नई दिल्ली /अजीत सिन्हा
श्रीमती प्रियंका गांधी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ये माता रेणुका जी की धरती है, भगवान परशुराम जी की धरती है। माता भंगायनी की धरती है। इस धरती से असत्य के खिलाफ सत्य की आवाज हमेशा उठी है। माता भंगायनी साम, दाम, दंड, भेद को पराजित करने वाली देवी थी। माता के आशीर्वाद से यही खासियत पूरे हिमाचल के लोगों की है। आज सिरमौर की जनता द्वारा मैं पूरे हिमाचल को संबोधित करना चाहती हूं, आपसे अपील करना चाहती हूं। चुनाव का आखिरी दिन है। 12 तारीख को आप वोट डालने जाएंगे। आपके पास आपके सामने एक बड़ी चुनौती है। क्या चुनने जा रहे हैं, अपने आपसे पूछिए। क्या सिर्फ आप 2 राजनीतिक दलों के बीच में चुनाव करने जा रहे हैं कि हम इनको चुनेंगे या उनको चुनेंगे या आप अपने भविष्य के लिए अपना वोट डालने जा रहे हैं? जरा इस बात को आप ठीक से समझिए, क्योंकि इस मंच से कोई भी आपसे, कोई भी कुछ भी कह सकता है। आज मैं खड़ी हूं, मैं तमाम वायदे कर सकती हूं, कोई और आएगा वो भी कर सकता है। आज-कल की राजनीति बहुत बदल चुकी है।
एक समय में जब मेरी दादी जी, इंदिरा जी होती थी, मेरे पिता जी होते थे, तो एक अलग राजनीति थी। यहाँ पर जो बुजुर्ग बैठे हैं, शायद जब आप घर पर बैठ कर चर्चा करते हैं तो आप यही बात करते होंगे कि दुनिया कितनी बदल गई है, राजनीति कितनी बदल गई है और कैसे बदली है, इस पर मैं दो मिनट आपका समय लेना चाहती हूं। देखिए, हमारे देश की जो राजनीति है, उसका आधार कहाँ से बना, कहाँ से उसकी शुरुआत हुई, ये समझना बहुत जरुरी है। स्वतंत्रता संग्राम में जब महात्मा गांधी जी ने सत्य की बात की तो एक आध्यात्मिक आधार दिया इस देश की राजनीति को और हमें गर्व होना चाहिए कि किसी और देश की राजनीति में इस तरह का आधार नहीं था। कोई ऐसा आंदोलन नहीं था उस समय जो सत्य के आधार पर लड़ा गया, अंहिसा के आधार पर लड़ा गया, वही हमारी राजनीति की नींव है, लेकिन आज क्या देखते हैं, हम– आज हम देखते हैं कि पैसों का बोलबाला है। झूठ का बोलबाला है। आज आपके सामने खड़े होकर नेता कुछ भी बोल सकता है। कल उसकी अकाउंटेबिलिटी कुछ नहीं रही, उसकी जिम्मेदारी कुछ नहीं रही। कभी कहते हैं कि आपके लिए बिजली मुफ्त दिलवाएंगे, पेयजल मुफ्त दिलवाएंगे और फिर 5 साल बाद आपको पता चलता है कि कुछ नहीं हुआ।
तो एक माहौल बन गया है, मीडियाबाजी बहुत होती है। आप टीवी चलाते हैं, इश्तिहार देखते हैं तो आप देखते हैं, तमाम काम हो चुके हैं आपके प्रदेश में, लेकिन असलियत कुछ और है।
