अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: कल सेक्टर-31 के एक खाली बंद मकान में मिले ग्रेनेड आदि के संबंध में की जा रही तफ्तीश के संदर्भ में….पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक कल एक मार्च को गुरुग्राम पुलिस को अपने विश्वसनीय सूत्रों के जरिए सेक्टर-31, गुरुग्राम में एक प्लॉट में हथियार विस्फोटक होने के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त हुई थी। सूचना पर गुरुग्राम पुलिस की बम डिस्पोजल सहित विभिन्न टीमों द्वारा सूचना में बताए गए प्लॉट से विस्फोटक सामग्री बरामद करके सम्बन्धित थाना में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में गुरुग्राम पुलिस द्वारा तत्परता से कार्रवाई करते हुए जिस प्लॉट में विस्फोटक मिले थे उस प्लॉट के मालिकों के बारे में जानकारी इकट्ठा की तो यह प्लॉट परसराम होल्डिंग्स कम्पनी के नाम से पाया गया। इस कंपनी के तीन डायरेक्टर हैं जिनके नाम रविन्द्र अग्रवाल, विवेक अग्रवाल व अंशु अग्रवाल हैं।
परसराम होल्डिंग्स के डायरेक्टर रविन्द्र अग्रवाल व विवेक अग्रवाल जांच में शामिल हुए जबकि अंशु अग्रवाल बाहर गए हुए हैं। पूछताछ पर इन्होंने बतलाया कि यह प्लाट वर्ष 2006-07 में इन्होंने खरीदा था। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) के नियमों के अनुसार 25% एरिया में निर्माण कर लिया गया था। निर्माण करने के उपरांत सिर्फ 1-2 बार ही यहां आए थे। देखभाल के लिए 6 वर्ष तक इन्होंने गार्ड भी रखा था लेकिन पिछले 6 वर्ष से कोई गार्ड यहां पर नहीं था। इन्होंने आखिरी बार वर्ष- 2019 में इस प्लॉट की सफाई कराई थी। गुरुग्राम पुलिस द्वारा प्लॉट से बरामद किए गए एम्युनेशन (Ammunition) पर मिले बैच व मार्का आदि के संबंध जानकारी लेने हेतु ऑर्डिनेंस फैक्टरी में संपर्क किया जा रहा है। इस प्रकार के एम्युनिशन बनाने वाली ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खगरिया (मध्यप्रदेश), आर्डिनेंस फैक्टरी मुरादनगर व शिवकाशी फायर फैक्टरी तमिलनाडु से पत्राचार करके इसके बारे जानकारी ली जा रही है।प्लॉट से बरामद किए एम्युनेशन के बारे में गुरुग्राम पुलिस द्वारा विभिन्न माध्यमों से यहां पर एम्युनेशन रखने का कारण व कहाँ से ये खरीदे गए थे और वहां पर किस उद्देश्य से रखे गए थे इत्यादि के सम्बंध में जानकारी जुटाई जा रही है। इस संबंध में जो भी जानकारी/तथ्य सामने आएंगे नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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