अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबादः सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर फेसबुक काफी हद तक लोगों को आपस में जोड़ने में सफल रही है। नागरिकों को इस प्रकार की कनेक्टिविटी से अनेकों फायदे होते हैं जहां आमजन एक दूसरे से संपर्क करके अपने विचारों को पूरी दुनिया में फैला सकते हैं परंतु यदि इसका गलत इस्तेमाल हो जाए तो उससे बहुत लोगों को आर्थिक चपत भी लग सकती है। कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के लोग फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का गलत फायदा उठाकर उसमें टारगेट को लुभाने के लिए महिला के नाम से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर लोगों के साथ दोस्ती करते हैं ताकि उनसे पैसे ऐंठ सके। इसी प्रकार की साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए साइबर थाना फरीदाबाद की टीम ने तीन विदेशी नागरिकों और एक महिला सहित गिरोह के 8 सदस्यों को अरेस्ट किया है।
डीसीपी हेडक्वार्टर नीतीश अग्रवाल ने पुलिस कमिश्नर कार्यालय सेक्टर 21 सी में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि अरेस्ट किए गए आरोपितों में 3 विदेशी नागरिकों को अरेस्ट किया गया है जिसमे नाइजीरिया के रहने वाले गैब्रियल व किंग्सले तथा घाना के रहने वाले गॉडविन का नाम शामिल है जो फिलहाल दिल्ली में रह रहे थे। आरोपित गॉडविन का वीजा फरवरी 2021 तथा किंग्सले का वीजा 10 महीने पहले एक्सपायर हो चुका था जो अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। इसके अलावा महिला आरोपित युर्थिंग्ला वारोंग उर्फ मम्मी जो मणिपुर की रहने वाली है और फिलहाल दिल्ली में रह रही थी को भी अरेस्ट किया गया है। इसके अलावा अरेस्ट किए गए आरोपितों में मुंबई के रहने वाले हरीश, फिरोज अंसारी, नोएडा के रहने वाले राजकुमार उर्फ राजू व सफ़र उद्दीन और दिल्ली के रहने वाले सुशील तिवारी को अरेस्ट किया गया है।
आरोपितों ने दिसंबर 2021 में फरीदाबाद निवासी रामकिशोर के साथ साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था जिसमें उन्होंने रामकिशोर के साथ 7.39 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस थाना साइबर अपराध में दी जिसके आधार पर आरोपितों के खिलाफ षड्यंत्र, धोखाधड़ी तथा फर्जी कागजात बनाकर उपयोग में लेने की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई। उनका कहना है कि साइबर थाना की टीम ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए सबसे पहले दिनांक 26 मार्च 2022 को घाना के रहने वाले आरोपित गॉडविन को अरेस्ट करके 11 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया जिसमें उसने अपने साथियों के बारे में पुलिस को जानकारी दी। इसके पश्चात दिनांक 2 अप्रैल को आरोपित गैब्रियल तथा हरीश फिरोज अंसारी को अरेस्ट करके 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। दिनांक 7 अप्रैल को आरोपित गॉडविन, गैब्रियल तथा हरीश को रिमांड खत्म होने के पश्चात अदालत में दोबारा पेश करके जेल भेज दिया गया। इसके पश्चात आरोपित युर्थिंगला वारोंग तथा किंग्सले को दिनांक 15 अप्रैल को अरेस्ट करके 3 दिन के रिमांड पर लिया गया और 19 अप्रैल को जेल भेज दिया गया। आरोपित राजकुमार को 18 अप्रैल तथा सफरूदीन को 20 अप्रैल को दिल्ली एनसीआर क्षेत्र से अरेस्ट करके रिमांड के दौरान पूछताछ करने के पश्चात 23 अप्रैल 2022 को दोनो आरोपितों को दोबारा जेल भेज दिया गया। पुलिस उपायुक्त ने प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि आरोपित बहुत ही शातिर किस्म के अपराधी हैं। आरोपित साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक का प्रयोग करते थे। फरीदाबाद के रहने वाले राम किशोर के साथ की गई साइबर ठगी की