अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज टोक्यो ओलम्पिक 2020 में भारत के लिए मेडल लाने वाले और देश का प्रतिनिधित्व करने वाले दिल्ली के खिलाड़ियों को दिल्ली सचिवालय में सम्मानित किया और कहा कि हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं है। कहीं न कहीं सरकारें अपना काम ठीक से नहीं कर पाईं। उस कमी को अब अपने को पूरा करना है। हमारी स्पोर्ट्स पॉलिसी के तीन स्तंभ, दिल्ली में खेल कल्चर को बढ़ावा देना, क्षमतावान बच्चों को चिंहित करना और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा दिखा चुके खिलाड़ियों को आर्थिक मदद करना है। जब हम स्पोर्ट्स के मैप पर चीन और अमेरिका को भी पीछे छोड़ देंगे, तब हमें संतुष्टि होगी कि हमने अच्छी पॉलिसी बनाई थी। इसके लिए हमने स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी बनाई है और इसे सफल बनाने के लिए जो भी बन पड़ेगा, हम करेंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी खिलाड़ी स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में अपना योगदान दें, ताकि भविष्य के लिए ज्यादा से ज्यादा बच्चों को तैयार किया जा सके। वहीं, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब लोग खिलाड़ियों को खिलाड़ी नहीं मानते, उस समय से ही केजरीवाल सरकार उनके साथ खड़ी होती है और अपने विभिन्न स्कीमों के तहत 2.5 लाख रुपए से लेकर 16 लाख रुपए तक की मदद करती है।
दिल्ली सरकार के शिक्षा एवं खेल निदेशालय की ओर से आज दिल्ली सचिवालय में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर टोक्यो ओलंपिक 2020 में पदक जीतने वाले और देश का प्रतिनिधित्व करने वाले दिल्ली के खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मौजूद रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में मेडल जीतने और भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले दिल्ली के खिलाड़ियों बजरंग पुनिया, मनिका बत्रा, दीपक कुमार, पैरा ओलंपियन शरद कुमार और उनके कोच शल्लाज कुमार को नकद प्रोत्साहन राशि का चेक देकर सम्मानित किया। पहलवान बजरंग पुनिया ने टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती वर्ग में ब्रांज मेडल जीता था। सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस उपलब्धि के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से उनको एक करोड़ रुपए नकद प्रोत्साहन राशि का चेक देकर सम्मानित किया। इसके अलावा, दिल्ली निवासी टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा ने टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। इसके लिए उन्हें 10 लाख रुपए नकद प्रोत्साहन राशि का चेक सौंपा गया। इसी तरह, दिल्ली निवासी दीपक कुमार ने टोक्यो ओलंपिक में शूटिंग वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व किया और उन्हें भी 10 लाख रुपए का चेक सौंपा गया। वहीं, टोक्यो ओलंपिक में ब्रांज मेडिलिस्ट पैरा ओलंपियन शरद कुमार के कोच शल्लाज कुमार को 10 लाख रुपए का चेक सौंप कर सम्मानित किया गया। वहीं, टोक्यो ओलंपिक 2020 में ब्रॉज मेडल विजेता शरद कुमार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर का नियुक्ति पत्र भी सौंपा। इस दौरान विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और खिलाड़ी रवि दाहिया भी मौजूद रहे।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने सम्मानित हुए सभी खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि हमने अपने आपको क्या सम्मानित किया, आप लोगों ने पूरे देश को सम्मानित किया। जैसा कि खेल मंत्री मनीष सिसोदिया जी ने कहा कि आप लोगों को जो सम्मान राशि दी गई है, यह एक तरह से छोटा सा टोकन है। यह केवल यह कहने का तरीका है कि हमें आपके उपर गर्व है, देश को आपके उपर गर्व है। आप इसी तरह से देश का नाम रौशन करते रहें, ऐसी हमारी प्रभु से कामना है। मैं समझता हूं कि आप लोगों को पूरे देश के अंदर हजारों-लाखों बच्चे देख रहे हैं। जब बच्चे देखते हैं कि आप लोग ओलंपिक्स, एशियाड और कॉमनबेल्थ गेम्स आदि में आप जब मेडल लेते हैं, तो एक-एक बच्चे के दिल में यह विचार उठता है कि मैं भी आगे बढ़कर ऐसे ही करूंगा। आप में से एक-एक खिलाड़ी देश के हजारों-लाखों बच्चों को प्रेरणा देता है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में हमने जो स्पोर्ट्स पॉलिसी बनाई है, इसको हम लोगों ने देश भर में जितनी भी राज्य सरकारें हैं, उन सभी