अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस शासित राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर वैट की दर में कटौती नहीं करने पर जमकर आक्रोशित हुए। भाटिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद टैक्स में कटौती करके “अबकी दीवाली खुशियों वाली” बना दी किंतु कांग्रेस शासित राज्यों में जन हित में पेट्रोल-डीजल के वैट में कोई कटौती नहीं की है जबकि राजस्थान में पेट्रोल और डीजल सबसे अधिक महंगी है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार और दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल की सरकार भी इन पर लगे वैट में कटौती नहीं कर रही है। जन हित में काम करने की भाजपा सरकार की प्रतिबद्धता बताते हुए भाटिया ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार हो या राज्यों की सरकारें, सभी ने आम जनता के हित में पेट्रोल-डीजल के वैट में कटौती की है।
योगी आदित्यनाथ की सरकार के वैट कटौती के निर्णय से पेट्रोल और डीजल के कीमत में 12- 12 रुपये की कमी आयी है। इसी तरह गुजरात और असम में 7-7 रुपये की कमी आयी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार को जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के प्रति संकल्पित बताते हुए भाटिया ने कह कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी टैक्स का एक-एक पैसा जन कल्याण और विकास व निमार्ण कार्यो में लगाते हैं। वैश्विक महामारी कोरोना काल में गरीब व शोषित वर्ग के खाते में 19 लाख करोड़ रुपये सीधा डाला गया। 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त राशन दिया गया। कोरोना रोधी वैक्सीन के 108 करोड़ डोज का मुफ्त टीकाकरण किया गया। राष्ट्रीय प्रवक्ता भाटिया ने पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान की जनता की ओर सवाल उठाया कि राज्यों में निर्दयी,निकम्मी और निठल्ली कांग्रेस की सरकार जनहित में पेट्रोल-डीजल के वैट में कटौती करने का ठोस फैसला क्यों नहीं ले रही है? ममता बनर्जी और अरविन्द केजरीवाल महंगाई बढ़ने की बात करते हैं किंतु पेट्रोल-डीजल पर वैट में कटौती नहीं करते हैं। भाटिया ने कहा कि कांग्रेस जन भावना से दूर हो चुकी है। जनता ने 2014 और 2019 में इन लोगों को सबक सिखा दिया है और पुनः सबक सिखायेगी। राजस्थान की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ट्वीट पर भाटिया ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत संवैधानिक पद पर है किंतु वे केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद कर में कटौती करने का स्वागत नहीं करते हैं। अशोक गहलोत स्वयं मानते हैं कि उत्पाद कर कम होने पर वैट की राशि स्वतः कम हो जाती है। भाजपा भी यही कहती है कि इसके माध्यम से टैक्स का एक बड़ा हिस्सा राज्यों के पास जाता है तो कांग्रेस और अशोक गहलोत क्यों स्वीकार नहीं करते हैं? राष्ट्रीय प्रवक्ता भाटिया ने कहा कि राहुल गाँधी ने ट्वीट कर जेबकतरों की सरकार कहा था किन्तु अब जनता कांग्रेस सरकार को “जेबकतरों की सरकार” कहती है। कांग्रेस लूट-खसोट और आम आदमियों को प्रताड़ित करने वाली गिद्ध की राजनीति करती है। राजस्थान में 32.19 रुपये वैट लग रहा है। गंगानगर में पेट्रोल 121 रुपये और डीजल 112 रुपये बिक रहा है। इसकी जिम्मेदारी किसकी है? विपक्षी दलों को भाटिया ने नसीहत दी कि सोनिया गांधी हस्तक्षेप कर कांग्रेस शासित राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दर कम कराये। भाजपा शासित राज्यों से सीख लेकर ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल को वैट की दर में कटौती करना चाहिए। महाराष्ट्र की महावसूली अघाड़ी की सरकार भी जनता की सुध नहीं ले रही है। मुम्बई में पेट्रोल 110 रुपये एवं डीजल 87 रुपये है। लोकतंत्र में संघीय ढांचा पर हमला बोलने की बार-बार बात करने वाली कांग्रेस को नसीहत देते हुए भाटिया ने कहा कि संघीय ढांचा की दुहाई देने वाले जनहित में एकजुट होकर अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाना भूल जाते हैं।सिर्फ विरोध करने के लिए “विरोध की राजनीति” करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के केदारनाथ यात्रा पर श्री भाटिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय संस्कृति और विरासत को सम्मान दिया है। भारत में ही क्षमता है कि सभी धर्मों का आदर करे। विपक्षी दलों के शासन काल में पंथनिरपेक्षता के नाम पर सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति हुई है। कांग्रेस ने बहुसंख्यक समाज को हिंदू
आतंकवाद का नाम दिया था।