अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
कांग्रेस अध्यक्ष,मल्लीकार्जुन खरगे का महासचिव प्रभारी, प्रदेश अध्यक्षों एवं विधायक दल के नेताओं की मीटिंग में संबोधन: के सी वेणूगोपाल, पवन कुमार बंसल,अशोक गहलोत ,भूपेश बघेल, सभी प्रभारी महासचिव एवं Incharges, प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक दल के नेतागण..मेरे अध्यक्ष बनने के बाद महासचिवों, PCC अध्यक्षों एवं CLP नेताओं के साथ मेरी यह पहली औपचारिक मीटिंग है। मैं आप सभी का बहुत – बहुत स्वागत करता हूं। यह बैठक “हाथ से जोड़ो हाथ” अभियान के संबंध में बुलाई गई है। वेनूगोपाल इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इसके पहले मैं कुछ ज़रूरी बातें आपको बताना चाहता हूँ। आज ही संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हुआ। जनता के मुद्दों को हम लोगों ने अपने स्तर पर उठाने का सभी संभव प्रयास किया। अन्य 18 विपक्षी दलों को साथ लेकर चीन की घुसपैठ और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ, जनता के महत्व के विभिन्न मुद्दों पर अपनी बातों को रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
सरकार को हमारी बात सुननी चाहिए थी और बहस कराना चाहिए था। हमने ये भी कहा कि rule से अलग कुछ बातें Parliamentary precedence की भी होती हैं, परन्तु ना तो rule को माना गया और ना ही precedence को। हमने संसद के कामकाज में सुचारू संचालन में सहयोग दिया और उसमें कोई रुकावट नहीं आया। पिछले सत्रों में सरकार हमें संसद नहीं चलने देने के लिए ज़िम्मेदार ठहराती रही है। क्योंकि जनता के मुद्दों को लेकर हमारे साथी अड़ जाते थे। इस सत्र में विपक्ष के साथियों के साथ मिल कर हमने प्रमुख 16 मुद्दों को आगे रखा। सत्र के दौरान हमने विपक्ष के फ्लोर लीडर्स की तीन बैठकें भी बुलायीं, जिसमें प्रमुख दलों के नेता मौजूद रहे। लेकिन दुख के साथ कहना पड़ता है कि इन मुद्दों में से एक पर भी मोदी सरकार बहस कराने को तैयार नहीं हुई। समूचा विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा, महँगाई- बेरोज़गारी पर चर्चा की माँग करता रहा और सरकारी पक्ष किसी न किसी मनगढ़ंत बहाने से लगातार चर्चा से भागती रही।
2. एक बात ज़रूर गौर करने वाली है कि चाहे वो चीन के अतिक्रमण का सवाल हो या युवाओं को रोज़गार देने का, बढ़ती महंगाई हो या फिर दूसरा जनता से जुड़ा अहम मसला, सरकार किसी का जवाब नहीं दे सकी। जवाब के नाम पर BJP की तरफ़ से सिर्फ़ और सिर्फ़ व्यक्तिगत हमला किया जाता है। यह मोदी सरकार की घनघोर Governance Failure का प्रमाण है। अगर इस सत्र का निष्कर्ष निकालें तो ये कहा जा सकता है कि चीनियों द्वारा तवाँग में अतिक्रमण पर चर्चा से बचने का बहाना ही ढूँढते रहे। आख़िर में हमारे नेताओं को भला बुरा कहना और उन पर टीका-टिप्पणी, ये इनकी ओछी मानसिकता दिखाता है। मैंने ये बातें आपको विस्तार से इसलिए बताई ताकि आप वापस अपने क्षेत्रों में लौट कर वहां की जनता को हकीकत बता सकें। साथियों आप को ध्यान होगा कि पिछली स्टीयरिंग कमिटी की मीटिंग में मैंने सभी से ज़िम्मेदारी लेने की बात की थी- “Organiza tional Accountability from top to bottom” की बात की थी। इस बात को दोहराये बगैर मैं उसमें एक बात और जोड़ना चाहता हूं- Performance Measurement की। ऐसा न हो कि नियुक्तियां केवल शोभा की वस्तु बनी रह जाये और पार्टी को फायदा न हो। इस कारण आप सभी से कहना चाहता हूँ कि सभी नियुक्तियों के 6-6 महीने बाद उस पदाधिकारी के कार्य का आकलन जरूर करें। और आवश्यक हो तो इन नियुक्तियों को review या पुनर्विचार भी करें। अभी प्रदेशों में ब्लॉक और ज़िला Level पर नियुक्तियाँ होनी हैं । PCC -प्रदेश समितियों के गठन में इस बात पर विशेष ध्यान रहे कि सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व ज़रूर हो, जिससे हर व्यक्ति अपने आप को पार्टी से जुड़ा हुआ महसूस करे।
