अजीत सिन्हा /नई दिल्ली
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने आज सोमवार को मेफेयर कन्वेंशन, भुबनेश्वर (ओड़िशा) में आयोजित “ओड़िशा चैप्टर ऑफ़ मोदी @20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी पुस्तक का विमोचन किया और इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व के विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा,पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं ओड़िशा की प्रभारी श्रीमती डी पुरुंदेश्व ,री ओड़िशा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष समीर मोहंती, ओड़िशा विधान सभा में विपक्ष के नेता जयनारायण मिश्र, भुबनेश्वर से भाजपा सांसद एवं पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमती अपराजिता सारंगी एवं ओड़िशा विधान सभा में पार्टी के सचेतक मोहन चरण मांझी सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
अपने उद्बोधन की शुरुआत करते हुए शाह ने महाप्रभु जगन्नाथ को नमन किया और कहा कि जब-जब ओडिशा की भूमि पर आता हूँ तो मन में सुखद शांति और संतोष की अनुभूति होती है। जब मैं पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना, तब ओड़िशा के ही धौली गाँव से सक्रिय सदस्य बन कर शुरुआत की थी। कहने को तो इस जगह कलिंगवासी पराजित हुए थे लेकिन सच्चे अर्थों में पराजित सम्राट अशोक हुए थे और वह युद्ध ओड़िशा की इसी गाँव की भूमि पर लड़ा गया था। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा नरेन्द्र मोदी जैसे व्यक्तित्व के 50 वर्ष के सामाजिक जीवन को कुछ चंद मिनटों और शब्दों में समाहित करना किसी भी व्यक्ति के लिए अत्यंत ही कठिन है क्योंकि मैंने कठिन से कठिन परिस्थितियों में उनके नेतृत्व के गुणों का अनुभव किया है और संघर्ष को अवसरों में परिवर्तित करते हुए उन्हें नजदीक से देखा है। मोदी @20 का मतलब है जब से नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तब से लेकर आज तक का उन का सफ़र। देश को महान बनाने के लिए, इस देश की समस्या को जड़-मूल से उखाड़ फेंकने के समाधान हेतु और सफलता के साथ-साथ विश्व में भारत के गौरव को प्रतिस्थापित करने के लिए नरेन्द्र मोदी के द्वारा किये गए सतत एवं अहर्निश प्रयास की विराट संकल्प गाथा है मोदी @20। लेकिन, मेरा मानना है कि अगर नरेन्द्र मोदी के जीवन को समझना है, उनके कृतित्व एवं संघर्षों से परिचय प्राप्त करना है
तो उनके 20 साल के इस कालखंड से पहले के 30 साल का अध्ययन करना बहुत जरूरी है। नरेन्द्र मोदी के 20 वर्ष तो सबने देखे हैं – पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में और विगत 8 वर्षों से देश के प्रधानमंत्री के रूप में लेकिन देश और देशवासियों के लिए अपना सर्वस्व अर्पित कर देने की कहानी एक कार्यकर्ता, एक स्वयंसेवक और एक मूक समाज सेवक के रूप में उनकी 30 साल के अथक परिश्रम की नींव पर बनी है। शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने 30 वर्षों तक गुजरात और देश के चप्पे-चप्पे का भ्रमण किया, संगठन की मजबूती के लिए अथक परिश्रम करने का कार्य किया, समाज की समस्या को समझकर उसके समाधान की दिशा में चिंतन करने का कार्य किया, व्यक्तियों को परखने का भी कार्य किया और विषम परिस्थितियों में भी आपदा को अवसर में कैसे परिवर्तित किया जा सकता है, इसे भी सीखने का कार्य किया। जब तक हम नरेन्द्र मोदी के पिछले 30 वर्ष की संघर्ष गाथा से परिचित नहीं होंगे, तब तक उनके जीवन के इस 20 वर्ष का परिचय हमें अच्छे से नहीं मिल सकता। मैंने उनके साथ लंबे समय तक काम किया है। बुरे से बुरे वक्त में भी आशा के साथ प्रचंड पुरुषार्थ करते हुए और उस कठिन परिस्थिति से उन्हें निकलते हुए मैंने देखा है। नरेन्द्र मोदी एक ऐसे आदर्शवादी नेता हैं जो देश के गौरव और देशवासियों के भले के अलावे किसी और चीज की परवाह नहीं करते हैं। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने देश के लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का महती कार्य किया है। इस देश के लोकतंत्र को परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार की राजनीति के तीन नासूरों ने ग्रसित कर रखा था। इसने न केवल देश के लोकतांत्रिक मूल्यों का ह्रास किया अपितु देश के विकास की राह में अवरोध भी उत्पन्न किये। परिवारवाद की राजनीति के कारण जहां मेधा को सम्मान नहीं मिला, वहीं तुष्टिकरण के कारण समाज में कई वर्गों के बीच बड़ी-बड़ी खाई बनने लगी और भ्रष्टाचार के दीमक के कारण देश की अर्थव्यवस्था और समाज कल्याण का अभियान खोखला होता चला गया। पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में और अब देश के
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