अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
भारतीय किसान परिषद के बैनर तले चल रहे किसान अस्तित्व बचाओ आंदोलन जुटे 81 गांवों के किसानों ने प्राधिकरण के खिलाफ एक बार फिर हल्ला बोल दिया। सैकड़ों की संख्या में किसानों ने एकजुट होकर नोएडा प्राधिकरण के गेट पर लगे ताले को तोड़कर कार्यालय परिसर में घुस गए। उन्होंने प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्राधिकरण के अधिकारियों से किसानों की वार्ता कराई। इस वार्ता में तय हुआ है कि अब आज शनिवार को एक बार फिर से नोएडा प्राधिकरण और आंदोलनरत किसानों के बीच बातचीत होगी और किसानों की मांगों पर विचार किया जाएगा।
नोएडा प्राधिकरण के सेक्टर- 6 कार्यालय मै उस समय अफरातफरी मच गया जब सैकड़ों की संख्या में किसानों ने एकजुट होकर नोएडा प्राधिकरण के गेट पर लगे ताले को तोड़कर कार्यालय परिसर में घुस गए और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी. बाद में किसानों ने वहां पर बैठकर धरना शुरू कर दिया। डीसीपी राजेश एस., एडीसीपी रणविजय सिंह तथा प्राधिकरण के ओएसडी किसानों के बीच पहुंचे और उन्हें शांत करने का प्रयास किया। इस दौरान तय हुआ कि शनिवार को किसानों के प्रतिनिधिमंडल और प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारियों के बीच वार्ता होगी, जिसके दो घंटे बाद किसान प्राधिकरण से वापस लौटे।भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर पहलवान ने कहा कि एक सितंबर से चल रहे उनके आंदोलन के 51 दिन पूरे हो गए हैं। नोएडा प्राधिकरण पर चलने वाला यह किसानों का सबसे बड़ा आंदोलन बन गया है। इस आंदोलन के दौरान 103 किसानों को पुलिस ने जेल भी भेजा और करीब दो हजार किसानों के खिलाफ तीन मुकदमे भी दर्ज किए जा चुके हैं। किसान अपनी मांगों को पूरा कराए बिना इस बार आंदोलन को समाप्त नहीं करेंगे।सुखवीर पहलवान का कहना है कि किसान अस्तित्व बचाओ आंदोलन जुटे 81 गांवों के किसानों मुख्य मांगें है. आबादी जहां जैसी है वैसी छोड़ी जाए। किसानों को 10 प्रतिशत के भूखंड दिए जाएं। किसानों का 64 प्रतिशत का बचा हुआ अतिरिक्त मुआवजा दिया जाए। नई नक्शा नीति को वापस लिया जाए। किसानों को पांच प्रतिशत के भूखंड आवंटित किए जाएं। अतिक्रमण के नाम पर किसानों का शोषण बंद किया जाए।
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