नियुक्तियों में ख़ास तौर पर Merit और वफ़ादारी का ध्यान जरूर रखें।योग्य और क्षमतावान पदाधिकारी अपने साथ योग्य व्यक्तियों को जोड़ेगा। इससे संगठन कारगर और मज़बूत बनेगा। व्यक्तिगत
पसंद- नापसंद के आधार पर होने वाली नियुक्तियां संगठन को इस तरह से खोखला बना देती हैं कि हमें पता भी नहीं चलता। इससे सच्चे और समर्पित कार्यकर्ताओं में को निराशा और उदासीनता पैदा होती है। इसलिए मुझे लगता है कि आप ये विशेष ध्यान रखें कि एक भी योग्य व्यक्ति नज़र अंदाज़ नहीं हो।
3. हमने हाल ही में बड़े स्तर पर डिजिटल मेम्बरशिप की है, जिसमें क़रीब 2.6 करोड़ लोग कांग्रेस के सदस्य बने हैं। इसी प्रक्रिया में लगभग 9800 PCC डिलेगेट्स बने थे, जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में हिस्सा लिया था। हमें अपने PCC डिलेगेट्स और डिजिटल सदस्यों को हाथ से हाथ जोड़ो अभियान में सक्रिय रूप से शामिल करना चाहिये।
आप सभी देख रहे हैं कि राहुल जी इतिहास रचने जा रहे हैं। कल भारत जोड़ो यात्रा दिल्ली पहुँचेगी। जनता से इस यात्रा को अपार जान समर्थन मिल रहा है। इस कारण मोदी सरकार बुरी तरह घबराने लगी है और किसी बहाने से वो यात्रा में रुकावट पैदा करना चाहती है। परंतु ये लोकतंत्र है। राहुल जी की इस मेहनत ने लोगों में जागरूकता पैदा की है। हमें उसे अगली मुक़ाम पर ले कर जाना है । हमें जनता से संवाद जारी रखना है। उन्हें निरन्तर अपने साथ जोड़े रखना है । “हाथ से जोड़ो हाथ” अभियान उसी का हिस्सा है। हम सभी साथियों को हर घर तक बाँटने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गाँधी का पत्र दे सकते हैं। पत्र बाँटते वक़्त हमारे साथी उन घरों के सदस्यों की बेसिक जानकारी एकत्र करेंगे, जो बाद में पार्टी के काफ़ी काम आएगी। कर्नाटक राज्य में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान एक जनवरी से ही शुरू हो रहा है। वहां हम ऐसे डोर टू डोर कैंपेन को पायलट exercise के रूप में शुरू कर सकते हैं, जिसे 26 जनवरी के बाद सभी राज्यों में लागू किया जा सकता है। आखिर में किसानों और किसान मज़दूरों के मुद्दे पर कुछ बातें प्रमुखता से कहना चाहता हूं। तीन काले कानूनो की वापसी के बाद MSP गारंटी और दूसरे मुददों को हमें लगातार उठाते रहना है। खेती के सामानों पर जीएसटी समाप्त करना, किसान सम्मान निधि
में बढोत्तरी और खेती की लागत को कम करने और वाजिब दाम के साथ कई लोकल मुद्दे हमें उठाते रहना है। इस दौर में किसान मज़दूरों की दुर्दशा सर्वाधिक हुई है हमें उनकी जीविका के लिए प्रयासरत रहना है। ये भी देखना है कि किसानो पर दर्ज मुकदमे वापस हुए या नहीं। साथ ही किसानों के काफिले को जीप से रौंदने वाले गृह राज्यमंत्री के मुद्दे की भी हमे याद दिलाते रहना है। ग़रीबों, वंचितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यक बच्चों के साथ भी मोदी सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। इसके बावजूद वो इन्हें समय समय पर गुमराह करती रहती है। पहले SC/ST बच्चों के स्कालरशिप रोकी और अब मौलाना आज़ाद Scholarship पर भी रोक लगा दी। इसके बारे में आपको जनता को जागरूक करना है।
4.अंत में मैं यहाँ हिमाचल के प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, विधायक दल के नेता, कैंपेन कमिटी चीफ़, प्रभारी सचिव, ख़ासकर प्रियंका गांधी , भूपेश बघेल को, प्रदेश की जनता को और हमारे कार्यकर्ता को विधानसभा चुनाव में हुई जीत के लिए ढेर सारी बधाई देता हूँ। हम सब को मिलकर मज़बूती के साथ सभी चुनौतियों का सामना करना है। हमने देख लिया कि अगर हम मेहनत करें, योजना के तहत कार्य करें तो BJP को मात देने में कोई संदेह नहीं।