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अपराध फरीदाबाद

फरीदाबाद: पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा ने झूठी शिकायत देने वाले के खिलाफ किए 40 मुकदमे दर्ज।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद: झूठी शिकायत देकर पुलिस और अदालत का समय बर्बाद करने वालों के खिलाफ फरीदाबाद पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की हैं, बीते 2 माह में झूठी शिकायत देने वालों के खिलाफ 40 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं । फरवरी माह में 15 तो वहीं मार्च महीने में झूठी शिकायत देने वाले 25 लोगों के खिलाफ किया जा चुका है मुकदमा दर्ज। 

पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा का कहना हैं कि पुलिस झूठे मुकदमे बाजों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने की तैयारी जुटी हुई है। झूठी शिकायतें देकर पुलिस और अदालत का समय और साधन बर्बाद करने वालों के लिए कानूनन सात साल के कारावास या आर्थिक दंड का प्रावधान है। उनका कहना है कि झूठे मुकदमे बाजों पर शिकंजा कसने की बड़ी कार्रवाई  लगातार की जा रही है। फरीदाबाद में बीते 2 माह में ऐसे 40 मामले सूचीबद्ध किए गए हैं, जिनमें जांच के बाद झूठी शिकायत देने की धाराओं में एफआर लगाई जा चुकी है। पुलिस अब इन मामलों में परिवादियों पर कानूनी कार्रवाई कर दंडित कराने की कार्रवाई कर रही है। पुलिस की इस सख्ती से झूठी शिकायत करने के आदतन लोगों में भी खौफ पैदा होगा और झूठे मामलों में कागजी कार्रवाई, तफ्तीश और अन्य साधनों समय के दुरुपयोग पर अंकुश लगेगा।

झूठे आरोप से सामाजिक प्रतिष्ठा को लगता है आघात:

हत्या,चोरी, दुराचार, महिलाओं से अश्लील हरकतें और नाबालिग बच्चों से यौनाचार के आरोपों के तहत झूठे मामलों में आरोपियों को केवल परिवार और समाज में अपमानित और शर्मसार होना पड़ता है। पुलिस कार्रवाई के तहत उन्हें गिरफ्तारी, जमानत और अन्य प्रकियाओं से भी गुजरना पड़ता है, लेकिन जब बाद में उनके खिलाफ आरोप झूठे पाए जाते हैं तो वे समाज और परिवार को सफाई पेश नहीं कर पाते। झूठे मुकदमों से लोगों को ब्लैकमेल भी किए जाने की प्रवृत्ति बढ़ी है।

पुलिस और कोर्ट का समय होता है बर्बाद

उनका कहना हैं कि झूठे मुकदमों से पुलिस और अदालत का समय और साधन बर्बाद होता है, साथ ही वास्तविक केस में कार्रवाई करने के बजाए जांच अधिकारी और स्टाफ बोगस झूठे मामलों में व्यस्त हो जाते हैं। इससे वास्तविक रूप से पीड़ित लोगों को समय पर न्याय नहीं मिल पाता।

2 महीनों में 40 मुकदमे किए जा चुके हैं दर्ज

पुलिस कमिश्नर  ने झूठे मुकदमे दर्ज कराने वालों पर अंकुश के लिए सभी थाना प्रभारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं जिसके तहत फरवरी और मार्च महीने में पुलिस जांच में झूठे पाए जाने पर 40 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं जिसमें 15 मुकदमे फरवरी तथा 25 मुकदमे मार्च महीने के शामिल हैं।
पुलिस कमिश्नर ने झूठी शिकायत देने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अपने फायदे के लिए कानून का गलत इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी। पुलिस जांच में शिकायत झूठी पाई जाने पर उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 182 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। अत: आमजन से अनुरोध है कि झूठी शिकायत देकर पुलिस और अदालत का समय बर्बाद ना करें।

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