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नोएडा

फायर एनओसी जारी करने में अनियमितता बरतने की जांच शुरु, छह अधिकारियों तक जांच की आंच पहुंची

अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट 
नोएडा के सेक्टर-93 ए में स्थित सुपरटेक एमराल्ड ट्विन्स टावर मामले में नोएडा प्राधिकरण के बाद दूसरे विभागों के अधिकारियों  की आंच पहुंचने लगी है। अपर मुख्य सचिव ने इस मामले में अग्निशमन विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए है। जिसकी जर्द अग्निशमन विभाग के छह अधिकारी आ रहे है जिनके सेवा काल में इस बिल्डिंग को एनओसी जारी करने में अनियमितता बरती गई थी. अपर मुख्य सचिव के निर्देश के बाद डीजी मुख्यालय ने जांच प्रारम्भ कर दी है। 
 
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने डीजी मुख्यालय फायर को भेजे पत्र में कहा है कि सुपरटेक एमराल्ड ट्विन्स टावर में अग्निशमन विभाग के अधिकारियों की भी अनियमितता मिली है। उनके द्वारा इस बिल्डिंग को एनओसी जारी करने में अनियमितता बरती गई है। उन्होंने के डीजी फायर को 10 जुलाई 2004 से 31 जुलाई 2015 तक मेरठ और गौतम बुद्धनगर के मुख्य अग्निशमन अधिकारी के पद पर रहे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और उसकी रिपोर्ट शासन को भेजने के लिए कहा है।अपर मुख्य सचिव के निर्देश के बाद डीजी मुख्यलय ने जांच प्रारम्भ कर दी है और 12 साल की अवधि के दौरान यहां पर तैनात रहे मुख्य अग्निशमन अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है जिन छह अधिकारियों की जांच के आदेश दिए गए हैं

उनमें आरपी सिंह त्यागी मेरठ में 10 जुलाई 2004 से 31 मई 2005 तक मेरठ में तैनात थे, अरुण चतुर्वेदी 16 जून 2005 से 17 जनवरी 2007 तक मेरठ में तैनात थे, आइएस सोनी 17 जनवरी 2007 से 7 अप्रैल 2012 तक मेरठ में तैनात थे, महावीर सिंह 26 फरवरी 2009 से 3 अप्रैल 2012 तक गौतमबुद्ध नगर में तैनात थे, अमन शर्मा 4 अप्रैल 2012 से 15 दिसंबर 2012 तक गौतम बुध नगर में तैनात थे, मुनेश कुमार त्यागी 16 दिसंबर 2012 से 31 जुलाई 2015 तक गौतम बुध नगर में तैनात थे.ये है मामला सेक्टर-93ए में स्थित सुपरटेक एमराल्ड प्रोजेक्ट में टावरों का है इन टावर को सर्वोच्च न्यायालय ने अवैध माना था 30 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने भी टावर को गिराने का आदेश दिया और 30 नवंबर तक टावरों को गिराए जाने आदेश दिया था सुपरटेक का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री ने जांच एसआईटी से कराने का आदेश दिया था अवैध टावर बनाने की जांच में 26 से अधिकारी और सुपरटेक कंपनी के चार निदेशक जिम्मेदार मिले. उनमें से दो प्राधिकरण के अधिकारियों की मौत हो चुकी है. एसआईटी जांच के आधार पर प्राधिकरण के नियोजन विभाग की ओर से विजलेन्स लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है.शासन तीन अधिकारियों और कर्मियों को निलंबित कर चुका है. अपर मुख्य सचिव के निर्देश के बाद इस मामले में बिल्डिंग को एनओसी जारी करने में हुई अनियमितता की जांच डीजी मुख्यालय फायर कर रहा है.

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