अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: ना तो वह ड्रग की सप्लाई कर रहा था , ना ही उसके उधार के तीन लाख रूपए दे रहा था, मांगने पर आरोपित और मृतक महबूब के बीच काफी गरमा गरम बहस हो गई, उन दोनों ने मिल कर महबूब को गोली मार कर हत्या कर दी। अब पीएस दयालपुर व एएटीएस/एनईडी की संयुक्त टीम ने दोनों आरोपितों को अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने इन आरोपितों के कब्जे से ब्रिटेन में बनी एक रिवॉल्वर, 03 जिंदा कारतूस, 02 खाली कारतूस, 01 गोली चलाई बरामद किए हैं।
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक गत 26-09-21 को लगभग 00.56 बजे, थाने दयालपुर में फायरिंग की घटना के संबंध में एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई। तत्काल पुलिस टीम मौके पर पहुंची और देखा कि गोली लगने से घायल एक व्यक्ति को परिवार के सदस्यों द्वारा अस्पताल ले जाया गया है। अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि घायल महबूब निवासी चांद बाग, उम्र 40 वर्ष को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था।
मृतक की पत्नी ने अपने बयान में ‘तैतू’ नाम के शख्स पर शक जताया। तदनुसार, उनके बयान पर एफआईआर संख्या -482/21, दिनांक 26.09.21, भारतीय दंड संहिता की धारा 302/34 आईपीसी, पीएस दयालपुर, दिल्ली के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच की गई। घटना की गंभीरता को भांपते हुए एएटीएस/एनईडी को अपराधियों को पकड़ने में पुलिस थाने की टीम नियुक्त किया गया था। आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए तकनीकी निगरानी के साथ-साथ मैनुअल स्रोतों को भी तैनात किया गया था। इकट्ठा करने के लिए कई पुलिस टीमों को लॉन्च किया गया एंव आस-पास के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन करें और कॉल डिटेल्स का विश्लेषण करें। सीसीटीवी फुटेज में से एक में पुलिस टीम को सुराग मिला और उसी कॉन्फ़िगरेशन वाले व्यक्ति पर ध्यान दिया गया। उसकी तस्वीरें पहचान के लिए अलग-अलग समूहों में प्रसारित की गईं। गुप्त सूचना के आधार पर जाल बिछाया गया और मुखबिर के कहने पर बृजपुरी पुलिया के पास से दो लोगों को पकड़ा गया। सरसरी तलाशी के दौरान उनके कब्जे से 03 जिंदा कारतूस और 02 खाली कारतूस से भरी एक रिवॉल्वर बरामद की गई। उनकी पहचान राहुल शर्मा निवासी कृष्णा नगर, राधापुरी, दिल्ली, आयु 24 वर्ष और साहिल बाखला उर्फ़ ईशू निवासी करावल नगर, दिल्ली, आयु 21 वर्ष के रूप में स्थापित की गई थी। इसी के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया है।पूछताछ के दौरान राहुल शर्मा ने खुलासा किया कि वह एक व्यक्ति के लिए एक निजी बॉडी गार्ड के रूप में काम करता था,रिवाल्वर का लाइसेंस है और वह उसी का है। उन्होंने आगे खुलासा किया कि वे दोनों ड्रग एडिक्ट हैं और मृतक पहले ड्रग्स बेचते थे। ट्रोनिका सिटी, गाजियाबाद, यूपी का क्षेत्र, वे उसके नियमित ग्राहक थे। उसने रुपये उधार लिए थे। उनसे 300,000/-ऋण के रूप में। अब वह ट्रोनिका सिटी, गाजियाबाद, यूपी से शिफ्ट हो गया है और चुपचाप चांद बाग इलाके में छिप गया था। वह न तो उन्हें दवा की आपूर्ति कर रहा था और न ही ऋण के रूप में ली गई उनकी राशि वापस कर रहा था। गत 26.09.21 को वे उसके घर पहुंचे और अपने पैसे वापस मांगे, जिस पर गरमागरम बहस हुई और राहुल शर्मा ने उसे गोली मार दी और मौके से भाग गया।
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