तो आज आपके सामने खड़े होकर मैं ये आग्रह करना चाहती हूं कि आप अपने अनुभव पर, अपनी परिस्थितियों के आधार पर अपना वोट दें, क्योंकि ये वोट आपका है। आप समझते हैं कि पांच सालों में किसने आपके लिए क्या किया। भाजपा के बड़े-बड़े नेता यहाँ आए, हिमाचल। मैं देख रही थी कुछ दिनों पहले, उन्होंने कहा कि कांग्रेस आपको स्थिर सरकार दे ही नहीं सकती। आजादी से लेकर अब तक सबसे स्थिर सरकारें किसने दी हैं (विशाल जनसमूह ने कहा- कांग्रेस पार्टी ने) और इस देश में अस्थिरता किसने फैलाई, सरकारों को गिराने वाले कौन हैं, बनी-बनाई सरकार जनता द्वारा चुनी गई सरकार और पैसों से विधायकों को खरीद कर उसको गिराने वाले कौन हैं (जनसमूह ने कहा- भाजपा ने) तो सच्चाई क्या है– सच्चाई आपके सामने है।इस प्रदेश को जब बनाया गया, तो सबने इंदिरा जी से कहा कि ये प्रदेश चल नहीं पाएगा। इंदिरा जी ने आपके भरोसे इस प्रदेश को बनाया। यहाँ जो बुजुर्ग बैठे हैं, उन्होंने ये प्रदेश बनाया। यहाँ के कर्मचारियों ने ये प्रदेश बनाया, यहाँ के नौजवानों ने ये प्रदेश बनाया और पूरा भारत देश आज देखता है कि अगर सबसे शिक्षित नौजवान हैं तो हिमाचल के हैं, सबके सक्षम हैं तो हिमाचल के हैं। सबसे जागरुक जनता हिमाचल की है। तो इस जागरुकता को आप कभी बुझाइए। इसे जीवित रखना आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। पिछले 5 सालों की स्थिति देखिए। हिमाचल प्रदेश 70 हजार करोड़ के कर्ज में है। यहाँ की 30 लाख नौजवानों की आबादी है। तमाम नौजवान पढ़े लिखे हैं। आपने मेहनत की, अपने बच्चों को पढ़ाया- लिखाया कि उनका भविष्य बने। ऐसे 30 लाख बच्चे आज हिमाचल प्रदेश में हैं, जिसमें से 15 लाख आज बेरोजगार पड़े हैं। यहाँ कितने नौजवान हैं, हाथ उठाइए? पिछले 5 सालों में जिस-जिसको नौकरी मिली है, वो हाथ खड़ा रखिए, बाकी नीचे रखिए (जनसभा में से किसी ने भी हाथ नहीं उठाया) नहीं मिली ना, नौकरी नहीं मिली। अब आपको बताया जाता है, भाजपा के मेरे ख्याल से मुख्यमंत्री जी ने खुद कहा कि ये जो कांग्रेस वाले कह रहे हैं, ये करना संभव ही नहीं है। नौकरी दिलवाना संभव ही नहीं है। लेकिन 63 हजार रोजगार, 63 हजार सरकारी पद खाली पड़े हैं, 5 सालों से खाली पड़े हैं और यहाँ हजारों नौजवान बेरोजगार हैं। पूछिए क्यों, क्योंकि नीयत सही नहीं है। ओपीएस की बात करते हैं। हम किस आधार पर कह रहे हैं कि हम आपको ओपीएस दिलवाएंगे। ये चुनावी जुमला नहीं है। यहाँ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बैठे हैं, बघेल जी। छत्तीस गढ़ में आज ओपीएस लागू है, राजस्थान में लागू है। भाजपा के नेता, बड़े से बड़े नेता कहते हैं कि अर्थव्यवस्था में पैसे ही नहीं है इसके लिए, तो फिर मैं उनसे पूछती हूं कि उनके जो उद्योगपति मित्र हैं, बड़े-बड़े उनके कर्ज माफ करने के लिए लाखों करोड़ रुपए कहाँ से आते हैं? अगर इस देश के कर्मचारी के लिए आपके पास पैसे नहीं हैं कि उसका जीवन उसका सुरक्षित रहे कि पूरा जीवन देश की सेवा करता है वो और उसके बाद उसको पेंशन ना मिले और आप कहते हैं कि उसके लिए पैसे नहीं है। लेकिन बड़े-बड़े उद्योगपतियों के लिए आपके पास पैसे हैं, तो मैं पूछना चाहती हूं वो पैसे कहाँ से आते हैं? अगर इस देशवासियों की जेब से नहीं आ रहे हैं, तो कहाँ से आ रहे हैं?
