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मदन लाल खुराना जैसे मनीषी नेताओं ने विचार और विचारधारा के लिए अपना संपूर्ण जीवन अर्पित कर दिया- जे पी नड्डा।

अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने आज शनिवार को नई दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय मदन लाल खुराना जी की जन्मजयंती के अवसर पर नेहरू मेमोरियल ऑडिटोरियम में प्रथम मदन लाल खुराना मेमोरियल व्याख्यान को संबोधित किया और दिल्ली के विकास में मदन लाल खुराना जी के योगदान को याद करते हुए उन्हें दिल्ली में विकास का अग्रदूत बताया। कार्यक्रम में श्रीमती खुराना, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामबीर सिंह बिधूड़ी के साथ- साथ पार्टी के कई सांसद, विधायक, पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी और मदन लाल खुराना को चाहने वाले सैकड़ों लोग उपस्थित थे। नड्डा ने कहा कि जब भी मुझे पार्टी के मनीषी शख्शियतों एवं दिग्गज नेताओं को याद करने का, उनके बारे में कुछ बोलने का अवसर मिलता है तो मैं काफी भावविभोर हो जाता हूँ क्योंकि भावनाओं को शब्दों में बयां करना काफी मुश्किल होता है।

मदन लाल खुराना जैसे मनीषी नेताओं ने विचार और विचारधारा के लिए अपना संपूर्ण जीवन अर्पित कर दिया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस दौर वे विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे थे, तब खोने के लिए सब कुछ था लेकिन पाने को कुछ भी नहीं था। यह आज की पीढ़ी के लिए समझने वाली बात है। इसलिए, हमारी पार्टी या हमारी विचारधारा किसी के कहने से समाप्त नहीं होने वाली क्योंकि ऐसे मनीषी दिग्गजों ने पार्टी की नींव रखी जो सदैव विचारधारा के साथ अडिग रहे। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मदन लाल खुराना जी ने कभी भी यह नहीं सोचा कि वे दिल्ली के मुख्यमंत्री भी बनेंगे क्योंकि उस समय तो हम अपनी जमानत बचने पर खुश हो जाया करते थे। हम सब मदन लाल खुराना जी के प्रारंभिक जीवन से परिचित हैं कि किस तरह उन्होंने दिल्ली, इलाहाबाद और श्रीनगर में अपनी शिक्षा ग्रहण की और फिर एक एक्टिविस्ट के रूप में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से भी जुड़े थे। 11 में से 10 चुनाव उन्होंने जीते। वे तीन बार सांसद रहे।

वे दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे और केंद्र सरकार में संसदीय कार्य मंत्री भी रहे। बाद में वे राजस्थान के राज्यपाल भी बने। नड्डा ने कहा कि मदन लाल खुराना जी उन लोगों में से थे जिन्होंने आपातकाल के दौरान देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया और 19 महीनों तक जेल में भी बंद रहे। तब इंदिरा गाँधी सरकार ने लगभग 1.30 लाख लोगों को जेल में अकारण डाल दिया था जिसमें से लगभग 70,000 लोग हमारी विचारधारा से जुड़े हुए थे। मदन लाल खुराना जी जैसे महान लोगों के कारण पार्टी खड़ी हुई, आगे बढ़ी और आज भारतीय जनता पार्टी यहाँ तक पहुंची। आज भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी है, 18 राज्यों में हमारी सरकारें हैं, सबसे अधिक हमारे सांसद हैं, विधायक हैं और चुने हुए जन-प्रतिनिधि हैं। मदन लाल खुराना जी जैसे योद्धाओं ने अपने आप को जिस तरह से पार्टी और विचारधारा के लिए खपाया, उसके बल पर ही भाजपा यहाँ तक पहुंची है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मदन लाल खुराना जी के पास संघर्ष की शक्ति थी तो समस्याओं का समाधान भी था। चाहे गरीबों को राशन कार्ड देना हो, जल निगम को स्थापित करना हो या यमुना पार को मुख्यधारा में लाना हो, उन्होंने दिल्ली के विकास के लिए कई कार्य किये। उन्होंने तब मेट्रो की बात की, जब मेट्रो के बारे में लोगों की समझ भी विकसित नहीं हुई थी। उन्होंने दिल्ली के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए कई कार्य किये। उनके भाषणों में मेट्रो का जिक्र अवश्य होता था। मदन लाल खुराना जी लोगों के नेता थे। दिल्ली उनके दिल में बसी हुई थी। सच्चे अर्थों में कहें तो वे दिल्ली को जीते थे। उनके अथक प्रयासों से दिल्ली में 10 कॉलेज खुले और रिकॉर्ड समय में बन कर इनका संचालन भी शुरू हुआ। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी भी बनाई। नड्डा ने 1984 के सिख नरसंहार की दुखदायी घटना को याद करते हुए कहा कि मुझे याद है कि तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह जी ने भी उस वक्त किसी राजनेता से मदद माँगी थी तो वे मदन लाल खुराना जी थे। बाद में मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने जस्टिस नरूला की अध्यक्षता में कमेटी भी बनाई और बहुत हद तक सिख भाइयों को राहत देने का प्रयास किया। इसके बाद हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके सपनों को पूरा किया और सिख भाइयों को संबल प्रदान किया। उन्होंने उनके साथ अपने संबंधों को याद करते हुए कहा कि मुझे उनसे मिलने के लिए कभी भी समय लेने की जरूरत नहीं पड़ी। वे हर दिन सुबह लगभग 7 बजे से 10 बजे तक लोगों से, पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलते थे और उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान करने का प्रयास करते थे।

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