Athrav – Online News Portal
फरीदाबाद

फरीदाबाद:ग्रीन फील्ड कॉलोनी के16 बिल्डरों को लगा तगड़ा झटका,ओक्कुपेशन सर्टिफिकेट रद्द, रजिस्ट्री रोकने, एफआईआर की तैयारी।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद:ग्रीन फील्ड कॉलोनी के बिल्डरों के लिए बहुत ही बुरी खबर हैं,जी हैं जल्दी ही 16 से 17 बिल्डरों के द्वारा बनाए गए फ्लैटों में किए गए अवैध निर्माणों के चलते (ओसी) “ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट” रद्द करने की सिफारिश करने का फरमान जारी कर दिया गया हैं। इसके बाद इनके द्वारा बनाए गए सभी फ्लैटों की रजिस्ट्री न हो इस लिए एक रिपोर्ट की कॉपी तहसीलदार को भेजने का फरमान जारी कर दिया गया हैं। और  इस महीने के अंत तक इन सभी बिल्डरों के ऊपर एफआईआर भी दर्ज करवा दिया जाएगा। इसकी तैयारी अब डीटीपी इंफोर्समेंट राजेंद्र टी शर्मा ने शुरू कर दी हैं। इसलिए ग्रीन फील्ड कालोनी के किसी भी बिल्डरों और प्रॉपर्टी डीलरों से कोई भी नई फ्लैट खरीदने से पहले ग्राहक एक बार डीटीपी इंफोर्समेंट कार्यालय से जरूर संपर्क करके, सही जानकारी ले लें,और बिल्डरों के हाथों से एक बार लूटने से अवश्य बचें। 
डीटीपी इंफोर्समेंट राजेंद्र टी शर्मा का कहना हैं कि बीते दिनों ग्रीन फील्ड कॉलोनी में लगभग 20 बिल्डरों के द्वारा वैध निर्माणों में जानबूझकर किए गए अवैध निर्माणों की कई शिकायतें सीएम विंडो के माध्यम से आई थी,इसके अतिरिक्त कुछ शिकायतें कार्यालय में प्राप्त हुई और जांच पड़ताल द्वारा कई शिकायतें उनके खुद भी मिली थी। इन निर्माण कर्ताओं को बीते दिनों नोटिस जारी किए गए थे। इन्हें सभी बिल्डरों को दूसरी नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। पूछने पर उन्होनें बताया कि कार्रवाई में विलंब होने का मुख्य कारण यह हैं कि इलाके के कनिष्ठ अभियंता की पिछले दो महीने से लगातार तबीयत खराब थी, इसके बाद अवैध कालोनियों को वैध करने के क्रम में सर्वे का काम चल रहा हैं और अब एनजीटी ने बढ़ते प्रदूषण के चलते निर्माण कार्यों पर तुरंत प्रभाव से पाबंदी लगाईं हुई हैं। अब उनके कनिष्ठ अभियंता अज़रुद्दीन की तबियत ठीक होने के बाद अपने ड्यूटी पर वापिस आ गया हैं। अब इसके आगे की सख्त कार्रवाई उन्होनें शुरू कर दी हैं। उनका कहना हैं कि ग्रीन फील्ड कॉलोनी में जिन जिन बिल्डरों को नोटिस जारी किए थे अब इन सभी के “ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट” रद्द करने की सिफारिश डीटीपी से की रही हैं,उसकी रिपोर्ट की एक कॉपी संबंधित तहसीलदार को भेजी जा रही हैं, ताकि बिल्डर लोग निर्दोष ग्राहकों को अवैध निर्माण वाले फ्लैटों को बेच ना सके। इतना ही इस महीने के अंत में अवैध निर्माण करने वाले इन सभी बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दिया जाएगा. इसलिए उन्होनें ग्राहकों से अपील की हैं कि ग्रीन फील्ड कॉलोनी में कोई नए फ्लैटों को खरीदने से पहले एक बार डीटीपी इंफोर्समेंट कार्यालय से संपर्क करके सही जानकारी अवश्य ले लें। वरना इन अवैध निर्माण वाले फ्लैटों का आधा -या पूरा पैसा जोकि करोड़ों में हैं, को फंसा कर बैठ जाएंगे। इस बीच जिसने भी कार्रवाई वाले फ्लैटों को ख़रीदे हैं और जिसने भी बयाना के तौर पर लाखों रूपए दिए हुए हैं, वह सभी लोग डीटीपी इंफोर्स्मेंट द्वारा की गई सख्त कार्रवाई में महीनों तक फंसे रहेंगें, इस लिए डीटीपी इंफोर्स्मेंट कार्यालय जाकर ख़रीदे गए फ्लैटों के नंबर बताए और उनसे क्लीयरेंस सर्टिफिकेट ले, यदि वह फ्लेट गलत हैं तो आप बिल्डरों और प्रॉपर्टी डीलरों को दिए गए लाखों रूपए तुरंत वापिस ले लें।