इस सरकार ने आपकी नौकरियां छीनी है, आपका रोजगार छीना है, आपकी पेंशन छीनी है, मंहगाई बढ़ाई है, महंगाई को घटाते थे, जब ये आए थे। 5 साल पहले कहा था, महंगाई घटाएंगे। आज सेब की पैकेजिंग के गत्तों पर भी जीएसटी लगा रखी है। आज आप गैस के सिलेंडर को खरीदने जाती हैं, तो क्या करती हैं, आप, कितना दे रही हैं आप गैस के सिलेंडर के लिए, बताइए (विशाल जनसभा से पुन: श्रीमती प्रियंका गांधी ने पूछा) पहले कितना होता था, 5 साल पहले, तो आपकी मदद क्यों नहीं हो रही है, क्योंकि इनकी नीयत ठीक नहीं है, तो पहचानिए। मैं बड़ी-बड़ी बातें नही करना चाहती। मैं सिर्फ यही कहना चाहती हूँ, अपने अनुभव से परखिए, जो आपने देखा है, उसके आधार पर वोट डालिए। इनकी बातों से गुमराह मत होइए, क्योंकि मीडिया, नेता गुमराह करने के लिए तमाम बातें करेंगे, लेकिन अगर ध्यान से आप इनके चुनावी प्रचार को भी सुनें, तो आपको ये नहीं बताएंगे कि 5 सालों में इन्होंने किया क्या है। कौन से अस्पताल खोले, कौन सी सुविधाएं दिलवाईं, कौन से शिक्षा के संस्थान खोले, महंगाई कैसे घटाई, बोल नहीं सकते। किया नहीं इसलिए।जैसे मैंने कहा एक आधार था, हमारी राजनीति का। यशवंत परमार जी, जो आपके पहले मुख्यमंत्री थे। जिनके कहने पर इंदिरा जी ने हिमाचल प्रदेश बनाया, वो इस बात को समझते थे। वीरभद्र सिंह जी, जिन्होंने दिन-रात एक करके हिमाचल प्रदेश को आगे बढ़ाया, वो इस बात को समझते थे। दिल पर लिए हुए थे, इस बात को; इसीलिए गांव-गांव में छोटे-छोटे अस्पताल बने, पीएचसी बने। इसीलिए शिक्षा के बड़े-बड़े केन्द्र बने, ट्रिपल आईटी बना, आईआईटी बना, मेडिकल कॉलेजेज बने, ये काम किसने करवाया और क्यों करवाया- क्योंकि वो जानते थे कि जब हिमाचल प्रदेश की जनता आगे बढ़ेगी, तभी हम आगे बढ़ेंगे। क्योंकि एक मानसिकता थी और वो मानसिकता मैं कहना चाहती हूँ आज भी कांग्रेस पार्टी के नेताओं में है। आज भी हम जानते हैं कि आपने हमें खड़ा किया है, इस मंच पर। आपने खड़ा किया है। आपने बनाया है। जब यहाँ पर मैं आ रही थी, हैलीपैड से; आप सब लोग खड़े थे। रास्ते पर कितने प्रेम से मुझे मिले। मैं आपके चेहरे पर देख सकती हूँ कि आप मुझसे प्रेम करते हैं। क्यों करते हैं, मुझसे मिले तो नहीं हैं, पहली बार देख रहे हैं, क्यों करते हैं? क्योंकि मेरी दादी जी ने आपके साथ एक रिश्ता जोड़ा। उस रिश्ते को आज मैं निभा रही हूँ। क्या रिश्ता था- प्रेम का रिश्ता था। सेवा- समर्पण का रिश्ता था। आपका इतना सुंदर प्रदेश है। मैं भी एक तरह से यहीं की निवासी हूँ और पेंशन मिले न मिले, रिटायर तो मैं यहीं होऊँगी। इतना सुंदर प्रदेश है, आप इसके प्रति अपनी निष्ठा निभाओ, अपनी जिम्मेदारी निभाओ। ये जो नौजवान लड़कियाँ बैठी हैं, जिनको आपने पढ़ाया-लिखाया है। ये नौजवान जो यहाँ खड़े हैं, जिनके पास रोजगार नहीं है, इनके प्रति एक जिम्मेदारी बनती है, आपकी। हमारी तो है