अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता(राज्यसभा) मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज विजय चौक पर मीडिया को संबोधित किया। मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी पार्टियों के,अपोजिशन पार्टियों के नेतागण हमारे साथ हैं और हम सभी ने मिलकर एक निर्णय लिया कि जो आज देश में आर्थिक दृष्टि से घोटाले हो रहे हैं, उसके बारे में एक आवाज में सदन में उठाना,ये हम सबका मकसद है। इसीलिए हमने एक नोटिस दिया था 267 के तहत मैं आपके लिए वो पढ़कर बताऊंगा ताकि उसमें क्या चीजें हमने लिखी हैं इसका थोड़ा ठीक ढंग से आपको मालूम पड़े।
Suspension of business / notice under Rule 267 for 2 February 2023.
I hereby give notice under Rule 267 of the Rules of Procedure and Conduct a Business in the Council of States of Rajya Sabha of my intention to move the following motion for suspension of business listed for 2nd February, 2023:
“That this House do suspend Zero Hour and relevant rules relating to Question Hour and other businesses of the day to discuss the issue of investment by LIC, Public Sector Banks, and Financial Institutions in companies losing market value, endangering the hard-earned savings of crores of Indians.”
ये हमारा नोटिस है और ये नोटिस पर हम चर्चा चाहते थे,लेकिन जब भी हम नोटिस देते हैं तो मुझे मालूम नहीं हो रहा है किस तरीके का नोटिस देना चाहिए। हर वक्त हमारे नोटिसज़ रिजेक्ट होते हैं और महत्वपूर्ण जो विषय हैं,मुद्दे हैं जब हम उठाते हैं तो उसको चर्चा का अवसर नहीं मिलता है, समय नहीं मिलता है। करोड़ों लोगों से संबंधित इंस्टिट्यूशन का पैसा आज बर्बाद हो रहा है और दूसरी तरफ जो बैंक हैं, एसबीआई बैंक हो और दूसरे-दूसरे नेशनलाइज्ड बैंक हो, उसमें भी गरीब लोग अपना पैसा रखते हैं और वो पैसा भी आज हर जगह डिस्ट्रिब्यूट किया जा रहा है, चंद कंपनियों को दिया जा रहा है और उस कंपनी के बारे में इंटरनेशनली एक रिपोर्ट जो बाहर आई है, यूएस का हिंडनबर्ग जो इंस्टिट्यूट है, उसने बाहर निकाला है। अब जब निकालते ही देश के अंदर जितने भी ये, जिस कंपनी को इन्होंने पैसे दिए थे, उस कंपनी के शेयर तो इतने गिर गए कि बहुत से लोग ऐसा सुन कर वहीं मुर्छा खा कर गिर गए। ऐसी स्थिति इस सरकार ने बना कर रखी है। कौन इस कंपनी के मालिक हैं, आपको तो मालूम है और बार-बार हम एक व्यक्ति के रुप में किसी को टोका-टोकी करने की बजाए हम तो ये कहेंगे कि सरकार ऐसी कंपनियों को कैसे पैसा दे रही है, क्यों प्रेशराइज करके दिला रही है, हमें समझ में नहीं आ रहा है।इसलिए लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए और जो एलआईसी, एसबीआई, दूसरे बैंक, जो सरकारी इंस्टिट्यूशन हैं, इसकी एक जांच होनी चाहिए। इसके लिए हम इस चर्चा की डिमांड करना चाहते हैं या तो ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी हो या सुप्रीम कोर्ट के जो चीफ जस्टिस हैं, उनके नेतृत्व में इसकी जांच हो और डे टू डे रिपोर्ट भी जनता के सामने रखें, उसकी प्रोग्रेस क्या है और किस बैंक से ये जांच चल रही है, इसकी एक ट्रांसपेरेंसी उसमें आती है और लोगों को भी मालूम होता है कि उनके पैसे,उनकी इन्वेस्टमेंट और उनकी कमाई कहाँ गई, कहाँ तक रही, कहाँ तक बच गई, इसका भी उनको एक विश्वास मिलता है। नहीं तो सारे लोगों का, इस देश के जितने भी करोड़ों पॉलिसी होल्डर हैं या बैंक में डिपॉजिट रखने वाले हैं, उनका विश्वास बैंकों पर से उठ जाता है, एलआईसी से उठ जाता है। तो इसलिए लोगों के हित में हम ये काम कर रहे हैं और हमारी मांग यही है कि चर्चा कराओ और हमारी मांग है कि या तो ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बनाओ और उसकी जांच करो या सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के नेतृत्व में कमेटी बनाकर इसकी जांच कराइए और डे टू डे रिपोर्ट बाहर करते जाइए। यही हमारी मांग है, इसलिए हम आपके पास आए हैं और सारी पार्टी के नेता लोग भी हमारे साथ हैं, वो भी एक-एक मिनट अपनी बात रखेंगे।