अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा: सेक्टर-36 साइबर क्राइम थाना पुलिस ने नाइजीरियन गिरोह को किराए और कमीशन पर बैंक खाते मुहैया कराने वाले गिरोह के सरगना जाबिर और साइबर कैफे संचालक दीपक समेत 7 आरोपितों को अरेस्ट किया है। अरेस्ट किए गए आरोपित नाइजीरियन गिरोह को फर्जी आधार कार्ड पर बैंक अकाउंट खोलकर व सिम कार्ड एक्टिवेट कराकर मुहैया कराते थे। उन्हें खातों और सिम कार्ड का इस्तेमाल कर बदमाश लोगों को ठगते थे। गिरोह सेवानिवृत आईपीएस समेत 100 लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुका है साइबर क्राइम थाना पुलिस की गिरफ्त में खड़े जाबिर खान उर्फ जैकी, राजू सिंह उर्फ मच्छू, प्रशांत सिंह, देवव्रत प्रताप सिंह, राहुल कुमार शर्मा, दीपक कुमार गुप्ता और सुमंत कुमार को नाइजीरिया गिरोह को फर्जी आधार कार्ड पर खोले गए बैंक खाते और इन्हीं आधार कार्ड से एक्टिवेट कराए गए सिम कार्ड मुहैया कराने का आरोप है.
साइबर थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि आरोपित साइबर ठगी करने वाले नाइजीरियन गिरोह को बैंक खाते और सिम कार्ड मुहैया कराते थे। फिर नाइजीरिया के ठग मुहैया कराए गए सिम कार्ड से लोगों से संपर्क करते संबंधित बैंक खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर करते थे। गिरोह को एक खाता मुहैया कराने के एवज में आरोपित 20 हजार रुपये लेते थे। सिम कार्ड की कीमत भी अलग से लेते थे। साइबर थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि गिरोह ने सेवानिवृत आईपीएस राम प्रताप सिंह को आरोपितों ने फर्जी फेसबुक आईडी से एक ब्रिटिश महिला जीनथ बन कर फेसबुक के माध्यम से सेवानिवृत आईपीएस राम प्रताप सिंह दोस्ती कर करीब 1.5 करोड़ की विदेशी करेंसी लेकर लखनऊ आने और एयरपोर्ट पर कस्टम द्वारा पकड़े जाने की बात कहकर 8.17 लाख की ठगी कर ली थी। पीड़ित की शिकायत पर नोएडा साइबर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू की। तफ्तीश के दौरान नाइजीरिया के ठग गिरोह के मददगारों के सरगना जाबिर और साइबर कैफे संचालक दीपक समेत 7 आरोपितों को अरेस्ट किया है। आरोपितोंके कब्जे से 107 आधार कार्ड व बैंक पासबुक, दो लैपटॉप, दो सीपीयू, पांच फिंगर प्रिंट मशीन,एक थंब मशीन , रेटिना स्कैनर, आठ मोबाइल और एक आधार कार्ड स्कैनर आदि बरामद किए हैं। साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि जाबिर को पहले हरियाणा की करनाल पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। जाबिर ही नाइजीरियन गिरोह और उनके मददगारों की बीच की कड़ी और सरगना है। पूछताछ में उसने ने बताया है कि वह ठगी करने वाले नाइजीरिया गिरोह को फर्जी आधार कार्ड पर खोले गए बैंक खाते और इन्हीं आधार कार्ड से एक्टिवेट कराई गई सिम कार्ड मुहैया कराता था। नाइजीरिया के ठग इन्हीं नंबर का इस्तेमाल कर फर्जी फेसबुक अकाउंट बना लेते थे। आरोपितों ने लगभग 100 लोगों से दोस्ती कर करोड़ों की ठगी की।
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