ही, हमारा कर्तव्य है, लेकिन आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि आज जो फैसला आप लेने जा रहे हैं, उसे सोच-समझकर लीजिए। भरोसा बातों पर मत करिए, काम पर करिए। काम देखिए, आपके लिए किसने किया और कौन बड़ी-बड़ी बातें करता है, लेकिन काम नहीं करके दिखाता। ये बात आप समझ जाएंगे, तो आप अपने भविष्य को मजबूत बना पाएंगे। कांग्रेस पार्टी आज क्या कह रही है और किस आधार पर कह रही है, ये भी बताऊँगी। हम कह रहे हैं कि महिलाओं को हम 1,500 रुपए हर माह देंगे, क्यों? क्योंकि हम समझते हैं कि आप पर क्या बोझ है। पूरा समाज का बोझ उठाती हैं, आप। आज यहाँ बैठी हैं, धूप में, 2-3 घंटे आपको हो गए। घर जाकर खाना आप पकाएंगी, सबकी परवरिश आप करेंगी। काम है, नौकरी है तो वो भी करेंगी। ये नहीं है कि नौकरी करके घर आकर आप आराम कर सकती हैं। सब आराम करेंगे, लेकिन आप उनकी देखभाल करेंगी। बहुत बड़ा बोझ है और किस सहनशीलता, किस शक्ति से हमारी माताएं, बहनें, बेटियाँ इसको संभालती हैं। पूरे देश का जो भविष्य है, आपके हाथों में है, लेकिन आपकी मदद कोई नहीं करता। कोई ये नहीं सोचता कि अगर थोड़ा सा पैसा हर महीने आपके खाते में चला जाए, तो आपको सुविधा होगी। कोई आपको सशक्त नहीं बनाना चाहता। जब आपकी बात होती है, तो कहते हैं, हम सिलेंडर दे देंगे। एक मिल गया, उसके बाद मिले न मिले, हमारा प्रॉब्लम नहीं है। कोई ये नहीं कहता कि अपने पैरों पर खड़े होने के लिए हम आपकी मदद करेंगे। कोई ये नहीं कहता कि आपके लिए हम खास रोजगार बनवाएंगे। कोई ये नहीं कहता कि हम खास महिलाओं को शिक्षित करेंगे, क्योंकि हमारा देश उनका है। कांग्रेस पार्टी ये कह रही है। कांग्रेस पार्टी कह रही है कि जब पहली मीटिंग होगी, नई सरकार के मंत्रिमंडल की, तब उसी दिन निर्णय लिया जाएगा कि आपको 1 लाख रोजगार दिए जाएंगे। किसको- ये तमाम नौजवान सेना जो यहाँ पर खड़ी है, आपको। ये आपका हक है। कोई आपको दान नहीं दे रहा है। ये आपका हक है, इस हक को मांगो।
हम ये भी कह रहे हैं कि पहली कैबिनेट की मीटिंग में ओपीएस पर निर्णय होगा। आपको ओपीएस मिलेगा। ये आपका हक है। आपने पूरे जीवन काम किया है, इस देश के लिए। हिमाचल प्रदेश को अगर किसी ने बनाया तो हिमाचल के कर्मचारियों ने बनाया है। सबसे ज्यादा कर्मचारी इस देश में यहीं है, इस प्रदेश में। आपका सम्मान होना चाहिए, आपका आदर होना चाहिए। पैसे कहीं से भी निकालने पड़ें, उनको निकाला जाना चाहिए आपकी पेंशन देने के लिए। काटें बड़े-बड़े उद्योगपतियों के कर्ज को। यही सच्चाई है कि कांग्रेस पार्टी आपके लिए काम करना चाहती है। हमने निर्णय लिया है कि हर विधानसभा में कम से कम 4 इंग्लिश मीडियम पाठशालाएं बनाएंगे। ताकि शिक्षा को एक और शक्ति मिले आपके प्रदेश में। जो पीएचसी हैं, आज चल नहीं रहे हैं। आज की जो सरकार है, वो पीएचसी पड़े हुए हैं। वहाँ पर ठीक ढंग का इलाज नहीं