अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: राहुल गांधी ने बुरहान पुर , मध्य प्रदेश में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्यार भरे स्वागत के लिए आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद। जो महाराष्ट्र से हमारे साथ आए हैं और महाराष्ट्र में आप वापस जाओगे। आप सही बोल रहे हो, आपको हमने ‘ए प्लस’ ग्रेड दिया था, क्योंकि महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा बहुत अच्छी तरह इन्होंने ऑर्गेनाइज की, उसका बहुत अच्छा मैसेज महाराष्ट्र में और पूरे देश में गया।
ये यात्रा हमने कन्याकुमारी में शुरु की थी, और जब हमने शुरु की, तो विपक्ष के लोगों ने कहा था कि हिंदुस्तान 3,300 किलोमीटर लंबा है और ये पैदल किया नहीं जा सकता और अब हम मध्य प्रदेश आए हैं, 370 किलोमीटर यहाँ चलेंगे और ये जो यात्रा, ये जो हमारा तिरंगा है, इसको श्रीनगर लहराएगी, इसको कोई नहीं रोक सकता। ये तिरंगा जाएगा, श्रीनगर जाएगा और वहाँ पर इस तिरंगे को हम लहराएंगे। यात्रा के पीछे 2-3 लक्ष्य हैं।
सबसे पहला- जो नफरत, हिंसा और डर हिंदुस्तान में फैलाया जा रहा है, उसके खिलाफ ये यात्रा है। देखिए, तरीका क्या है, बीजेपी का- सबसे पहले डर फैलाना। किनके दिल में डर- युवाओं के दिल में। कैसे- बेरोजगारी बढ़ाकर। हमारे जो उत्पादक हैं, जो किसान हैं, उनके दिल में डर, कैसे- सही दाम न देकर, बीमा का पैसा न देकर, कर्जा माफ न करके। मजदूरों के दिल में डर, कैसे- मनरेगा को न चलाकर। तो ये पहले डर फैलाते हैं और फिर जब अच्छी तरह फैल जाता है, फिर उसको वो हिंसा में बदल देते हैं।
देखिए, हिंसा कोई चीज नहीं होती। हिंसा डर का ही एक रुप है। जो डरता नहीं है, वो हिंसा भी नहीं कर सकता है। जो डरता है, वो ही हिंसा करता है। तो पहला लक्ष्य हिंदुस्तान के जो उत्पादक हैं, जो किसान हैं, जो मजदूर हैं, जो युवा हैं, माताएं-बहनें हैं, उनके दिल से डर मिटाना। मतलब, डरो मत, किसी से डरो मत, ये हिंदुस्तान है। इस हिंदुस्तान में किसी को डरने की जरुरत नहीं है, पहली बात।
दूसरी बात, जहाँ भी हम चल रहे हैं, युवाओं से मिल रहे हैं। नाम क्या है तुम्हारा? (जनता में से एक बच्चे से पूछते हुए) (बच्चे ने कहा- रूद्रा) रूद्रा! रूद्रा, बड़े होकर तुम क्या करना चाहते हो। रूद्रा, देखो, क्या उम्र है, तुम्हारी? (बच्चे ने कहा- 5 साल)। देखो, रूद्रा पांच साल का है। इधर आओ, भईया, दिखाओ अपना चेहरा इनको, यहाँ ऊपर आओ (बच्चे को स्टेज पर बुलाते हुए कहा)। ये रूद्रा जो है, थोड़ा ऐसे करो (बच्चे से हवा में हाथ हिलाने का इशारा करते हुए कहा) दम से करो, चलो, मध्य प्रदेश के हो। दम से करो, शाबाश।
ये जो बच्चा है। 5 साल का है। ये जानता है कि ये डॉक्टर बनना चाहता है। ये कोई छोटी बात नहीं है, इसने अपना सपना बना लिया है। अब ये उसके लिए काम करेगा। स्कूल जाओगे, पढ़ोगे, डॉक्टर बनने की कोशिश करोगे और इनका सपना है कि एक दिन ये डॉक्टर बने। मगर आज के हिंदुस्तान में रूद्रा का सपना पूरा नहीं हो सकता है। मैं ऐसे नहीं बोल रहा हूँ। 