अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: ऊर्जा समिति द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को ऊर्जा संरक्षण के लिए जागरूक किया गया। समिति के महासचिव संजय कुमार चुघ ने बताया कि आज के दौर में ऊर्जा संरक्षण करना सभी नागरिकों का कर्तव्य है। इस राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने 31वां राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार, पहला राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार और ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय स्तर की चित्रकारी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रीय स्तर के इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह थे। इस दौरान विद्युत राज्य मंत्री कृष्ण पाल और आलोक कुमार, सचिव (विद्युत), भारत सरकार भी उपस्थित रहे और सभा को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में विद्युत सीपीएसयू के सीएमडी और विद्युत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने सभी विजेताओं और विशेष रूप से नवाचार पुरस्कार जीतने वालों को हार्दिक बधाई दी।
सिंह ने कहा कि विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों, प्रतिष्ठानों और संगठनों के प्रमुखों, प्रबंधकों, सीईओ और कार्यकारी अधिकारियों की इस सभा को संबोधित करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है, जो ऊर्जा संरक्षण अभियान के महत्वपूर्ण अंग हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं, सस्ती दर पर 24/7 सार्वभौमिक ऊर्जा प्रदान करना हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि हाल के कुछ वर्षों में, भारत ने गांवों में विद्युतीकरण और घरों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि विद्युत क्षेत्र में, 142 गीगावाट उत्पादन क्षमता बढ़ाकर, पूरे देश को एक ग्रिड से जोड़कर और एक ग्रिड, एक बाजार के विजन को हासिल कर हम पिछले पांच वर्षों में संपूर्ण परिवर्तन लाए हैं। ऊर्जा घाटे से निकलकर भारत अब अतिरिक्त ऊर्जा पैदा करने वाला देश बन चुका है। मंत्री ने कहा कि 2014 की तुलना में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता में जबरदस्त वृद्धि हुई है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली अब क्रमश: 22 घंटे और 23.5 घंटे की अवधि के लिए उपलब्ध है। मंत्री ने यह भी कहा कि परिवर्तन न केवल क्षमता में हुआ है बल्कि ऊर्जा मिश्रण, ऊर्जा तीव्रता और उत्सर्जन तीव्रता को लेकर भी है। उन्होंने बताया कि भारत ने गैर-जीवाश्म स्रोतों से 40 प्रतिशत ऊर्जा उत्पादन करने का एनडीसी लक्ष्य हासिल कर लिया है। यह उपलब्धि निर्धारित तिथि से काफी पहले हासिल कर ली गई। हमारे देश में दुनिया में सबसे कम प्रति व्यक्ति उत्सर्जन होता है जो कुल उत्सर्जन का करीब 3 प्रतिशत है।ग्राम उजाला योजना के तहत आज 5 राज्यों में 10 लाख एलईडी बल्ब बांटे गए, जिसके लिए मंत्री ने सीईएसएल को बधाई दी। उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में खराब न हुए इन्कैंडिसेंट बल्बों (साधारण बल्ब) के बदले अत्यधिक छूट के साथ मात्र 10 रुपये में एलईडी दी गई। इससे ऊर्जा की अत्यधिक बचत के साथ-साथ उपभोक्ता के पैसे भी बचते हैं। उन्होंने परफॉर्म, अचीव, ट्रेड, पीएटी जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से करीब 300 मिलियन टन सीओ2 का उत्सर्जन रोकने का श्रेय बीईई को दिया। पीएटी के दूसरे दौर के बाद हमने 66 मिलियन टन उत्सर्जन में कमी हासिल की है। हमारा लक्ष्य 2022 तक 175 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा हासिल करना है। 150 गीगावॉट का उत्पादन हो रहा है जबकि 63 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा अभी प्रक्रिया में है। मंत्री ने कहा कि विकास और ऊर्जा की खपत अब एक दूसरे से प्रभावित नहीं हो रहे, हमें पूरी मेहनत से इस दिशा में बढ़ना होगा। मंत्री ने इस धारणा पर जोर दिया कि अकेले ऊर्जा परिवर्तन पर्याप्त नहीं होगा और ऊर्जा के भंडारण के प्रयास भी किए जाने चाहिए। 1 यूनिट ऊर्जा की बचत का तात्पर्य है, 1 यूनिट ऊर्जा उत्पन्न की गई। बैंकों को यह समझना होगा कि ऊर्जा दक्षता से पैसे की बचत होती है और यह न केवल बेहतर वातावरण का बल्कि अर्थशास्त्र का भी प्रतिबिंब है।मंत्री ने कहा कि बड़े उद्योग पहले ही ऊर्जा दक्षता के फायदे को स्वीकार कर चुके हैं और मुझे उस चेतना का भी अहसास है जो हमारे देश में ऊर्जा संरक्षण को लेकर बढ़ रही है। सिंह ने इस साल पुरस्कार जीतने वाले सभी लोगों को बधाई दी। उन्होंने सभी लोगों से आगे आने और ऊर्जा की खपत को कम करने के दूसरे नवीन तंत्र की पहचान करने और इस पुरस्कार में भाग लेने का आग्रह किया।केंद्रीय मंत्री ने यह कहते हुए अपनी बात पूरी की कि संबंधित हितधारकों द्वारा किए जा रहे सभी प्रयासों से हमें हरित और स्वस्थ भारत के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर, आर के सिंह और कृष्णपाल गुर्जर ने ‘ऊर्जा कुशल और उष्मा के लिहाज से बेहतर इमारतों को लेकर जागरूकता बढ़ाने’ पर गाइडबुक जारी की। जिसमें सूचनाओं को जनता तक पहुंचाने में मीडिया अहम भूमिका निभाती है। गाइडबुक में ऊर्जा कुशल इमारतों की डिजाइन, प्रमुख विशेषताओं, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय नीतियों आदि के बारे में जानकारी शामिल है।
इस अवसर पर बोलते हुए कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि वह इस ऊर्जा दक्षता दिवस में शामिल होकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि ग्राउंड जीरो पर ऊर्जा दक्षता प्रयासों को मान्यता देने में यह मील का पत्थर है। उन्होंने समारोह में सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी।अपने संबोधन में आलोक कुमार ने कहा कि यह एक बहुत ही विशेष ऊर्जा दक्षता दिवस है क्योंकि हम आजादी का अमृत महोत्सव भी मना रहे हैं। उन्होंने यह बताते हुए प्रसन्नता व्यक्त की कि विद्युत मंत्रालय ऊर्जा दक्षता पर जागरूकता फैलाने के लिए पूरे भारत के गांवों, कस्बों, शहरों और स्कूलों में कई कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।