वारदात में सबसे पहले आरोपित गैब्रियल ने जेनिफर अलेक्जेंडर नाम से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाई जो अपने आप को इंग्लैंड का बताती थी। इस फर्जी फेसबुक प्रोफाइल से आरोपित ने फरीदाबाद निवासी को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जिसने विदेशी महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट देखकर उसे एक्सेप्ट कर लिया। फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होने के पश्चात आरोपित उसके साथ बात करने लगा और उसका व्हाट्सएप नंबर लेकर उसे आरोपित गॉडविन से साझा कर दिया। आरोपित गॉडविन ने अब वही विदेशी महिला बनकर उसे लंदन के नंबर से व्हाट्सएप पर उसके साथ बातचीत करना शुरू कर दी। लंदन का नंबर देखकर रामकिशोर को यह विश्वास हो गया कि वह जो विदेशी महिला उससे बात कर रही है वह सच में इंग्लैंड से है। इसके पश्चात आरोपित काफी समय तक उसके साथ बातें करते रहे और जब व्यक्ति पूरी तरह उनके झांसे में आ गया तो वह उन्हें इंग्लैंड से उसके लिए गिफ्ट भेजने की बात करने लगे। इंग्लैंड से गिफ्ट प्राप्त होने की बात सुनकर कोई भी व्यक्ति आसानी से झांसे में आ सकता है। आरोपितों ने उन्हें 1 लाख ब्रिटिश पाउंड का गिफ्ट भेजने का ऑफर दिया।आरोपितों द्वारा भेजे गए इस ऑफर को स्वीकार करते हुए पीड़ित द्वारा उसे अपना पता व अन्य जानकारियां साझा कर दी। इसके कई दिन पश्चात आरोपित महिला वाराेंग ने आरोपित किंग्सले द्वारा उपलब्ध करवाई गई फर्जी सिम कार्ड से मुंबई एयरपोर्ट की कस्टम अधिकारी बनकर रामकिशोर को फोन किया और कहा कि लंदन से उनके लिए पार्सल आया है जिसे भारत में आने के लिए कस्टम क्लीयरेंस और जीएसटी पेमेंट करने की आवश्यकता है। 01 लाख पाउंड की कीमत के गिफ्ट के लालच में आकर पीड़ित ने साइबर ठगों द्वारा बताए गए फर्जी बैंक खाते में 7.40 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि नोएडा के रहने वाले आरोपित सफरुदीन जो सीएससी सेंटर चलाता था वह किसी भी आधार कार्ड में उसका पता बदलकर उसकी जगह फर्जी पता डाल देता था और इसी फर्जी आधार कार्ड को वह अपने साथी आरोपित राजकुमार को उपलब्ध करवाता जिसके आधार पर आरोपित राजकुमार किसी भी बैंक में फर्जी खाता खुलवा देता था। इसके पश्चात आरोपित सुशील आरोपित राजकुमार द्वारा बनवाए गए फर्जी बैंक खाते को अपने अन्य साथियों को उपलब्ध करवाता था। आरोपित हरीश द्वारा साइबर ठगी के मामले में अपना बैंक खाता इन साइबर ठगों को उपलब्ध करवाया गया था। साइबर थाना की टीम द्वारा आरोपितों के कब्जे से 40 मोबाइल, 37 सिम कार्ड, 03 पासपोर्ट, 40 पासबुक, 49 चेकबुक, 50 एटीएम कार्ड, 11 आधार कार्ड, 06 पैनकार्ड, दो पेन ड्राइव, आधार कार्ड में पता बदलने के काम में प्रयुक्त कंप्यूटर व प्रिंटर तथा 1.39 लाख रुपए नकद बरामद किए गए हैं। साइबर टीम द्वारा बरामद किए गए इन मोबाइल फोन और सिम कार्ड को ट्रेस करने पर पता चला कि आरोपितों ने पूरे देश में साइबर क्राइम की 1548 वारदातों को अंजाम दिया है और जिसमें उत्तर प्रदेश की सबसे अधिक 441, राजस्थान की 150, तेलंगाना की 149, दिल्ली की 147 तथा महाराष्ट्र की 101 वारदातें शामिल है। आरोपितों द्वारा हरियाणा में 30 वारदातों को अंजाम दिया जा चुका है। साइबर टीम द्वारा इन मामलों में संबंधित पुलिस थानों को सूचित किया जा रहा है। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपितों के फर्जी खातों में करीब 25 करोड़ रुपए का लेनदेन पाया गया है। पुलिस उपायुक्त ने साइबर थाना की टीम द्वारा किए गए सराहनीय कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि फरीदाबाद की साइबर थाना की टीम ने साइबर ठगी का भंडाफोड़ करने में बहुत ही बेहतरीन कार्य किया है।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments