अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद जिले में लगातार नगर प्रशासन एवं राज्य सरकार की अन्य एजेंसियों द्वारा गरीब मजदूर परिवारों की बस्तियों को बिना नोटिस या बहुत कम समय में गुमनाम एवं बिना साइन के नोटिस जारी किए जा रहे है और लोगों की गरीबी का फायदा उठाकर तोड़फोड़ तीव्र गति से चल रही है जिसके कारण बस्ती वासी बहुत परेशान है। पिछले 3 माह में लगभग 20,000 परिवारों को बेदखल कर चुका फरीदाबाद प्रशासन अभी भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। 1 अक्टूबर से लेकर 4 अक्टूबर तक हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने संतोष नगर एवं राजीव नगर इलाके में गाड़ी में माइक स्पीकर रखकर संतोष नगर एवं राजीव नगर में रहने वाले मजदूर परिवारों को जल्दी घर खाली करने की घोषणाएं की अनाउंसमेंट को सुनकर राजीव नगर एवं संतोष नगर के गरीब मजदूर परिवारों में खलबली मच गई। लगातार लोग प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं किंतु उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि ऐसे समय में वह मदद के लिए किसके पास जाएं।
मजदूर आवास संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक निर्मल गोराना ने बताया कि संतोष नगर का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पेंडिंग है और और कोर्ट ने संतोष नगर के मामले में स्टे दे दिया है परंतु हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी बेवजह संतोष नगर के मजदूर परिवारों को परेशान एवं गुमराह कर रही है जो अत्याचार की श्रेणी में आता है। मजदूर आवास संघर्ष समिति ने सेक्रेट्री ऑफ मिनिस्ट्री ऑफ़ हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, चेयरमैन ऑफ हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी, कमिश्नर ऑफ फरीदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन, डीसीपी फरीदाबाद, सेक्रेटरी गवर्नमेंट ऑफ हरियाणा को लिखित में अनुरोध किया है की संतोष नगर के परिवारों को अभी बेदखल नहीं करें वरना संबंधित अथॉरिटी पर कोर्ट ऑफ कंटेंप्ट बनेगा और वर्तमान में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने संतोष नगर के मजदूर परिवारों को स्टे दे रखा है।
इंदिरा नगर बस्ती ने स्टे के लिए चंडीगढ़ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
हालही इंदिरा नगर में रेलवे ने जमकर तोड़फोड़ कर डाली जिसमे लगभग 800 मजदूर परिवारों को बेदखल कर दिया गया जिनका आज भी पुनर्वास नहीं हुआ है परंतु रेलवे ने फिर से इंद्रा नगर के बचे हुए घरों पर अपनी निगाहे गाड़ रखी है। मजदूर परिवारों को भय है की रेलवे कभी किसी भी समय फिर तोड़फोड़ को आ सकता है इसलिए आज इंदिरा नगर के मजदूर परिवारों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचकर जनहित याचिका दायर की है। निर्मल गोराना ने बताया कि मजदूर आवास संघर्ष समिति, इंदिरा नगर से रेलवे द्वारा बेदखल परिवारों के पुनर्वास हेतु सोमवार को एक जनहित याचिका चंडीगढ़ हाई कोर्ट में अलग से फाइल की जाएगी जिसमे विस्थापित परिवारों को आवास अर्थात घर मुवैया करने की मांग होगी।
“संजय नगर बस्ती के बेदखल परिवारों को रेलवे दे रहा है धमकी”
आज 8 अक्टूबर 2000 21 को नॉर्दन रेलवे के कुछ अधिकारियों ने संजय नगर बस्ती में जाकर बेदखल किए गए परिवारों को संजय नगर बस्ती खाली करने के निर्देश दिए है और उन्हें धमकी दी है कि यदि वह मलबे से नहीं हटेंगे तो उनके परिवारों पर बुलडोजर चला दिया जाएगा। साथ ही धमकी दी गई कि कल प्रातः 10:00 बजे रेलवे के अधिकारी बुल्डोजर लेकर आ रहे हैं और बाकी बचे हुए सभी स्ट्रक्चर को भी तोड़ दिया जाएगा। यह जानकारी याचिका कर्ता दीपक शर्मा ने मजदूर आवास संघर्ष समिति तक दी है इसलिए समिति की ओर से आज एक रीप्रेजेंटेशन पुनः नॉर्दन रेलवे के अधिकारियों, फरीदाबाद पुलिस तथा उपायुक्त फ़रीदाबाद को दिया गया जिसमें उल्लेख किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने “स्टेटस को” अर्थात यथावत रहने के आदेश किए है। साथ ही पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने भी पुनर्वास को लेकर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है जिसका रेलवे ने अभी जवाब नहीं दिया है। रेलवे किसी भी तरह से कोर्ट की अवमानना करने का प्रयास न करें बल्कि बेदखल परिवारों के पुनर्वास का कार्य करे।