अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद एंव प्रवक्ता डॉ. नसीर हुसैन ने कहा- जैसा आप तमाम लोगों को पता है और पिछले दो हफ्ते से आप तमाम लोग देख भी रहे हैं और अपने टीवी चैनल पर दिखा भी रहे हैं, अपोजीशन पार्टियाँ, खासकर कांग्रेस पार्टी अलग-अलग मुद्दों पर लगातार, लोकसभा और राज्यसभा में नोटिस पर नोटिस देती आई है, चर्चा की मांग करती आई है। चाहे वो महंगाई पर हो, चाहे वो खाने-पीने के सामान पर जो जीएसटी लगाया गया है, उस पर हो, चाहे पेट्रोल-डीजल और गैस के बढ़ते हुए दाम पर हो, चाहे वो गिरत हुए रुपए पर हो, चाहे वो अग्निपथ पर हो, चाहे वो ईडी, आईटी, सीबीआई का जो दुरुपयोग हो रहा है, उसके ऊपर हो, चाहे जो चीनी सेना हिंदुस्तान में घुसी बैठी है, इन तमाम मुद्दों पर अलग-अलग समय पर हम लोगों ने नोटिस दिया और खासतौर से महंगाई पर लगातार हम लोगों ने चर्चा की मांग की। राज्यसभा में रूल 267 के तहत हम लोगों ने लगातार चर्चा की मांग की।
कल लोकसभा में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा हुई है। आज राज्यसभा में दो बजे से उन्होंने सरकार बहस के लिए समय निकाला है और लिस्ट दी है। लेकिन हम रुल 267 के तहत लगातार मांग कर रहे थे, क्योंकि हम लोगों को लग रहा था और हम लोगों को वो लग भी रहा है, कि मूल मुद्दा है, हमारे देश के आम आदमी, हमारे देश की जनता को जिस तरह से महंगाई का मार पड़ रही है, लगातार, जिस तरह हर सुबह वे जाते हैं, दूध-दही खरीदने के लिए, वो सबेरे जाते हैं, सब्जी खरीदने के लिए और दूसरा सामान खरीदने के लिए तो उनकी पॉकेट पर मार पड़ती है, उनकी पॉकेट पर लगातार ये जो महंगाई बढ़ रही है, उसकी वजह से जो हमारी जनता जो जूझ रही है, हमको लग रहा था कि दिन भर कम से कम इस चीज पर चर्चा होनी चाहिए। हम लोगों इसलिए 267 के तहत मांग की थी,
ताकि सारे दिन का बिजनेस सस्पैंड करें और सुबह से लेकर शाम तक सारे एमपीज बैठें, इस पर चर्चा करें और सरकार उस पर जवाब दे। लेकिन कल लोकसभा में सिर्फ 2-3 घंटे का डिस्कशन हुआ है, आज भी राज्यसभा में सिर्फ दोपहर बाद का डिस्कशन इन्होंने रखा है, क्योंकि महंगाई का मुद्दा है, क्योंकि दो हफ्तों से हम लगातार मांग कर रहे थे, हम चर्चा चाह र हे थे और चर्चा उन्होंने किसी भी फॉर्म में लिस्ट किया हो, हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन कल लोकसभा में फाइनेंस मिनिस्टर का जिस तरह का जवाब आया है, जिस तरह से भाजपा या तो पास्ट में जी रही है, या फ्यूचर में जीती है, जुमलेबाजी करती है, वो वर्तमान कंडीशन के बारे में उन्होंने कल कुछ भी कहा नहीं। उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया कि जीएसटी जिस तरह से खाने-पीने के पदार्थों पर लगाया गया, वो कम होंगे नहीं होंगे, उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया कि पेट्रोल-डीजल-गैस के दाम कम होंगे या नहीं होंगे, उल्टा बीजेपी के बहुत सारे स्पोक्सपर्सन या एमपीज जो बात कर रहे थे पार्लियामेंट के अंदर, वो लगातार डिनायल मोड के अंदर थे। वो लगातार ये कह रहे थे कि कोई बहुत ज्यादा महंगाई देश में नहीं है हमारे यहाँ रिसेशन होगा नहीं। इस तरह की बातें वो कर रहे थे।कल की बहस से हम लोगों ये लगा कि अपोजीशन के लोगों ने अपनी बात रखी लेकिन सरकार की तरफ से कोई आम जनता को रिलीफ नहीं मिली, इसके बावजूद आज हम चर्चा में जाएंगे, चर्चा का हिस्सा बनेंगे और हम चाहेंगे कि सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री सदन में आएं, प्रधानमंत्री जवाब दें, क्योंकि फाइनेंस मिनिस्टर कोई राहत की बात कर ही नहीं रहे हैं। अल्टीमेटली हमारे देश में हर चीज पर प्रधानमंत्री डिसीजन ले रहे हैं, हर चीज पर, हर डिसीजन में प्रधानमंत्री के सिग्नेचर के बिना, उनकी राय के बिना कोई डिसीजन नहीं हो रहा है, वो सदन में आएं, आकर अपनी बात रखें। हम चाहते हैं कि बहस के बाद सरकार हमारे देशवासियों को इन तमाम चीजों पर कुछ न कुछ राहत दे।
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