अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राज कुमार ने आज प्रबंधन के छात्रों को प्रबंधन अभ्यास के लिए ‘भगवद गीता’ का संदर्भ लेने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भगवद गीता प्रबंधन अध्ययन के लिए सहायक आधार है। भगवान कृष्ण की शिक्षाएं संकट के समय में सर्वोत्तम प्रबंधन अभ्यास देती हैं। प्रो. राज कुमार आज जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में शिक्षकों और छात्रों के साथ एक परिचर्चा सत्र को संबोधित कर रहे थे। वे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो सुशील कुमार तोमर ने की। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्जवलन और सरस्वती वंदना के बाद विश्वविद्यालय की कुलगीत से हुई।
प्रतिष्ठित शिक्षाविद और शैक्षिक प्रशासक, प्रो. राज कुमार, जोकि इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में प्रोफेसर रहे हैं, ने कहा कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय की रणनीतिक स्थिति के कारण इसका तकनीकी शिक्षा के योगदान में एक निर्णायक कारक रहा है। उन्होंने कहा कि अवसर हमेशा चुनौतियों को कमजोर करते हैं, इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन परिसर और भवन को दूसरी प्राथमिकता के रूप में रखते हुए इंक्यूबेशन सेंटर पर ज्यादा जोर देना चाहिए।
प्रो. राज कुमार ने कहा कि छात्रों को खुद को कक्षाओं या प्रयोगशाला की चारदीवारी तक सीमित न रखते हुए कार्यक्षेत्र में जाना चाहिए और प्रमाणिक जानकारी और अभिनव विचारों को प्राप्त करना चाहिए। उन्होंने छात्रों को इंक्यूबेशन सेंटर में अपने अभिनव विचारों पर काम करने के लिए भी प्रेरित किया।इससे पहले विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. तोमर ने प्रो. राजकुमार के प्रति आभार व्यक्त किया जोकि पंजाब विश्वविद्यालय में उनके सहयोगी रहे है।
उन्होंने जे.सी. बोस विश्वविद्यालय और पंजाब विश्वविद्यालय के बीच हुए समझौते पर भी विस्तार से चर्चा की। सत्र को संबोधित करते हुए मैनेजमेंट स्टडीज के डीन डॉ. आशुतोष निगम ने विभाग का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया तथा विभाग की गतिविधियों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में प्रबंधन अध्ययन की सहायक प्राध्यापक डॉ. सपना तनेजा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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