अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
फिल्म बंटी और बबली की तर्ज पर, लुभावने वादे, मुनाफे का लालच देकर करोड़ो की ठगी कर फरार हुए दंपति को पुलिस ने गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों पर गौतमबुद्ध नगर के विभिन्न थानों में 14 मुकदमे दर्ज हैं और दोनों को पुलिस 2019 से तलाश कर रही थी. पुलिस का दावा है कि बाइक बोट धोखाधड़ी की तर्ज पर ही इसमें 17 हजार लोगों से करीब 150 करोड़ रुपये ठगे गए।
पुलिस की गिरफ्त में खडे गाजियाबाद निवासी अनिल सैन ने अपनी पत्नी मीनू सेन के साथ मिल कर केडीएम बाइक इंटरप्राइजेज प्रोपराइटर (गो वे) ई कंपनी बनाई। गो वे इंडिया कंपनी का जीएनएम प्लाजा साइट-4 में दफ्तर था। इस कंपनी ने बाइक बोट की तरह गो वे इंडिया नाम की इलेक्ट्रिक स्कूटी योजना शुरू की। इस कंपनी के मालिक अनिल सेन व उनकी पत्नी मीनू व बेटे कुणाल सैन हैं। क्लीन इंडिया ग्रीन इंडिया उद्देश्य के साथ शुरू की गई इस योजना में लोगों से पैसा निवेश कराया गया। कंपनी ने 62 हज़ार रुपये निवेश करने पर एक साल में दोगुना करके पैसे देने का वादा किया। यह पैसा एक साल की किस्तों में वापस किया जाना था। योजना के लुभावने वादों में आकर लोग झांसे में आने लगे। लोगों ने मुनाफे के लालच में अपना पैसा यहां लगा दिया कुछ दिनों तक तो इन्होंने लोगों को पैसा दिया लेकिन मई माह से लोगों का पैसा नहीं मिला। जिसके बाद निवेशकों ने कंपनी में संपर्क किया तो कुछ तकनीकी कमी होने की बात कहने लगे। फिर बंटी बबली की जोड़ी कंपनी के मुख्य कार्यालय में ताला जड़ कर फरार हो गई। और पुलिस तबसे इन्हे तलाश रही थी. पहली रिपोर्ट कासना कोतवाली में बुलंदशहर के रहने वाले दीपेश शर्मा ने दर्ज कराई थी। दीपेश शर्मा ने 8.68 लाख रुपये का निवेश किया था। दीपेश जब कंपनी के दफ्तर पर पैसा मांगने के लिए जाते तो उन्हें अगले दिन आने के लिए कहा जाता। दीपेश ने दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया। बढ़ते दबाव के चलते दंपति ने अपना दफ्तर बंद कर दिया और फरार हो गए। टैक्सी में स्कूटी लगाने के नाम पर रकम दोगुना करने का झांसा देकर ठगने वाले दंपत्ति को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया है। इनका दफ्तर ग्रेटर नोएडा में था और दोनों फरार हो गए थे। दोनों को जेल भेज दिया गया।
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