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दिल्ली राजनीतिक राष्ट्रीय

भारतीय जनता पार्टी ने आज नई दिल्ली में विशाल जनसभा को किया संबोधित।


अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
दिल्ली नगर निगम चुनाव और फिर दिल्ली विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की शानदार विजय और आम आदमी पार्टी की करारी हार तय है। दिल्ली नगर निगम में हम लगातार तीन तीन बार जीतकर आए हैं। एक बार 168 सीटों के साथ जीते, एक बार 138 सीटों के साथ तो पिछली बार 181 सीटों से आए। इस बार भी दिल्ली की जनता ने
भारी बहुमत से दिल्ली नगर निगम के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को आशीर्वाद देने का मन बना लिया है।

● केजरीवाल ने घोटालों के बहुत सारे नए रिकार्ड बनाए हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इनकी सरकार ने दिल्ली में शराब पर कमीशन को 2% से बढ़ा कर 12% कर दिया और इसमें आम आदमी पार्टी ने 6 प्रतिशत का कमीशन खाया। अरविंद केजरीवाल कहते थे कि दिल्ली में शराब दुकानें कम कर दूंगा लेकिन सरकार में आने के बाद इन्होंने दिल्ली के
मोहल्ले-मोहल्ले में शराब के ठेके खोल दिए। अरविंद केजरीवाल कहते थे कि वे दिल्ली में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा देने लेकिन उन्होंने शराब के एक बोतल पर एक फ्री बोतल दिया।

● केजरीवाल ने जेल में भी वर्ल्ड क्लास मसाज की व्यवस्था की। शिक्षा में भी अरविंद केजरीवाल सरकार ने बहुत अच्छा काम किया। एक रेपिस्ट को थेरेपिस्ट बना दिया और मनीष सिसोदिया इसका बचाव इस तरह से कर रहे थे कि शर्म को भी शर्म आ जाए।

● इनके एक बड़े मंत्री सत्येंद्र जैन पिछले पांच महीने से कोर्ट के आदेश से जेल में बंद है। केजरीवाल कहते थे कि एक भी टिकट बेईमान लोगों को नहीं देंगे। आज हालत ये है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव में आम आदमी द्वारा टिकट बेचे जाने की ख़बरें चल रही हैं। केजरीवाल सरकार के तीन-तीन मंत्री जेल में हैं और कई बेल पर हैं। इनके एक मंत्री अमानतुल्लाह खान भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद हैं तो ताहिर हुसैन दंगे के मामले में जेल में बंद है। सत्येंद जैन पर तो मनी लॉन्ड्रिंग जैसे संगीन अपराध हैं। आम आदमी पार्टी की निर्लज्जता देखिये कि जेल में बंद होने के बावजूद आज तक सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से नहीं हटाया। आखिर कौन सी मजबूरी है? यह चुनाव ऐसे भ्रष्टाचारियों को मुंहतोड़ जवाब देने का चुनाव है।

● अरविन्द केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के स्कूलों के क्लास और टॉयलेट्स के निर्माण में भी घोटाला किया। दिल्ली में स्कूलों में लगभग 2526 कमरे और 160 टॉयलेट्स बनाने थे जिसके लिए 860 करोड़ रुपये का टेंडर जारी हुआ था। सेन्ट्रल विजिलेंस कमीशन ने अपने ऑब्जरवेशन में एक क्लास रूम की निर्माण लागत 5 लाख रुपये आंकी जबकि अरविन्द केजरीवाल सरकार ने ठेकेदारों को लगभग एक क्लास के लिए 33 लाख रुपये का भुगतान किया। आज दिल्ली के लगभग 745 स्कूलों में प्रिंसिपल ही नहीं हैं। दिल्ली के लगभग 70 प्रतिशत स्कूलों में सायंस और कॉमर्स की पढ़ाई की व्यवस्था ही नहीं है। ये दिल्ली का असल शिक्षा मॉडल है। स्कूलों के पास शराब की दुकानें खोली गई। जो शिक्षा मंत्री है, वही शराब मंत्री भी है और इस पर बेशर्मी देखिये कि ये फ्रॉड के लिए मैडल मांग रहे हैं और यहाँ तक कि भारत रत्न और पद्मश्री की भी मांग कर रहे हैं!

● 2015 में अरविन्द केजरीवाल जी ने दिल्ली में 11,000 बसों को उतारने का वादा किया था लेकिन वह वादा भी अधूरा ही है। केजरीवाल सरकार ने डीटीसी की 1,000 बसों की खरीद और मेंटेनेंस में भी भारी अनियमितता की। इन बसों की खरीद के लिए लगभग 850 करोड़ रुपये की डील हुई जबकि इन बसों के मेंटिनेंस के लिए 3,500 करोड़ रुपये की डील की गई। बवाल होने पर टेंडर को रोक दिया गया।

● बिजली बिल में भी अरविन्द केजरीवाल सरकार ने जम कर भ्रष्टाचार किया। बिजली कंपनियों में अरविन्द केजरीवाल ने अपने लोगों को डायरेक्टर के रूप में बिठा कर भारी घोटाला किया। जिन बिजली कंपनियों पर दिल्ली सरकार का बड़ा बकाया था, उस पर ब्याज की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 कर दी गई जिससे सरकारी खजाने को भारी आर्थिक
नुकसान हुआ।

● दिल्ली जल बोर्ड पहले लगभग 500 करोड़ रुपये से अधिक के लाभ में था लेकिन आज यह करोड़ों रुपये के घाटे में चला गया है।

● पूसा इंस्टीट्यूट में 2.40 लाख रुपये का पराली नष्ट करने का एक घोल बनाया गया। इसके विज्ञापन पर अरविंद केजरीवाल सरकार ने 24 करोड़ रुपये का खर्च किया। इन्होंने वादा किया था कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर पराली की समस्या को समाप्त कर देंगे लेकिन हालत ये हो गई है कि पंजाब में तो इस बार सबसे अधिक पराली जली है। दिल्ली को इन्होंने गैस का चैंबर बना दिया है। कर्मचारियों को वेतन देने के लिए इनके पास पैसे नहीं हैं लेकिन केजरीवाल सरकार ने लगभग 675 करोड़ रुपये सरकारी विज्ञापन देने में खर्च कर दिए। यह सरकार चल रही है या विज्ञापन चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने इनको बेनकाब किया है और लोकतांत्रिक माध्यम से इन्हें करारा
जवाब दिया है।

● आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा विधान सभा का भी चुनाव लड़ा था। गोवा और उत्तराखंड में तो ये आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने का दावा कर रहे थे। जब चुनाव परिणाम आया तो हालत ये हो गई कि पांच-छःसीटों को छोड़कर यूपी, उत्तराखंड और गोवा में हर जगह इनकी जमानत जब्त हो गई। हिमाचल में भी इन्होंने चुनाव
लड़ा है। वहां इनकी 67 की 67 सीटों पर जमानत जब्त होगी। इनका यही हाल गुजरात में भी होगा। दिल्ली की जनता भी नगर निगम चुनाव में इन्हें प्रजातांत्रिक माध्यम से सबक सिखाएगी क्योंकि इनका प्रचार कुछ और है और सच्चाई कुछ और।

● दिल्ली की जनता हमारे साथ विपरीत परिस्थितियों में खड़ी रही है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एमसीडी के माध्यम से निचले स्तर की राजनीति करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आम आदमी पार्टी सरकार ने एमसीडी का बजट बढ़ाने के बदले घटाया है। 2018 में एमसीडी का बजट 7 हजार करोड़ रुपये था जबकि 2021 में यह घट कर 6,121
करोड़ रुपये रह गया है।

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