होता, कोई बड़ी बीमारी होती है, तो दूर-दूर जाना पड़ता है। हम कह रहे हैं, हम उनमें सुविधाएं देंगे, आपको। उनको मजबूत बनाएंगे। हम कह रहे हैं कि 5 सालों में 5 लाख रोजगार बनाकर आपको देंगे और नौजवानों, एक बात समझ लो अच्छी तरह से, इस देश में रोजगार आता कहाँ से है। सबसे पहले तो पीएसयू से आता था। क्या थी पीएसयू- देश की संपत्ति। जो बड़ी-बड़ी देश की सरकारी कंपनियाँ होती हैं, जिनमें सरकारी कंपनियाँ आपको नौकरी देती थीं। यहाँ से बहुत रोजगार आते थे। आज भाजपा की सरकार ने क्या किया है, कहते हैं- गरीब के लिए चला रहे हैं, न सरकार। सच्चाई क्या है, जहाँ से सबसे ज्यादा रोजगार मिलता था, गरीबों को; उन्हें अपने बड़े-बड़े उद्योगपति मित्रों को तमाम पीएसयू बेच दिए हैं, रेलवे बेचने की कोशिश, हर चीज को बेच दिया है, आज। तो जो एक जगह थी, जहाँ से रोजगार मिलता था, उसको तो बेच दिया आपने अपने मित्रों को। अब दूसरा रोजगार कहाँ से आता था- छोटे-छोटे व्यापार से। यहाँ पर मैं देख रही थी, काफी दुकानें हैं, छोटे व्यापार हैं। ये देश की रीढ़ की हड्डी हैं। इस देश के जो छोटे व्यापारी हैं, जो छोटी-छोटी दुकानें चलाते हैं, छोटे-छोटे अपने बिजनेस करते हैं, इनका क्या किया सरकार ने, यहाँ से रोजगार पैदा होता है, जीएसटी थोपी। कोरोना आया, अरे विश्वभर में कोरोना आया था, कोई बहाना नहीं है कि कोरोना आ गया, ये ठीक है, आपकी कमाई नहीं हो रही है, बहाना नहीं है। बाकी देशों में जब कोरोना आया, तो छोटे व्यापारियों को मजबूत करने के लिए तमाम ऐसी सुविधाएं दी गईं। यहाँ कुछ नहीं दिया गया। यहाँ कोरोना आया, आपको पीपीई किट का घोटाला मिला, लेकिन आपको कोई मदद नहीं मिली। जो छोटे व्यापारी हैं, तो यहाँ से रोजगार बनता था, ये भी कम हुआ। तीसरा, जैसे मैंने कहा- सरकारी नौकरियाँ। अब सरकारी नौकरियाँ 63 हजार खाली पड़ी हुई हैं, क्यों? अरे पद खाली हैं, नौजवान खाली है, उसे पद दो न। क्यों नहीं दिया? तो ये परिस्थितियाँ हैं। सच्चाई ये है कि अगर आपके लिए रोजगार बनाने की नीयत होती, तो न पीएसयू बेचे जाते, न आपको छोटे दुकानदारों को, छोटे जो व्यापारी हैं, न उनको जीएसटी द्वारा दबाया जाता, या दूसरा जो कोरोना आया, तो उनकी मदद होती और न ये सरकारी पद खाली रहते। तो आगे आप क्या चाहते हैं, अब आप ही मन बना सकते हैं। हम तो आपको समझाने की कोशिश करते हैं। आपको बचाने की कोशिश करते हैं। लेकिन विवेक आप में है, हमेशा रहा है और मेरी दादी जी हमेशा कहती थीं कि जनता का विवेक सर्वोपरि है। अगर आपने इस चुनाव में किसी और को चुन लिया, तो वो भी आप ही का विवेक है, आप सीखोगे अपने अनुभव से, आप देखोगे कि क्या होगा। तो 5 साल बीत गए, 5 सालों में आपने देखा, इस सरकार ने आपके लिए क्या किया। आगे 5 साल आने वाले हैं, क्या आप 5 साल और व्यर्थ करने के लिए तैयार हैं, बताइए,(जनता ने कहा, नहीं) सुनाई नहीं दे रहा (जनता ने फिर