अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:जयराम रमेश, सांसद, महासचिव (संचार), एआईसीसी द्वारा जारी वक्तव्य: सुप्रीम कोर्ट ने 3-2 के फैसले में जनवरी 2019 में संसद द्वारा पारित संविधान के 103 वें संशोधन को बरकरार रखा है।सभी पांचों न्यायाधीश 103वें संविधान संशोधन में आर्थिक कमजोर श्रेणी (ईडबल्यूएस) के लिए आरक्षण देने पर सहमत थे।तीन जजों ने राय दी है कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी को बाहर रखा जा सकता है।
उनमें से प्रत्येक ने अपनी-अपनी स्थिति के लिए अलग-अलग कारण बताए हैं।दो न्यायाधीशों ने राय दी है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी को ईडब्ल्यूएस श्रेणी से बाहर करना असंवैधानिक है।कई अन्य दलों के साथ, कांग्रेस पार्टी ने संसद में इस संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन किया था, हालांकि कि इस पर अधिक विस्तृत जांच के लिए जेपीसी की मांग की थी।
लेकिन लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इसे जल्दबाजी में पारित करवा दिया गया।पांच न्यायाधीशों में से प्रत्येक ने इस संबंध में अनेक मुद्दों को उठाया है। कांग्रेस पार्टी इनका विस्तार से अध्ययन कर रही है।
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