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केजरीवाल मॉडल हो गया फेल, केजरीवाल लगा रहे झूठ की रेल-बीजेपी

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आज गुरुवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और अरविंद केजरीवाल की झूठ की राजनीति और बेतुके बयानों पर जम कर हमला बोला। उन्होंने ‘आम आदमी पार्टी को ‘असत्य अरविंद पार्टी की संज्ञा देते हुए अरविंद केजरीवाल को झूठ का मशीन बताया और कहा कि अरविंद केजरीवाल बस झूठ बोलकर जनता को गुमराह करते हैं। अरविंद केजरीवाल ने झूठ बोलने का नया कीर्तिमान बनाया है। उन्होंने झूठ बोलने की झड़ी लगा दी
है। केजरीवाल मॉडल हो गया फेल, केजरीवाल लगा रहे झूठ की रेल। केजरीवाल जो करते हैं वादा, उसका वे पूरा नहीं करते आधा। वे सतही राजनीति करते हैं और अब उनकी तरह उनकी प्रेस वार्ता में भी न कोई गहराई होती है और न ही विश्वसनीयता। अरविंद केजरीवाल, आपको क्या लगता है कि आप झूठ बोलेंगे तो कोई आपको पकड़ेगा नहीं। रेवड़ियों से झूठ तक की राजनीति अरविंद केजरीवाल जी का चरित्र बना गया है।

संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति इस तरह की अनर्गल बातें करें, यह शोभा नहीं देता। यह आम आदमी पार्टी नहीं बल्कि असत्य अरविंद पार्टी है। झूठे आरोप लगाकर भाग जाना और झूठ पकड़े जाने पर माफी मांग लेना अरविंद केजरीवाल की आदत बन चुकी है। भारतीय जनता पार्टी तथ्यों एवं आंकड़ों के आधार पर अरविंद केजरीवाल जी की झूठी प्रेस वार्ता का पर्दाफ़ाश करती है और उन्हें चुनौती देती है कि वे आज की प्रेस वार्ता में उठाये गए प्रश्नों का उत्तर दें। आज केजरीवाल ने तीन बड़े झूठ बोले हैं।

● केजरीवाल जी ने कहा कि केंद्र सरकार ने मनरेगा की राशि में 25% की कटौती की है जबकि इस योजना से देश के सबसे गरीब किसान-मजदूर को सौ दिनो का काम मिलता है। सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने मनरेगा को और प्रभावी बनाया। साथ ही, न केवल मनरेगा के बजट में बढ़ोत्तरी की बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि मजदूरों को उनके हक़ का एक-एक रुपया सीधे उनके बैंक एकाउंट में जाए और कोई भ्रष्टाचार न हो। 2021-22 में मनरेगा का बजट 73,000 करोड़ रुपये था। बाद में इसे रिवाइज कर 98,000 करोड़ रुपये कर दिया गया जो आवंटित बजट से लगभग 25,000 करोड़ रुपये अधिक था। 2021-22 में भी मनरेगा का बजट 73,000 करोड़ रुपये था, 2022-23 में भी मनरेगा के लिए 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गए तो कटौती की बात कहाँ से आई? आदरणीया वित्त मंत्री जी ने संसद में आश्वस्त किया है कि जरूरत पड़ने पर इसके लिए और राशि आवंटित की जायेगी। अगर अरविंद केजरीवाल को फाइनेंशियल टर्म्स की समझ नहीं है तो वे किसी से पूछ तो लेते कि बजट कैसे निर्धारित किया जाता है।

● अरविंद केजरीवाल ने एक और झूठ कहा और अनर्गल आरोप लगाया कि केंद्र सरकार टैक्स एकत्रित कर पहले राज्यों को इसका 42% हिस्सा देती थी लेकिन, अब उसे घटा कर 29% कर दिया गया। अरविंद केजरीवाल आखिर इतना झूठ आप क्यों बोलते हैं जिसका सच्चाई से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं होता है। नव-निर्मित केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख को केंद्र सरकार द्वारा धनराशि देने जाने के कारण 1% की कमी आई है और यह वर्तमान में 41% है। अगर समग्र रूप में देखें तो यह 42% ही है।

