अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा : राजधानी के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास एक बिल्डिंग में लगी भीषण आग से दो दर्जन से ज्यादा लोग अपनी जान गवा चुके है जबकि दर्जनों लोग अस्पताल में भर्ती है। इस घटना के बाद हर किसी के अंदर दहशत बनी हुई है. इस घटना के बाद नोएडा अग्निशमन विभाग भी एक्शन में दिखाई दे रहा है, नोएडा-ग्रेटर में 200 से ज्यादा सोसाइटी और बिल्डिंग ऐसी है जो अग्निशमन विभाग सुरक्षा मानकों पर खरी नहीं उतरती है, इनमें से एक है नोएडा का जिला अस्पताल और चाइल्ड पीजीआई जिसे अग्निशमन विभाग ने कुछ दिन पहले ही अस्पताल को एक लेटर जारी करके अस्पताल को चेतावनी दी और फायर सिस्टम को दुरुस्त करने के आदेश दिए थे. लेकिन अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है.
जिला अस्पताल में छोटे-बड़े सभी का इलाज होता है और चाइल्ड पीजीआई में सिर्फ बच्चों का इलाज होता है। इल्ड पीजीआई से और यहां के फायर सिस्टम ऊपर बिल्डिंग में तो सही है फायर सिस्टम दुरुस्त है, लेकिन पीजीआई के बेसमेंट में हैरान कर देने वाला नजारा है यहां इक्विपमेंट का कनेक्शन कटा है, पाइप गला पड़ा है, फायर सिलेंडर में जंग लग चुकी है सिलेंडर एक्सपायर हो चुका है और यहां देखने के बाद ऐसा लग रहा है जैसे बरसों से इसकी सफाई नहीं हुई हो, फायर सिलेंडर नीचे जमीन पर पड़ा है पाइप गला पड़ा है कनेक्शन कटे हुए हैं,
ऐसे में आग लगने की अप्रिय घटना पर स्थिति कितनी भयावह हो सकती है इसकी कल्पना की जा सकती है. चाइल्ड पीजीआई के डायरेक्टर ने बताया कि 3 महीने पहले फायर विभाग ने उनको ए सर्टिफिकेट दिया है जिसके मुताबिक उनके यहां फायर सिस्टम दुरुस्त है। जब की तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही हैं।
जिला अस्पताल के हालात कुछ बेहतर नहीं है, ओपीडी में लगे फायर सिस्टम के नाम पर सिर्फ रेड कलर का बॉक्स बना है उसमें ना कोई फायर इक्विपमेंट लगे हैं, ना पाइप लगा है और ना ही यहां फायर सिलेंडर मौजूद है जिला अस्पताल की सीएमएस से बात की तो उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल कुछ ही दिनों में दूसरी जगह सेक्टर 39 में फिलहाल कोविड जिसमे चल रहा है उसमें शिफ्ट होना है और सेंट्रल फायर इक्विपमेंट सिस्टम को ठीक करने में करीब डेढ़ करोड़ रुपए का खर्च आएगा इसलिए सेंट्रल सिस्टम को ठीक नहीं कराया गया है बल्कि जो फ्लोर पर सिलेंडर रखें उनको सभी को रिफिल करा लिया गया है। और उसी से हम फिलहाल काम चला रहे है।
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