आपको बता दें कि डीटीपी इंफोर्समेंट के द्वारा किए गए कार्रवाई से घबराये बिल्डरों और उनके सख्त से सख्त कार्रवाई से बचने के लिए एक प्रभावशाली शख्स को 2 -2 लाख रूपए देने की बात काफी चर्चा में थी, जिसे बीते दिनों “अथर्व न्यूज़” ने एक खबर प्रकाशित की थी। इस खबर का असर अब दिखने लगा हैं। इस खबर पर “अथर्व न्यूज़” की विशेष नजर हैं। चांस की बात ये हैं कि इस बीच डीटीपी इंफोर्समेंट राजेंद्र टी शर्मा को इन बिल्डरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में विलंब हो गई। इसके चलते बिल्डरों ने यह सोचा की अब डीटीपी इंफोर्समेंट की कहर से बच जाएंगे, ये सभी बिल्डर बे फ़िक्र होकर अपने काम धंधे में लग गए पर ऐसा नहीं हैं। क्यूंकि अब उनके ऊपर कठोर कार्रवाई शुरू हो गई हैं। मालूम हुआ हैं कि जिस प्रभावशाली शख्स को बिल्डरों के द्वारा दो-दो लाख रूपए देने, कार्रवाई से बचने की चर्चा में हैं, असल में इस प्रभावशाली शख्स ने दो काम डीटीपी इंफोर्समेंट कार्यालय से धोखे से करवाए हैं,एक काम तो ये कह के करवाए हैं उसके घर का निजी काम हैं,दूसरा काम ये कह कर करवाए थे,कि इस बिल्डर की हालत ज्यादा ख़राब हैं उसके साथ बहुत बुरा हुआ हैं, वह बहुत ज्यादा परेशान हैं,इसका काम कर दो, और इनके काम होने के बाद, बिल्डरों में यह संदेश गया की उस प्रभावशाली व्यक्ति की डीटीपी इंफोर्समेंट कार्यालय में बहुत ज्यादा चलती हैं, उस प्रभावशाली को बिल्डरों ने बेशक पैसे दे दिए हो , पर डीटीपी इंफोर्स्मेंट कार्यालय में किसी भी स्टाफ को उसने एक रूपया तक नहीं दिया , सिर्फ उसने विश्वास काम किया हैं, ऐसा पता चला हैं ,कि इसके बाद लगभग 15 बिल्डरों ने उन्हें दो -दो लाख रूपए के लिफ़ाफ़े जाकर उसके ऑफिस पर जाकर दे आए।ये भी सच हैं कि दो -तीन दफा डीटीपी इंफोर्समेंट कार्यालय का एक स्टाफ उसके कार्यालय जरूर गया था, वह भी अपने निजी संपर्क की वजह से, पर जिसके पास वह गए थे, उन्हें उसने बेच दिया। इसे कहते रिश्ते का कत्ल करना। इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने निष्पक्ष से एजेंसी सही -गलत का जांच कराकर अधिकारी के नाम लाखों रूपए बटोरने वाले प्रभावशाली व्यक्ति खिलाफ के कार्रवाई करें , यदि डीटीपी इंफोर्समेंट कार्यालय का चाहे कोई स्टाफ ही क्यों ना हो।
 
 

Related posts

फरीदाबाद : नचौली में रेनीवेल पानी के पाइप लाइन फटने के कारण वीवीआईपी सेक्टरों में पानी का संकट गहराया, देर रात तक चालू होगी।

Ajit Sinha

फरीदाबाद ; बाबा मोहनराम की कृपा सिर्फ किस्मत वालों को मिलती है , भाजपा नेता राजेश नागर

Ajit Sinha

फरीदाबाद : नए कानूनों के अनुरूप 31 मार्च 2019 के बाद से कोई भी व्यक्ति अथवा संस्थान अपने पिछले साल की आयकर रिटर्न नहीं भर सकेगा।

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x