● अरविंद केजरीवाल ने तीसरा झूठ यह बोला कि केंद्र सरकार ने आठवाँ वेतन आयोग बनाने से मना कर दिया है। केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर यह झूठा आरोप लगाया है कि इस सरकार को सरकारी कर्मचारियों की कोई चिंता नहीं है। केजरीवाल , पहले पढ़ लिया कीजिये, तब बोलिए। क्या यह सच नहीं है कि हर बार वेतन आयोग बनता है, वह सिफारिश करती है और फिर सरकार उसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू करती है जिसमें काफी समय लगता है और सरकारी कर्मचारियों को असुविधा होती है। इसलिए नरेन्द्र मोदी सरकार ने एक ऐसे मॉडल को लागू कर रही है ताकि सरकारी कर्मचारियों को लंबा इंतजार न करना पड़े और उन्हें तुरंत लाभ हो। अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि सरकार के पास जो पैसा आता है, वह कहाँ जाता है? अरविन्द केजरीवाल, केंद्र सरकार का पैसा किसी सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के घर नहीं जाता है, बल्कि इस पैसे से दो साल से देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ्त जरूरी राशन मिल रहा है, 200 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज एडमिनिस्टर हुए हैं, 10 करोड़ शौचालय बने हैं, ढाई करोड़ से अधिक गरीबों के घर बने हैं, 9 करोड़ गरीब परिवारों को गैस कनेक्शन दिया गया है और 10 करोड़ से अधिक किसानों को किसान सम्मान निधि के तहत अब तक दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की
आर्थिक सहायता दी गई है और डीबीटी के माध्यम से लाखों करोड़ रुपये लाभार्थियों के बैंक एकाउंट में पहुंचाए गए हैं। अरविंद केजरीवाल का झूठे वादों का लंबा इतिहास है। वे वादे तो करते हैं लेकिन उसका आधा तो क्या, एक चौथाई या उसका 10वां हिस्सा भी पूरा नहीं करते।

● अरविंद केजरीवाल ने 2015 में दिल्ली में 500 नए स्कूल खोलने का वादा किया था। स्कूल तो खुले नहीं, उलटे 16 स्कूल बंद हो गए। दिल्ली के लगभग 700 से अधिक स्कूलों में प्रिंसिपल ही नहीं हैं और 16,000 शिक्षकों के पद खाली हैं। अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के स्कूलों की नहीं बल्कि शराब के दुकानों की चिंता है।

● 2015 में ही अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के 8 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। 2015 से 2020 तक अरविंद केजरीवाल जी ने 8 लाख में से केवल 440 युवाओं को रोजगार दिया। 2015 में 176, 2016 में 102, 2017 में 66, 2018 में 68, 2019 में 0 अर्थात शून्य और 2020 में 28। 6 साल में केवल 440 लोगों को रोजगार। यह है असत्य अरविंद पार्टी का मॉडल।

● केजरीवाल ने नए अस्पताल बनवाने का वादा किया था, एक भी नहीं बना। यह सत्य आरटीआई के माध्यम से सामने आया है। मोहल्ला क्लीनिक के हल्ला का पोल तो दिल्ली
हाईकोर्ट ने खोल कर रख दिया। कोरोना काल में ये मोहल्ला क्लीनिक अभिशाप ही सिद्ध हुए। जब ऑक्सीजन की किल्लत दिल्ली में हुई तो केजरीवाल जी ने हाथ खड़े कर दिए। ये
नरेन्द्र मोदी सरकार थी जो दिल्ली के लोगों के लिए लगातार काम कर रही थी। आशा है कि अरविंद केजरीवाल इन बिंदुओं पर स्पष्टीकरण देंगे लेकिन वे ऐसा करेंगे नहीं क्योंकि वे
सच्चाई से भागते हैं। जब भी संकट आता है तो केजरीवाल गायब हो जाते हैं और फिर झूठे वादे कर सामने आते हैं। ये केवल वादे करते हैं, निभाने थोड़े ही न हैं उनको। अगर कोई मुख्यमंत्री संविधान की शपथ लेकर झूठ बोलता है और प्रेस वार्ता करके जनता को गुमराह करता है तो ऐसे मुख्यमंत्री को सत्ता में एक भी मिनट बने रहने का हक़ नहीं है।

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