दोहराया- नहीं), नहीं न। आज जो आपका बच्चा 20 साल का है, क्या 25 साल तक इंतजार करेगा या उसको अभी नौकरी मिलनी चाहिए? जिसको आज पेंशन लेनी चाहिए, क्या वो 5 साल इंतजार करेगा? जिसको आज 1,500 रुपए प्रति माह मिलने चाहिए क्या वो 5 साल इंतजार करे? इंतजार करके मिलना भी क्या है, जब इनके मुख्यमंत्री खुद ही कह रहे हैं कि कुछ नहीं हो सकता। कह रहे हैं कि रोजगार नहीं देंगे, कांग्रेस पार्टी कह रही है कि रोजगार देंगे, हो नहीं सकता। कांग्रेस पार्टी कह रही है कि पेंशन देंगे, हो नहीं सकता। कांग्रेस पार्टी कह रही है कि महिलाओं को प्रतिमाह 1,500 रुपए देंगे, हो नहीं सकता। अरे भाई, हो नहीं सकता, तो तुम मुख्यमंत्री क्यों बनना चाहते हो, तो जयराम जी की ‘जय राम जी’। नया मुख्यमंत्री चुनो।अब देखिए कि मंच पर खड़े होकर आपको बताया जाता है कि आप अगर दवाई बदलेंगे, तो आपका इलाज नहीं होगा, जैसे कि पूरा हिमाचल प्रदेश एक मरीज है, क्या मतलब है इसका? क्या मतलब है, फिजूल की बातें हैं। आप कहिए कि आपने 5 सालों में किया क्या? अगर किया है, तो उस आधार पर जरुर वोट दीजिए, लेकिन किया ही नहीं न, इसलिए ऐसी बातें हो रही हैं, मंच पर। तो आप सब कुछ समझते हैं, मैं जानती हूँ। आप अच्छी तरह से नेताओं की नीयत पहचानते हैं। आप अच्छी तरह से जानते हैं कि जो नेता हम लोगों को भ्रष्ट कहते हैं, उन्होंने पीपीई किट के घोटाले किए। उन्होंने पुलिस भर्ती के घोटाले किए। उन्होंने शिक्षक भर्ती के घोटाले किए। आप जानते हैं अच्छी तरह से। तो बस बातों में मत पड़िए। मैं फिर से कह रही हूँ, अपने अनुभव से फैसला लीजिए, आपके लिए किसने किया है, उसको पहचानिए। अपनी ऐसी सरकार बनाइए कि 5 सालों में आपके प्रदेश को पूरा देश देखकर कहे, हां देखो, इन्होंने सही निर्णय लिया। भारत माता की (जनता ने पूरा किया- जय), भारत माता की (जनता ने फिर पूरा किया- जय), भारत माता की (जनता ने फिर से पूरा किया- जय) किसकी है ये भारत माता? जोर से बोलो किसकी है (जनता ने कहा- हमारी)। किसका है ये हिमाचल प्रदेश (जनता ने कहा- हमारा)। किसने बनाया, ये हिमाचल प्रदेश (जनता ने कहा- हमने), इसकी रखवाली करो। इस प्रदेश की, इस देश की रखवाली करो। आपकी जिम्मेदारी है, हमारी जिम्मेदारी है। मेरे परिवार के सदस्यों ने जान दी है, इस देश के लिए और मैं जानती हूँ कि हिमाचल प्रदेश के हजारों परिवार हैं, जिनके बच्चों ने भी कुर्बानी दी है, इस देश के लिए, मैं जानती हूँ। मैं जानती हूँ कि सरहद पर आप अपने बच्चों को भेजते हैं। हिमाचल प्रदेश के तमाम नौजवान आज सरहद पर खड़े हुए हैं, तो ये हमारी जिम्मेदारी है उनके प्रति, आने वाली पीढ़ी के प्रति और अपने देश के प्रति। आपने बहुत ध्यान से मेरी बातें सुनीं। आशा है कि आपके दिल में मेरी बात उतरी है और आप सोच-समझकर अपना वोट देंगे। अपने आप को मजबूत बनाएंगे, अपने बच्चों के भविष्य को मजबूत बनाएंगे।