की पॉलिसी का अध्ययन किया और हमने कोशिश की कि उनकी पॉलिसी से सभी अच्छी बातों को निकाल कर एक अच्छी पॉलिसी बनाई जाए। उस तरह से हमने पॉलिसी बनाई है। इस पॉलिसी के मोटे-मोटे तौर पर तीन स्तंभ हैं। पहला स्तम्भ है कि पूरी दिल्ली में खेल का एक कल्चर चालू हो। उसके लिए आम बच्चों को, जो वह खेलना चाहे, उनको खेलने के लिए प्रेरित किया जा सके। दूसरा स्तंभ है कि जिन बच्चों के अंदर क्षमता है, उनको चिंहित कर सकें कि यह बच्चा बड़ा होकर कुछ कर सकता है। पहले से चिंहित करके उनको आगे बढ़ने के लिए बचपन से आर्थिक मदद दी जा सके। तीसरा स्तंभ है, जो लोग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा दिखा चुके हैं, उनको किस तरह से हम आर्थिक तौर पर मदद कर सकें और तरह उनकी हम मदद कर सकें। इस पॉलिसी का यह तीन स्तंभ हिस्सा हैं। कई लोग बोल रहे हैं कि पॉलिसी बहुत अच्छी है। हम लोगों ने भी अच्छी पॉलिसी बनाने की कोशिश की। लेकिन मुझे एक टीस रहती है और मैं समझता हूं कि भारत के हर एक नागरिक को यह टीस रहती है कि 130 करोड़ लोगों का यह देश है। जब हम बाहर जाते हैं, तो दूसरे देशों की अपेक्षा हम लोगों को बहुत कम मेडल मिलते हैं। यह पॉलिसी तब सफल होगी, जब हमारे को खूब मेडल मिलना चालू होंगे। हम अपनी पीठ थपथपाएं और कहें कि हमने बड़ी शानदार पॉलिसी बना दी और उससे फायदा नहीं है। इस पॉलिसी का फायदा तब होगा, जब हम स्पोर्ट्स के मैप के उपर नंबर चीन और अमेरिका को भी पीछे छोड़ देंगे, तब हमें संतुष्टि होगी कि हां हमने अच्छी पॉलिसी बनाई थी।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे लगता है कि खूब मेडल लाने के लिए केवल पॉलिसी से काम नहीं चलेगा। हमें स्पोर्ट्स को बिल्कुल अलग लेवल पर लेकर जाना पड़ेगा। बिल्कुल अलग सोच लानी पड़ेगी और स्पोर्ट्स का चारों तरफ माहौल तैयार करना पड़ेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने यह स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाई है। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी अभी-अभी शुरू हुई है और यह इसका पहला साल है। इसको सफल करने के लिए जो भी बन पड़ेगा, हम करेंगे। आज जितने भी खिलाड़ियों को सम्मान किया गया है, उन सभी से मेरा निवेदन है कि आप लोग भी स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी से जुडें। आपको जो सुविधाएं चाहिए, वो हम आप को देंगे। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में आप अपना योगदान दीजिए, ताकि भविष्य के लिए और ज्यादा से ज्यादा बच्चों को तैयार किया जा सके। इस स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर के साथ जब हमारी मीटिंग हुई थी, तब मैंने उनसे कहा था कि आपका एक ही टारगेट है कि किस साल में कितने मेडल ला दोगे। कहना आसान है और करना मुश्किल है, लेकिन यह असंभव भी नहीं है। हम सब लोग मिलकर करेंगे। मैं समझता हूं कि हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं है।
हमारे देश में बहुत प्रतिभा है। गांव-गांव, गली-गली और मोहल्ले-मोहल्ले के अंदर प्रतिभा है। अगर कोई कमी रह गई, तो वो सरकारों की कमी रह गई है। कहीं न कहीं सरकारें अपना काम ठीक से नहीं कर पाईं, सहयोग नहीं दे पाई, इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बना पाई, ठीक से हम खिलाड़ियों को चिंहित नहीं कर पाए, उनको सुविधाएं नहीं दे पाए। उस कमी को अब अपने को पूरा करना है, ताकि हम प्रतिभाओं को पहचान कर उनको आगे बढ़ने का मौका दे सकें। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री एवं खेल मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारे खिलाडियों ने अपने मेहनत के दम पर तिरंगे का सम्मान बढ़ाया है और दिल्ली सरकार इसके लिए उनका आभार प्रकट करती है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई खिलाड़ी खेल में शामिल होने के दौरान या जीतने के बाद तिरंगा अपने हाथ में थामता है तो देश के साथ-साथ पूरी दुनिया उसे सम्मान के साथ देखती है। उन्होंने कहा कि जब लोग खिलाड़ियों को खिलाड़ी नहीं मानते, उस समय से ही दिल्ली सरकार उनके साथ खड़ी होती है। उन्होंने कहा कि 2015 में सरकार में आने के बाद से ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का निर्देश है कि यदि हम खिलाड़ियों से 24 कैरेट के पदक की अपेक्षा रखते है तो उनकी 24 कैरेट की मदद भी करनी होगी। इस दिशा में केजरीवाल सरकार खिलाड़ियों की अपने विभिन्न स्कीमों के तहत 2.5 लाख रूपये से लेकर 16 लाख रूपये तक की मदद करती है ताकि ट्रेनिंग के दौरान अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें और पूरा फोकस अपने खेल पर दे सके। साथ ही खिलाड़ियों क दिल्ली में शानदार स्पोर्ट्स फैसिलिटी भी उपलब्ध करवाई। