अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: पुलिस कमिश्नर विकास कुमार अरोड़ा ने आज कहा कि उन्हें काफी जगह पर अवैध शराब बिक्री होने के बारे में लगातार शिकायतें मिल रही हैं, जिसपर तुरंत संज्ञान लेते हुए उन्होनें आज सभी थाना व चौकी प्रभारियों तथा क्राइम ब्रांच को अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर अवैध शराब के कारोबार पर अंकुश लगाने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिस थाना एरिया में इस बारे कोताही बरती जाएगी उस इलाके के सम्बंधित थाना/चौकी/क्राइम ब्रांच प्रभारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष अभी तक एक्साइज एक्ट के तहत पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 688 लोगों को अरेस्ट किया है। फरीदाबाद में अवैध शराब पर पाबन्दी लगाना पुलिस कमिश्नर के अहम् लक्ष्यों में से एक है। इसलिए सभी थाना व चौकी प्रभारी अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कार्रवाई करें। अवैध शराब पर अंकुश लगाने के लिए सभी थाना व चौकी प्रभारियों को अपने एरिया में शराब बेचने वालों की लगातार चेकिंग करने और इसके अवैध कारोबार में संलिप्त पाए जाने पर कानून के तहत कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। थाना प्रभारी अपने थाना क्षेत्र में सूत्रों के माध्यम से तस्करी में शामिल संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी एकत्रित कर उन्हें सलाखों के पीछे पहुँचाएँगे। अवैध शराब जहरीली भी हो सकती है जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। बीते वर्ष नकली शराब पीने से 5 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी और कई लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। पैसों के लालच में आकर व्यक्ति गलत धंधा करने शुरू कर देता है जिसका परिणाम आम नागरिकों को भुगतना पड़ता है। अवैध शराब कारोबारी अपने धंधे में नाबालिग बच्चों को भी शामिल कर लेते हैं। जिस से उनका भविष्य भी अंधकारमय हो जाता है। इस प्रकार के धंधे की तरफ अग्रसर व्यक्ति दिन प्रतिदिन गलत कामों में पड़ता जाता है और इस प्रकार अपराध के दलदल में ही फसा रहता है। इसलिए प्रारंभिक तौर पर ही इनपर रोक लगाकर इन्हें अपराध की दुनिया से बचाया जा सकता है। अवैध शराब की उपलब्धता आसानी से हो जाती है । आसानी से उपलब्ध नशा कई अपराधों को जन्म देता है मारपीट, झगड़े, लुट इत्यादि के अलावा घरेलू झगड़े मियां बीवी की लडाई का जन्मदाता है अवैध नशा हैं। पुलिस व कर्तव्य इस प्रकार की नशे पर अंकुश लगाए ।सभी पुलिस उपायुक्त व सहायक पुलिस आयुक्त को निर्देश दिए कि वह अपने-अपने जोन के थाना व चौकी प्रभारियों के साथ इसके बारे में मीटिंग करके निर्देशों को लागू करना सुनिश्चित करें तथा पुलिस अधिकारियों द्वारा लिए गए एक्शन के बारे में रिपोर्ट मंगवाकर इसकी समीक्षा करें।
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