70 दिनों से मैं चल रहा हूँ, हर प्रदेश में मैं रूद्रा जैसे बच्चों और युवाओं से मिला हूँ, 5 साल के, 10 साल के, 15 साल के, 20 साल के। कोई इंजीनियर बनना चाहता है, कोई डॉक्टर बनना चाहता है, कोई वकील बनना चाहता है। सारे के सारे शिक्षा के इंस्टीट्यूशन प्राईवेटाइज हो गए हैं। तो अगर रुद्रा को डॉक्टर बनना है, तो लाखों रुपए पहले माता-पिता की जेब से निकलने होंगे, करोड़ों, और उसके बाद रूद्रा को पता लगेगा कि माता-पिता के खून पसीने ने उसको शिक्षा दिलवाई, मगर जब डॉक्टर बनने का टाइम आया, वो डॉक्टर नहीं बन पाएगा और उसको मजदूरी करनी पड़ेगी। ये है आज का हिंदुस्तान। ऐसा हिंदुस्तान हम नहीं चाहते हैं, बेरोजगारी का हिंदुस्तान हम नहीं चाहते हैं। इस हिंदुस्तान में 3-4 अरबपति, जो भी सपना देखना चाहते हैं, देख सकते हैं, पूरा कर देते हैं। सारी की सारी इंडस्ट्री उनके हाथ में है। दिख रहा है, केरल से यहाँ तक, पोर्ट्स उनके हाथ में, एयरपोर्ट्स उनके हाथ में, सड़कें उनके हाथ में, टेलिकॉम उनके हाथ में, सब कुछ उनके हाथ में, रेलवेज उनके हाथ में जा रही है। ऐसा हिंदुस्तान हमें नहीं चाहिए। ये अन्याय का हिंदुस्तान है, हमें न्याय चाहिए, गरीबों को न्याय मिलना चाहिए, तो दूसरी बात ये है।
तीसरा बात, हमारी यहाँ बहने हैं, आपका नाम क्या है, (एक महिला से उसका नाम पूछते हुए कहा), (महिला ने जवाब दिया, रीना पवार)। रीना पवार जी, आप मुझे एक बात बताइए, जब यूपीए की सरकार थी, गैस सिलेंडर का क्या रेट था? (महिला ने कहा- 400 रुपए), 400 रुपए। आज क्या रेट है? (महिला ने कहा-1,200 रुपए), 1,200 रुपए। अब 400 और 1,200 रुपए में फर्क देखिए, ये पैसा कहाँ जा रहा है, किसकी जेब में जा रहा है, आप मुझे ये बता दीजिए? ये किसकी जेब में जा रहा है और पेट्रोल का दाम 60 रुपए प्रति लीटर था, आज क्या है- 100 रुपए, 107 रुपए। ये किसकी जेब में जा रहा है, ये भी बता दो। आपकी जेब में से निकल रहा है, किसान की जेब में से निकल रहा है, छोटे व्यापारी की जेब में से निकल रहा है, किसकी जेब में जा रहा है- वही 3-4 बड़ेउद्योगपति हैं, उन्हीं की जेब में जा रहा है।
तो यही तीन मुद्दे हैं, भारत जोड़ो, डरो मत। दूसरा मुद्दा, बेरोजगारी के खिलाफ भारत जोड़ो यात्रा खड़ी है और श्रीनगर तक जा रही है और तीसरा मुद्दा, महंगाई।
मुझे आज बहुत खुशी हो रही है, मध्य प्रदेश में हम पहला कदम रख रहे हैं। आपसे बहुत बातचीत होगी, बहुत गले लगेंगे आपके, किसानों की समस्या समझेंगे, हर प्रदेश में समस्या थोड़ी अलग होती है। जैसे यहाँ पर मैंने देखा, यहाँ पर केले के खेत, वहाँ पर कपास के थे। तो हर किसान, हर स्टेट में थोड़ा अलग होता है, हर डिस्ट्रिक्ट में थोड़ा अलग होता है। हम 7-8 घंटे चलते हैं, आज थोड़ा लेट हो गए, आज 7:20 हो गए, हम आमतौर से 6 बजे सुबह शुरु करते हैं और शाम को 7-8 बजे तक हम चलते हैं। 25 किलोमीटर एवरेज बनता है और उसमें हम चलते हुए बातचीत भी करते हैं। हम अपनी बात नहीं रखते, मुंह बंद, कान खुले। बता रहा हूँ, मुंह बंद, कान खुले। ‘मन की बात’ की तरह नहीं, हमारे मन की बात नहीं, आपके मन की बात क्या है, किसानों के मन की बात क्या है, बहनों की, युवाओं के मन की बात क्या है, मजदूरों के मन की बात क्या है, छोटे व्यापारियों के मन की बात क्या है, ये हम सुनते हैं, दिनभर सुनते हैं और फिर 15 मिनट, ज्यादा से ज्यादा 20 मिनट, 7 बजे शाम को हम अपनी बात करते हैं।तो बहुत मजा आएगा, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को थोड़ी थकान होगी, (कार्यकर्ताओं ने कहा- नहीं होगी) और आप देखना, लाखों लोग, लाखों किसान, लाखों युवा, बेरोजगार युवा इस यात्रा में शामिल होंगे और पूरे मध्य प्रदेश में चलकर दिखाएंगे।
बहुत-बहुत धन्यवाद। जय हिंद।