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि भारत में हमेशा खेल को पढ़ाई से अलग माना गया है, लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्त्व में दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की शुरूआत कर हमने ऐसी यूनिवर्सिटी बनाई है, जहां खिलाड़ियों का खेल ही उनकी पढ़ाई है। उन्होंने बताया कि नए सत्र से स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में एडमिशन शुरू हो जाएंगे जहां देश भर से स्पोर्ट्स प्रतिभाएं एडमिशन ले पाएंगे और अपने खेल को निखार सकेंगे। उन्होंने साझा किया कि स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस ‘स्पोर्ट्स’ के माध्यम से स्कूली स्तर से ही खेल प्रतिभाओं को चुनने व निखारने का काम किया जाएगा।टोक्यो ओलंपिक 2020 में ब्रॉज मेडल विजेता शरद कुमार ने दिल्ली सरकार को शिक्षा विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर पद पर नियुक्त करने के लिए धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने अपना वादा निभाया और आज मुझे असिस्टेंट डायरेक्टर पद पर नियुक्त कर दिया है। उन्होंने उभरते खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आप अपनी उम्मीदें खत्म मत कीजिए। आप पूरी लगन के साथ खेलिए, सफलता जरूरत मिलेगी। पहलवान बजरंग पुनिया ने सम्मानित करने के लिए केजरीवाल सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि सरकार की यह पॉलिसी काफी अच्छी है। मैं 2008 में दिल्ली में आया और दिल्ली की तरफ से खेला। तब की अपेक्षा आज सरकार की पॉलिसी काफी अच्छी है। दिल्ली सरकार की पॉलिसी खिलाड़ियों को शिखर पर ले जाने वाली है कि आप मेहनत करो, हम आपके साथ खड़े हैं। उभरते खिलाड़ियों को ढेर सारे मेडल जीतने की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप खूब मेहनत कीजिए। जैसे आज मैं यहां सम्मानित हुआ हूं, वैसे ही आप में से काफी लोग आने वाले समय में यहां पर सम्मानित होंगे। मनिका बत्रा ने सम्मानित करने के लिए दिल्ली सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि हर खिलाड़ी को प्रेरणा की जरूरत होती है। इस सम्मान से हमें और प्रेरणा मिलेगी और भविष्य में और मेडल लाएंगे। दिल्ली में युवा खिलाड़ी बहुत अच्छा मेहनत कर रहे हैं, उन्हें सहयोग करने की जरूरत है। दीपक कुमार ने दिल्ली सरकार को आदर सम्मान देने के लिए धन्यवाद किया और युवा खिलाड़ियों से कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल की नजर से देखें तो आप सभी ओलंपियन बैठे हुए हैं। आप सभी अपने आप को भट्टी में झोंक दीजिए, जिसमें से तप कर कर सोना निकलने वाला है। वहीं, खिलाड़ी रवि दाहिया ने कहा कि खिलाड़ियों को सम्मान करने की पॉलिसी शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी का धन्यवाद करता हूं।
*सम्मानित किए गए खिलाड़ियों की उपलब्धियां*
*बजरंग पूनिया-*65 किलोग्राम फ्री-स्टाइल पहलवान बजरंग पूनिया ने आयोजित टोक्यो ओलम्पिक 2020 में शानदार प्रदर्शन करते हुए देश के लिए ब्रॉज मेडल जीता। इसके अतिरिक्त उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स व एशियाई गेम्स में स्वर्ण पदक जीत कर देश का नाम रौशन किया है। टोक्यो ओलम्पिक में उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली सरकार ने उन्हें एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि प्रदान की है। बजरंग पुनिया को विभिन्न अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
*मनिका बत्रा-*दिल्ली निवासी ओलंपियन मनिका बत्रा आज देश में टेबल-टेनिस खेलने वालों के लिए रोल मॉडल हैं। मनिका बत्रा ने 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने शानदार प्रदर्शन के साथ 2 गोल्ड सहित 4 पदक जीतते हुए सबको चौंका दिया था। 2020 टोक्यो ओलंपिक में मनिका एकल में राउंड ऑफ 32 में जगह बनाने वाली भारत की पहली महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं। दिल्ली सरकार ने मनिका को 10 लाख रुपए की सम्मान राशि प्रदान की।
