अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा पुलिस की स्वाट टीम ने क्रेटा कार व 20 लाख रुपए रिश्वत ले कर एटीएम हैकर गैंग को छोड़ दिया. लेकिन गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना पुलिस ने जब एटीएम चोर गैंग को दोबारा पकड़ा और पूछाताछ की तो रिश्वत लेकर छोड़ने का मामला सामने आया। पुलिस कमिश्नर ने इस मामले की जांच डीसीपी (क्राइम) अभिषेक को सौंपी गई और प्रथम दृष्टया जांच में आरोप सही पाए गए हैं। जिसके बाद पुलिस कमिश्नर ने स्वाट टीम प्रभारी शावेज़ खान एवं अम्बरीष यादव को बर्खास्त कर दिया , स्वाट टीम को भंग कर 11 पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
ये तस्वीर 2020 के गणतंत्र दिवस की है जब शावेज खान थाना सेक्टर- 58 के प्रभारी थे और एनकाउंटर कर बदमाशों को पकड़ने पर उन्हें मेडल देकर सम्मानित किया था आज इन्हीं को जो वर्तमान में स्वाट टीम के प्रभारी हैं पुलिस कमिश्नर ने क्रेटा कार व 20 लाख रुपए रिश्वत लेकर अपराधियों को छोड़ने पर बर्खास्त कर दिया है। स्वाट टीम को भंग कर 11 पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर कर दिया। एडिशनल सीपी लव कुमार ने बताया कि इंदिरापुरम थाना पुलिस ने एटीएम हैकर गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया जिन्होंने एक क्रेटा कार से घटना को अंजाम दिया था। जब पुलिस ने कार के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि कार नोएडा पुलिस की अपराध शाखा की टीम के पास है। इस संबंध में पुलिस कमिश्नर ने जांच डीसीपी (क्राइम) अभिषेक को सौंपी गई थी।एडिशनल सीपी के अनुसार इन पुलिसकर्मी पर क्रेटा कार व 20 लाख रुपए रिश्वत लेकर एटीएम हैकर गैंग को छोड़ने का आरोप जांच में सही पाया गया है। नोएडा पुलिस की क्राइम ब्रांच ने करीब तीन महीने पहले पकड़ा था। 10 लाख रुपए कैश बरामद हुआ था। आरोपियों ने छोड़ने की शर्त रखी। इसके बदले और रुपए देने का ऑफर किया। आरोपियों का कहना है कि नोएडा पुलिस ने 50 लाख रुपए से डील शुरू की और बात 20 लाख रुपए पर आकर तय हो गई। एटीएम चोरों के अनुसार, नोएडा पुलिस बाकी के 10 लाख रुपए लेने उनके ठिकाने पर आई। यहां पुलिस को घर के बाहर उनकी एक क्रेटा कार खड़ी मिल गई, जो बिना नंबर की थी। पुलिस रुपयों के साथ-साथ यह क्रेटा भी ले गई और सारे आरोपी छोड़ दिए। सूत्रों के अनुसार, क्रेटा कार ले जाने का मामला भी CCTV कैमरे में कैद हो गया था, जो आरोपियों के घर के नजदीक लगा हुआ था। गाजियाबाद पुलिस को इसकी फुटेज भी मिल गई है।पिछले दिनों गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने की पुलिस नोएडा से एक व्यक्ति को उठाकर ले आई और उसे करीब 12 घंटे तक अवैध तरीके से हिरासत में रखा था। उक्त व्यक्ति ने इस मामले में नोएडा में इंदिरापुरम थाने के चार पुलिसकर्मियों पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। बाकायदा इंदिरापुरम इंस्पेक्टर की गाड़ी उक्त व्यक्ति को ले जाते हुए CCTV में कैद भी हुई थी।