अजीत सिन्हा /नई दिल्ली
श्रीमती प्रियंका गांधी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बहनों और भाइयों,यहाँ पर उपस्थित कांग्रेस के अध्यक्ष,मल्लिकार्जुन खरगे जी, यहाँ पर उपस्थित तमाम नेतागण, दूसरी पार्टियों से भी जो नेता आए हैं, उन सबका भी और राहुल जी का बहुत-बहुत स्वागत और मेरी बधाई।मेरे भाई शायद सितंबर से, 4 या 5 महीनों से पैदल कन्याकुमारी से लेकर यहाँ तक चलने निकले थे। शुरू में मैंने भी सोचा कि बहुत मुश्किल आएगी..(वीडियो अनुपस्थित), कैसे जाएगी, कैसे होगा, लोग स्वागत करेंगे, क्या होगा। लेकिन जहाँ-जहाँ गए कन्याकुमारी से लेकर यहाँ श्रीनगर तक, जहाँ-जहाँ गए, तो लोग बाहर आए। किसलिए आए, क्योंकि इस देश में अभी एक जज्बा है, इस देश के संविधान के लिए, इस देश की धरती के लिए, इस देश की अनेकता में एकता के लिए एक जज्बा है, जो हर एक हिंदुस्तानी के दिल में आज भी है।
मैं कश्मीर की जनता, जम्मू की जनता को धन्यवाद देना चाहती हूं कि आपने खुले दिल से हमारा स्वागत किया। जब मेरे भाई कश्मीर की तरफ आ रहे थे तो उन्होंने एक मैसेज भेजा हमें, मुझे और मेरी मां को। उन्होंने कहा कि मुझे एक अजीब सी फीलिंग हो रही है, महसूस हो रहा है कि मैं अपने घर जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मेरे परिवार वाले मेरा इंतजार कर रहे हैं, वो आकर मुझसे गले मिलते हैं, उनकी आंखों में आंसू होते हैं, तो उनका दर्द, उनके जज्बात मेरे सीने में समा रहे हैं। यहाँ खड़े होते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने एक ऐसी यात्रा की, जिसकी ओर पूरा देश देख रहा है और पूरे देश ने जिसका समर्थन किया। आज जो राजनीति देश में चल रही है, यहाँ खड़े होकर मैं कह सकती हूं, उस राजनीति से देश की भलाई नहीं हो सकती। जो राजनीति बांटती है, तोड़ती है, वो देश का नुकसान करती है। इसलिए एक तरह से ये यात्रा एक आध्यात्मिक यात्रा रही है कांग्रेस पार्टी के नेताओं के लिए जो इसमें शामिल हुए, अन्य पार्टी के नेताओं के लिए जो इसमें शामिल हुए और खास तौर से उन यात्रियों के लिए और राहुल जी के लिए जो इतने दिनों से लगातार देश के एक कोने से दूसरे कोने तक चले।हम सबका कर्तव्य है कि जिस आधार पर ये देश बना, जिस सत्य, अहिंसा और प्रेम के आधार पर इस देश की नींव डली, उसे हम बचाकर रखें। उसे हम बुलंद करें। वही भारत यात्रियों ने हमें दिखाया, एक रास्ता दिखाया है- प्रेम का रास्ता, एकता का रास्ता, सबको एक साथ लेकर चलने का रास्ता। तो आज यहाँ बर्फ में खड़े हुए आप सबको मैं धन्यवाद देना चाहती हूं, बधाई देना चाहती हूं कि आपने हमारे देश में एक रोशनी की किरण दिखाई है और मेरी आशा है कि ये रोशनी पूरे देश में फैलेगी कि नफरत खत्म होगी और प्रेम ही इस देश को आगे बढ़ाएगा और आप सबको एक साथ जोड़ेगा।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments