनाने में हिंदुस्तान की जनता ने लाखों-करोड़ रुपए अपना पैसा डाला है। ये पूरा का पूरा 3-4 लोगों के हवाले किया जा रहा है। आपसे कहा जा रहा है भाइयों और बहनों, क्या नाम दिया इसका – नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन। ये जो आपका भविष्य है, इसको बेचा जा रहा है, इन तीन-चार उद्योगपतियों को गिफ्ट दी जा रही है। ये रियलिटी है। हम प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ नहीं हैं। हमारा प्राइवेटाइजेशन का लॉजिक था। लॉजिक मैं आपको बता देता हूं – सबसे पहले जो स्ट्रैटेजिक इंडस्ट्री हैं, उनको प्राइवेटाइज नहीं किया जाता था। इसमें से रेलवे स्ट्रैटेजिक इंडस्ट्री हम मानते थे। स्ट्रैटेजिक, क्योंकि ये हिंदुस्तान की रीढ़ की हड्डी है। स्ट्रैटेजिक, क्योंकि ये लाखों-करोड़ों लोगों को ट्रांसपोर्ट देती है। स्ट्रैटेजिक, क्योंकि इसमें बहुत सारे लोगों को इम्पलॉयमेंट (employment) मिलता है। इसलिए स्ट्रैटेजिक है।
दूसरी बात, जो इंडस्ट्री करोनोक्ली लॉसमेकिंग होती थी, उनको हम प्राइवेटाइज करते थे। जिन कंपनियों के पास मिनिमम मार्केट शेयर होता था, उनको हम प्राइवेटाइज करते थे और उस सेक्टर में हम प्राइवेटाइज करते थे, जहाँ पर प्राइवेट सेक्टर की मोनोपली के रिस्क न हों, मतलब अगर सरकारी कंपनी मोनोपली को रोक सकें, तो हम उसको प्राइवेटाइज नहीं कर सकते थे। अब यहाँ पर ये सारे के सारे प्राइवेटाइजेशन मोनोपली बनाने के लिए किए जा रहे हैं। सारे के सारे, मैंने आपको नाम दिए हैं – पॉवर, टेलीकॉम, वेयर हाउसिंग, माइनिंग, एयरपोर्ट, पोर्ट, ये सब मोनोपली बनाने के लिए किया जा रहा है। आप जानते हो, पोर्ट किसके हाथ में है, एयरपोर्ट किसको जा रहे हैं।
हम कहते हैं प्राइवेटाइज कीजिए, मगर देश को नुकसान मत पहुंचाइए। देश को नुकसान कैसे होगा और जो देश के युवा हैं, आप इसको अच्छी तरह सुनिए – जैसे ही ये मोनोपली बनती जाएंगी, वैसे ही उतनी ही रेट से आपको रोजगार मिलना बंद हो जाएगा। आप स्कूल में हों, कॉलेज में हों, इस देश में जो छोटे बिजनेस होते हैं, मिडिल साइज बिजनेस होते हैं, जो आपको रोजगार देंगे कल, वो सब बंद हो जाएंगे, खत्म हो जाएंगे। तीन-चार बिजनेस रहेंगे, इनको इम्पलॉयमेंट देने की कोई जरुरत नहीं रहेगी और आपको रोजगार नहीं मिलेगा। मैंने कोरोना के बारे में बोला था, आप लोगों ने मजाक उड़ाया। ठीक है, मैं फिर से बोल रहा हूं और हिंदुस्तान का युवा, आप अच्छी तरह सुन लीजिए- जैसे ही ये होगा, वैसे आपको रोजगार मिलने का चांस खत्म हो जाएगा। ये हिंदुस्तान की पूंजी बेची जा रही है, ये आपके भविष्य पर आक्रमण है। नरेन्द्र मोदी जी अपने दो-तीन उद्योगपति मित्रों के साथ हिंदुस्तान के युवा पर आक्रमण कर रहे हैं। इसको आप अच्छी तरह
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