अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा:एनटीपीसी दादरी के क्षेत्र के 24 गांवों के किसान के परिवारों की महिला, पुरुष और बच्चे सभी एक समान मुआवजा, नौकरी और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर एनटीपीसी के खिलाफ एक बार प्रदर्शन कर रहे है. सैकड़ों किसान एनटीपीसी के खिलाफ सड़कों पर उतरे लेकिन पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए एनटीपीसी के मुख्य मार्ग को छावनी में बदल और जिसके बाद किसानों एनटीपीसी से आ रही नहर में उतर कर नारेबाजी और प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.नहर में उतर कर नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे ये महिला, पुरुष और बच्चे एनटीपीसी दादरी के क्षेत्र के 24 गांवों के किसान के परिवारों से जिनकी जमीन एनटीपीसी के प्लांट को बनाने के लिए अधिग्रहित की गई थी.
बीते साल में नवम्बर जब किसानों के प्रदर्शन किया था और एनटीपीसी के मुख्य प्रवेश मार्ग को जाम कर दिया तब पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की बौछार मारकर और लाठीचार्ज कर उन्हें तितर-बितर करना पड़ा इस बार पुलिस बैरिकेटिंग कर इलाके को छावनी में बदल दिया.जिसके बाद किसानों एनटीपीसी से आ रही नहर में उतर कर नारेबाजी और प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.इन किसानों का आरोप है कि एनटीपीसी के प्लांट बनने समय ये वादा किया गया था. कि यहां क्षेत्रीय युवाओं को नौकरी में तवज्जो दी जाएगी. बच्चों की पढ़ाई के लिए अच्छे स्कूल, अस्पताल खोले जाएंगे, सामुदायिक भवन बनेंगे. ऐसा कुछ नहीं हुआ. 30 साल में एक भी वादा पूरा नहीं किया गया.
इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुखबीर पहलवान ने बताया कि एनटीपीसी में करीब 24 गांवों की जमीन का अधिग्रहण वर्ष 1986 में किया था। जिसके लिए एनटीपीसी ने किसानों को 6 रुपये प्रति गज के हिसाब से मुआवजा दिया था तो वहीं इस वित्तीय वर्ष में कुछ किसानों को 120 रुपये प्रति गज के हिसाब से मुआवजा दिया गया था। दोनों मुआवजे की दर में बहुत अंतर होने के चलते किसान आंदोलन करने को मजबूर हो गए। सुखबीर पहलवान का कहना है कि, किसान एक समान मुआवजा दर की मांग कर रहे हैं। इसके साथ प्रभावित किसानों के परिवार से एक जने को एनटीपीसी में नौकरी दी जाए और अन्य सुविधाएं भी दी जाएं। जिसको लेकर किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।
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