अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में वर्ष की अपनी चौथी और अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का हरियाणा राज्य भर में आयोजन किया। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 13 जिलों भिवानी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, हिसार, जींद, झज्जर, कैथल, मेवात, नारनौल, पंचकुला, पानीपत, पलवल, यमुनानगर तथा उनके सब डिविजनों में किया गया और शेष 09 जिलों सोनीपत, सिरसा, कुरूक्षेत्र, रेवाड़ी, रोहतक, करनाल, चरखी दादरी, गुरूग्राम और अम्बाला में जिला परिषद एवं पंचायत समिति के वर्तमान चुनाव को देखते हुए आचार संहिता लागू होने के कारण दिनांक 26.11.2022 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा।
ऐडीआर केंद्रों में कार्यरत स्थायी लोक अदालतों (सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं) के मामलों सहित सिविल, आपराधिक, वैवाहिक, बैंक वसूली, आदि से संबंधित कुल 197727 मामलों में से 116749 मामलों का निपटारा किया गया। 60 प्रतिशत मामलों का कुल निपटारा कर दिया गया है। राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित करने का उद्देश्य वादियों को अपने विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए एक मंच प्रदान करना है।राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन, न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हालसा ने हरियाणा राज्य में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोक अदालतों की निगरानी की। उन्होंने न्यायिक पीठों के साथ बातचीत की और न्यायिक पीठों को दिशा-निर्देश भी दिए। इसके अलावा राष्ट्रीय लोक अदालत की पीठों की निगरानी के लिए उन्होंने जिला न्यायालय, पंचकुला का भी दौरा किया।
न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने सफल राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए अपनी शुभकामनाएं दी और सभी न्यायिक पीठों को आज की राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए अधिक से अधिक मामलों के निपटारे में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के लिए बधाई दी। उन्हांेने राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक मामलों को निपटाने का आह्वान किया क्योंकि यह बिना किसी अतिरिक्त लागत या शुल्क के पार्टियों पर बाध्यकारी मामलों के त्वरित और अंतिम सहमति के निपटान को सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी वैकल्पिक विवाद समाधान पद्धति है। आज के 13 जिलों में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में, 46,469 पूर्व मुकदमेबाजी स्तर के मामलों को लिया गया जिसमें से 31,505 मामलों को निपटाया गया तथा रु 8,23,11,630/- की कुल राशि का निपटान किया गया। इसके अलावा, 1,51,258 लंबित मामलों को लिया गया और इनमें से 85,244 मामलों का निपटारा किया गया जिसमें कुल राशि रु 73,36,71,641/- का निपटान किया गया।
पूर्व मुकदमेबाजी और लंबित दोनों चरणों में 1,16,749 कुल मामलों का निपटारा किया गया, जिससे पक्षकारों के बीच 81,59,83,271/-रुपये की कुल राशि का निपटान हुआ।
इसके अलावा, ऋण वसूली न्यायाधिकरण-2 (डीआरटी-2) ने आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया और कुल 100 मामलों में से 83 मामलों को निपटाया गया तथा 35,15,00,000/- की राशि का निपटान किया गया। 13 जिलों में स्थित जिला उपभोक्ता फोरम में जहां आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है, में कुल 778 मामलों में से 138 मामलों को निर्णित किया गया तथा 13,31,710/- की राशि का निपटारा किया गया। राज्य/जिला/उपमंडल स्तर पर विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा अपनाई जा रही Cost Deposit की पारंपरिक प्रथा में डिजिटलीकरण की आवश्यकता को समझते हुए आज हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने SB Collect और Quick Response (QR) Code के माध्यम से Cost Deposit करने की ऑनलाइन सुविधा भारतीय स्टेट बैंक के सहयोग से शुरू की है। इसे न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा लॉन्च किया गया था। उक्त सुविधा को पहले हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, पंचकूला में एक पायलट परियोजना के रूप में लागू किया जाएगा और आने वाले समय में इसे पूरे हरियाणा में लागू करने का इरादा है। यह न केवल डिजिटल लेनदेन के उपयोग को बढ़ावा देगा बल्कि वादकारियों को भी सुविधा प्रदान करेगा:
क) चूंकि एप्लिकेशन उपयोगकर्ता के अनुकूल है क्योंकि वे भुगतान करने में सक्षम होंगे और किसी भी स्थान से और किसी भी समय तत्काल रसीद प्राप्त कर सकेंगे,
ख) Cost Receipt पुस्तकों की छपाई में कागज का उपयोग कम हो जाएगा,
ग) रिकॉर्ड डिजिटल हो जाएगा,
घ) अन्य अनेक लाभों के अलावा समय की कोई बाध्यता नहीं।
इसके अलावा,सर्वोच्च न्यायालय द्वारा (1) दिल्ली डोमेस्टिक वर्किंग वूमेंस फोरम बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और (2) बचपन बचाओ आंदोलन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया (CWP no. 427/2022) नामक शीर्षक वाले मामलों में दिए गए निर्देशों के मद्देनजर, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने मौजूदा मॉडल अभियोजन योजना में आवश्यक संशोधन किए हैं जिसका नाम मॉडल अभियोजन योजना (संशोधित 2022) रखा गया है। इस संशोधित योजना का शुभारंभ माननीय न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, पंचकुला के प्रशासनिक भवन से किया। इससे पहले, उक्त योजना के तहत, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार और अन्य अपराधों के पीड़ितों को कानूनी सहायता, अभियोजन परामर्श प्रदान किया जा रहा था। अब यह संशोधित योजना लापता बच्चों के परिवारों से भी संबंधित है। इस योजना में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, किशोर न्याय बोर्ड, पुलिस और पैनल अधिवक्ताओं आदि सहित विभिन्न हितधारकों की भूमिका को परिभाषित किया गया है। लापता बच्चों के लिए योजना को लागू करने के उद्देश्य से योजना के तहत एक क्रियाविधि को भी परिभाषित किया गया है। उक्त योजना के अनुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के पैनल अधिवक्ता संबंधित न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले पुलिस स्टेशनों का दौरा करेंगे और बलात्कार के पीड़ितों और महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों सहित लापता बच्चों के परिवारों को कानूनी सहायता प्रदान करेंगे।