*दीपक कुमार-*दिल्ली के बुराड़ी की गलियों से लेकर टोक्यो ओलम्पिक तक का सफ़र करने वाले दीपक कुमार भारत के शीर्ष निशानेबाजों में से एक हैं और देश के लिए 10मी. एयर-राइफल स्पर्धा में एशियाई गेम्स में सिल्वर पदक ला चुके हैं। दीपक कुमार, दिल्ली सरकार के मिशन एक्सीलेंस का हिस्सा भी रह चुके हैं। दिल्ली सरकार द्वारा टोक्यो ओलम्पिक में शामिल होने वाले दिल्ली के खिलाडियों को सम्मान देने की श्रृंखला में उन्हें 10 लाख की सम्मान राशि प्रदान की गई।
*शल्लाज़ कुमार-*दिल्ली निवासी शल्लाज़ कुमार टोक्यो पैराओलंपिक में ऊंची कूद स्पर्धा में देश के लिए ब्रॉज पदक जीतने वाले खिलाड़ी शरद कुमार के कोच हैं। टोक्यो ओलम्पिक से पहले दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि ओलम्पिक में शामिल होने वाले दिल्ली के खिलाडियों सहित उनके कोचों को भी सरकार सम्मानित करेगी। गुरुओं को सम्मानित करने की परम्परा का पालन करते हुए केजरीवाल सरकार ने उन्हें 10 लाख रुपए की सम्मान राशि प्रदान की। *शरद कुमार-*खिलाड़ी शरद कुमार ने टोक्यो पैराओलंपिक में ऊंची कूद स्पर्धा में देश के लिए ब्रॉज पदक जीता। उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए केजरीवाल सरकार उन्हें एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि सहित शिक्षा विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर भी नियुक्त किया है।–
दिल्ली सरकार ने महसूस किया कि खिलाड़ियों के सामने स्पोर्ट्स के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर भी दिक्कतें आती हैं। इसलिए सरकार स्पोर्ट्स के इंफ्रास्ट्रक्चर को बहुत बड़े स्तर पर बढ़ा रही है। इसके लिए नजफगढ़ में फीफा के शानदार ग्राउंड बन गया हैं। स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाया गया है और वातानुकूलित रेसलिंग ग्राउंड भी बन रहे हैं। इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास पूरी दिल्ली के अंदर हो रहा है। दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों में 4 स्टेडियम, 9 खेल परिसर, 23 स्विमिंग पूल समेत कई खेल सुविधाओं का प्रबंधन किया है। पीपीपी मॉडल के तहत दिल्ली सरकार के विभिन्न स्कूलों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए लगभग 50 निजी अकादमियों को भी लगाया गया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली समेत पूरे देश के युवाओं को दिल्ली आने का आह्वान किया है। सरकार का कहना है कि यह इंफ्रास्ट्रक्चर सिर्फ दिल्ली का नहीं है, बल्कि पूरे देश का है। यहां सभी लोग आएं और ट्रेनिंग करें। दिल्ली का मान तब बढ़ेगा, जब पूरे देश को मेडल मिलेंगे। केजरीवाल सरकार ने देश के लिए प्रतिभावन खिलाड़ी तैयार करने के लिए स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना की है। अभी तक खिलाड़ियों को खेल के साथ अपनी डिग्री पूरी करने में दिक्कत आती थी। दिल्ली सरकार ने स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के जरिए इस समस्या का समाधान किया है। अब अगर कोई बच्चा रेसलिंग करना चाहता है, तो वो स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले सकता है। यूनिवर्सिटी में उसे रेसलिंग का ही प्रशिक्षण दिया जाएगा और उसको रेसलिंग में डिग्री मिलेगी। यह डिग्री बाकी डिग्री के समकक्ष होगी और बच्चा नौकरी ले सकता है। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना के पीछे का उद्देश्य अधिक संख्या में खिलाड़ी तैयार करना है और ओलंपिक में बड़ी संख्या मेडल जीतना है।
केजरीवाल सरकार स्कूली शिक्षा से लेकर ओलंपिक स्तर के खेलों में भाग लेने के लिए छात्रों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए जमीनी स्तर काम कर रही है। खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। शिक्षा एवं खेल निदेशालय की तरफ से ‘प्ले एंड प्रोग्रस’ स्कीम शुरू की गई है। इसके तहत 17 वर्ष की आयु तक के खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता के रूप में 2 से 3 लाख रुपए दिए जाते हैं। इसी तरह, मिशन एक्सिलेंस स्कीम के तहत उत्कृष्ट खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने पर 16 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। वहीं, नकद प्रोत्साहन स्कीम के तहत दिल्ली के खिलाड़ियों को राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट यानी ओलंपिक, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में मेडल जीतने पर नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। शिक्षा एवं खेल निदेशालय, दिल्ली के खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के लिए कई कदम भी उठा रहा है।